इंडियन रोड कांग्रेस की 212वीं मिड टर्म बैठक प्रारम्भ
जयपुर,
14 जुलाई। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने
कहा है कि दुनिया बदल रही है, देश बदल रहा है और आज आम व्यक्ति काम चाहता
है। उसकी उम्मीदों को पूरा करने के लिए अभियंताओं को ‘आउट ऑफ द बॉक्स’ सोच
के साथ निर्माण कार्यों में नवाचार, रिसर्च एवं नवीन तकनीकी को अपनाते हुए
अपने माइण्ड सेट और कार्यसंस्कृति में बदलाव लाना होगा।
श्री
गड़करी शुक्रवार को उदयपुर के होटल रेेडिसन ब्लू में इंडियन रोड कांग्रेस
की दो दिवसीय 212वीं मिड टर्म बैठक के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के
रूप में सम्बोधित कर रहे थे। श्री गडकरी ने कहा कि कई बार होने लायक
निर्माण कार्य भी नेगेटिव सोच के कारण नौकरशाही या अभियंंताओं द्वारा या तो
हाथ में ही नहीं लिए जाते या रोक दिए जाते हैं, यह स्थिति बदलनी होगी, अब
केवल समस्या बताना नहीं चलेगा बल्कि उसके समाधान की बात करनी होगी।
उन्होंने कहा कि अमरीका, यूके, जर्मनी जैसे देशों और विश्वभर में सड़क, पुल
एवं अन्य निर्माण क्षेत्र की अच्छी सफल तकनीकों, उनके स्टेण्डर्ड्स को भारत
में भी अपनाना चाहिए और उनसे सम्बन्धित आईआरसी कोड हमारे परिवेश के अनुसार
विकसित किए जाने चाहिए। यह पाश्चात्यीकरण नहीं है बल्कि मॉर्डनाइजेशन है
और हमें मॉर्डनाइजेशन के लिए हमेशा तैयार रहना होगा।
श्री
गडकरी ने कहा कि राजस्थान में अभियंताओं को पुल निर्माण के साथ ही छोटे
बांध बनाकर पानी को रोकने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। उन्होंने जल
संरक्षण की दिशा में नदियों को जोड़ने और सरकार द्वारा किए जा रहे अन्य
प्रयासों की जानकारी दी।
केन्द्रीय मंत्री ने
कहा कि अब निर्माण कार्यों की लागत में कमी लाने की दिशा में भी अभियंताओं
और आईआरसी को मंथन करना होगा। निर्माण में यथा संभव प्रीकास्ट तकनीक को
अनिवार्य किया जाना चाहिए। राजस्थान में बड़ी संख्या में आरओबी बनाए जा रहे
हैं। इन निर्माण कार्यों में एक स्थान पर प्रीकास्ट तकनीक से निर्माण
सामग्री तैयार करने से जहां निर्माण लागत में 25 प्रतिशत तक कमी आएगी
प्रदूषण भी कम होगा।
राज्याेंं से क्षेत्रीय
सैण्ड, माइनिंग एवं अन्य माध्यमों से मिलने वाले वेस्ट पदार्थ के उपयोग से
सड़क निर्माण की लागत कम होगी, स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग डिजाइन से स्टील की
कीमत मेें कमी लाई जा सकेगी और सीमेण्ट लागत में कमी जैसे उपायों से पूरे
निर्माण को कॉस्ट इफेक्टिव बनाया जा सकेगा।
श्री
गडकरी ने कहा कि सड़क या निर्माण परियोजना की त्रुटिपूर्ण डीपीआर बनाने
वाले अभिंयता या संवेदक की भी जिम्मेदारी तय होगी। उन्होनें कहा कि आज
त्रुटिपूर्ण सड़कों के कारण भी बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की
जान जा रही है। सड़कों पर रोड साइनेज, क्रेश बेरियर, अन्य सुरक्षा उपायों
में कमी नहीं होनी चाहिए। पेड़ काटने को हत्या समान बताते हुए श्री गडकरी ने
कहा पेड़ाें का यथा संभव ट्रांसप्लांटेशन करना चाहिए और अगर काटना ही हो तो
एक पेड़ काटने वाले को 10 पेड़ लगाने का प्रावधान रहना चाहिए। उन्होंने
बरसात के मौसम में अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने को कहा।
श्री
गडकरी ने कहा कि जयपुर में रिंग रोड के निर्माण का कार्य रुका पड़ा था
लेकिन अब कुछ ही समय में इसका टेण्डर निकलेगा और अगले दो माह में कार्य
प्रारम्भ हो जाएगा।
बैठक में गृह मंत्री श्री
गुलाबचंद कटारिया, सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री यूनुस खान, सानिवि के
प्रमुख शासन सचिव श्री आलोक, सानिवि के मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव
श्री शिव लहरी शर्मा, मुख्य अभियंता एनएच श्री अनिल कुमार गर्ग, अतिरिक्त
मुख्य अभियंता उदयपुर श्री एम.एल.वर्मा, डीजी, आरडी आईआरसी श्री मनोज
कुमार, विभिन्न राज्यों से आए आईआरसी कौंसिल के सदस्य एवं सानिवि के
अधिकारी शामिल हुए।
नवाचार लाएं, लाभ कमाएं
श्री
गडकरी ने कहा मुम्बई आईआईटी प्रमुख की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी
बनाई जाएगी। कोई भी अभियंता, संवेदक या अन्य उद्यमी निर्माण लागत में कमी
के लिए कोई नवाचार, नई तकनीक लेकर आता है तो वह प्रस्ताव इस कमेटी को भेजा
जाएगा।कमेटी द्वारा अप्रूव्ड होने पर उस परियोजना को जल्द से जल्द स्वीकृति
दे दी जाएगी और अगर इससे परियोजना में लागत में कमी होती है तो लाभ भी
उसी को दे दिया जाएगा। इससे अच्छे नवाचारों के प्रसार में मदद मिलेगी।
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