रासायनिक प्रदुषण से है हाल बेहाल
प्रदुषण नियंत्रण मंडल पूर्ण रूप से उद्यमियों के हाथो की कठपुतली बना
बालोतरा
बालोतरा में संचालित टेक्सटाइल उद्योगों से लूणी नदी में रासायनिक प्रदुषण फेलाने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग लेकर आज प्रदुषण निवारण एवं पर्यावरण सरक्षण समिति ने जिला कलेक्टर को परिवाद दिया ! ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान के बाड़मेर जिले के बालोतरा कस्बे में पिछले करीब 40 वर्षो से टेक्सटाइल उद्योगों का सञ्चालन हो रहा है। इस उद्योग की शुरुवात से ही टेक्सटाइल इकाइयों से निकलने वाला रासायनिक प्रदूषित पानी कस्बे के समीप से गुजरने वाली लूणी नदी में डाला जा रहा है। लूणी नदी एक बरसाती नदी है जो अजमेर के पास से शुरू होती है और जोधपुर जिले से होती हुई बालोतरा तक आती है। इस नदी के मीठे पानी के कारन यह नदी मरूगंगा के रूप में इस क्षेत्र में पूजी जाती थी। लेकिन जब से टेक्सटाइल उद्योगों से निकलने वाला घातक रासायनिक प्रदूषित पानी इस लूणी नदी में डालना शुरू हुआ है तब से यह नदी तेजाबी पानी का दरिया बन गयी है। इसके साथ ही लूणी नदी में डाले गए रासायनिक प्रदूषित पानी ने इस क्षेत्र की प्राकृतिक सम्पदा को भी नष्ट कर दिया है। नदी के किनारे स्तिथ खेत बंजर हो गए है। नदी के किनारे स्तिथ दर्जनों गावो में रहने वाले हजारो किसानो के खेती इस रासायनिक प्रदुषण के कहर से नष्ट हो गयी है। खेती के खराब होने से हजारो किसान बेरोजगार हो गए है। हम किसान लूणी नदी में रासायनिक प्रदुषण की रोकथाम की मांग जिला प्रसाशन, प्रदुषण नियंत्रण मंडल से कर रहे है पर कोई सुनवाई नहीं ही रही है। हम किसान बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योग के रासायनिक प्रदुषण से पूर्ण रूप से दुखी हो गए है। माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने भी लूणी नदी में रासायनिक प्रदुषण से हुए खराबे को देखकर टेक्सटाइल इकाइयों को अनेक बार बंद करवाया है फिर भी उद्यमी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। बालोतरा में संचालित सीईटीपी प्लांटों से ही लूणी नदी में घातक रासायनिक प्रदूषित पानी लूणी नदी में डाला जा रहा है जो गंभीर कृत्य है। हम किसानो की रोजी रोटी को बालोतरा के रासायनिक प्रदुषण ने खत्म कर दिया है। बालोतरा व् बिठूजा में सीईटीपी ट्रस्ट ने लूणी नदी के किनारे पर एचारटीएस प्लांट के नाम पर रासायनिक प्रदूषित पानी के तालाब बना दिए है। एचारटीएस प्लांट पूर्णतः कच्चे है। नियमानुसार एचारटीएस प्लांट का फर्श पक्का होना चाहिए जो बिठूजा व् बालोतरा में नहीं है। इन कच्चे प्लांटों से रिसकर बड़ी तादाद में रासायनिक प्रदूषित पानी लूणी नदी में उतर रहा है जिससे नदी का भूगर्भ खराब हो गया है। हम किसानो का निवेदन है कि जब तक एचारटीएस प्लांटों का निर्माण पक्का नहीं हो जाता है तब तक इन प्लांटों में पानी नहीं भरा जाये ताकि नदी में प्रदूषित पानी नहीं आये।
प्रदुषण नियंत्रण मंडल पूर्ण रूप से उद्यमियों के हाथो की कठपुतली बना
बालोतरा
बालोतरा में संचालित टेक्सटाइल उद्योगों से लूणी नदी में रासायनिक प्रदुषण फेलाने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग लेकर आज प्रदुषण निवारण एवं पर्यावरण सरक्षण समिति ने जिला कलेक्टर को परिवाद दिया ! ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान के बाड़मेर जिले के बालोतरा कस्बे में पिछले करीब 40 वर्षो से टेक्सटाइल उद्योगों का सञ्चालन हो रहा है। इस उद्योग की शुरुवात से ही टेक्सटाइल इकाइयों से निकलने वाला रासायनिक प्रदूषित पानी कस्बे के समीप से गुजरने वाली लूणी नदी में डाला जा रहा है। लूणी नदी एक बरसाती नदी है जो अजमेर के पास से शुरू होती है और जोधपुर जिले से होती हुई बालोतरा तक आती है। इस नदी के मीठे पानी के कारन यह नदी मरूगंगा के रूप में इस क्षेत्र में पूजी जाती थी। लेकिन जब से टेक्सटाइल उद्योगों से निकलने वाला घातक रासायनिक प्रदूषित पानी इस लूणी नदी में डालना शुरू हुआ है तब से यह नदी तेजाबी पानी का दरिया बन गयी है। इसके साथ ही लूणी नदी में डाले गए रासायनिक प्रदूषित पानी ने इस क्षेत्र की प्राकृतिक सम्पदा को भी नष्ट कर दिया है। नदी के किनारे स्तिथ खेत बंजर हो गए है। नदी के किनारे स्तिथ दर्जनों गावो में रहने वाले हजारो किसानो के खेती इस रासायनिक प्रदुषण के कहर से नष्ट हो गयी है। खेती के खराब होने से हजारो किसान बेरोजगार हो गए है। हम किसान लूणी नदी में रासायनिक प्रदुषण की रोकथाम की मांग जिला प्रसाशन, प्रदुषण नियंत्रण मंडल से कर रहे है पर कोई सुनवाई नहीं ही रही है। हम किसान बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योग के रासायनिक प्रदुषण से पूर्ण रूप से दुखी हो गए है। माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने भी लूणी नदी में रासायनिक प्रदुषण से हुए खराबे को देखकर टेक्सटाइल इकाइयों को अनेक बार बंद करवाया है फिर भी उद्यमी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। बालोतरा में संचालित सीईटीपी प्लांटों से ही लूणी नदी में घातक रासायनिक प्रदूषित पानी लूणी नदी में डाला जा रहा है जो गंभीर कृत्य है। हम किसानो की रोजी रोटी को बालोतरा के रासायनिक प्रदुषण ने खत्म कर दिया है। बालोतरा व् बिठूजा में सीईटीपी ट्रस्ट ने लूणी नदी के किनारे पर एचारटीएस प्लांट के नाम पर रासायनिक प्रदूषित पानी के तालाब बना दिए है। एचारटीएस प्लांट पूर्णतः कच्चे है। नियमानुसार एचारटीएस प्लांट का फर्श पक्का होना चाहिए जो बिठूजा व् बालोतरा में नहीं है। इन कच्चे प्लांटों से रिसकर बड़ी तादाद में रासायनिक प्रदूषित पानी लूणी नदी में उतर रहा है जिससे नदी का भूगर्भ खराब हो गया है। हम किसानो का निवेदन है कि जब तक एचारटीएस प्लांटों का निर्माण पक्का नहीं हो जाता है तब तक इन प्लांटों में पानी नहीं भरा जाये ताकि नदी में प्रदूषित पानी नहीं आये।
हम किसानो की कही सुनवाई
नहीं हो रही है ! बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योग से लूणी
नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी डालकर नदी को नष्ट करने वाले उद्यमियो व्
सीईटीपी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर किसानो को राहत दिलाने की मांग की !
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