बारिश की आड़ में बिठूजा सीईटीपी प्लांट से
लूणी नदी में छोड़ा रासायनिक प्रदूषित पानी,
लूणी नदी में छोड़ा रासायनिक प्रदूषित पानी,
बिठूजा के उद्यमी नहीं आ रहे हरकतों से बाज,
अब एनजीटी का डंडा चलना तय
बालोतरा
एक
और सरकार बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योग को संरक्षण देने के लिए भरसक प्रयास
कर रही है पर दूसरी और टेक्सटाइल उद्यमी इस टेक्सटाइल उद्योग को धोबी घाट
समझ कर एनजीटी के आदेशो की धज्जिया उड़ा रहे है। हर बार की तरह इस बार भी
बिठूजा सीईटीपी प्लांट से कच्चा चैनल बनाकर लूणी नदी में प्लांट में भरा
पूरा रासायनिक प्रदूषित पानी खाली कर दिया है। लूणी नदी में बड़ी तादाद में
रासायनिक प्रदूषित पानी भरा हुआ पड़ा है पर प्रदुषण नियंत्रण मंडल के
अधिकारियो को उनकी आँखों पर चढ़ी चांदी की दिवार के कारण कुछ भी नजर नहीं आ
रहा है। बिठूजा टेक्सटाइल उद्यमी चंद लालच के कारण हजारो किसानो और उनके
परिजनों के साथ खिलवाड़ कर उनकी रोजी रोटी पर लात मार रहे है। आज शाम को
सीईटीपी प्लांट के पिछवाड़े से बड़ी तादाद में लूणी नदी में रासायनिक
प्रदूषित पानी डाल दिया गया है। पिछले वर्ष भी नदी में आये प्राकृतीक जल
बहाव में रासायनिक प्रदूषित पानी खाली कर दिया था। उस समय प्रदुषण निवारण
एवम् पर्यावरण संरक्षण समिति ने मंडल के आला अधिकारियो सहित जिला कलेक्टर
व् उपखंड अधिकारी को सुचना देकर सीईटीपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।
सरकार बनी लूणी नदी को बर्बाद करने वाले टेक्सटाइल उद्यमियो की सरक्षक-
लूणी
नदी में लगातार रासायनिक प्रदुषण बढ़ता जा रहा है पर सरकार यही राग अलाप
रही है कि हजारो लोग बेरोजगार हो जायेंगे पर सरकार को प्रदुषण के कारण
बेरोजगार हुए हजारो किसानो के उदास चेहरों व् मासूम परिजनों की कोई चिंता
नहीं है। टेक्सटाइल उद्यमी तो कल किसी दूसरे शहर में दुसरा कारोबार करने
चले जायेंगे पर बेरोजगार किसान क्या करेंगे इसकी सरकार को चिंता नहीं है।
मरूगंगा लूणी नदी, पर्यावरण सम्पदा सहित किसानो को बर्बाद करने वाले
टेक्सटाइल उद्योग के खिलाफ सख्ती से कारीवाहि होना आवश्यक हो गया है।
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