बाड़मेर। माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, स्नातक एवं स्नातकोतर की होने वाली परीक्षाओं की तैयारी में जुटे छात्र-छात्राओं के हितों को ध्यान में रखते हुए जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट भानु प्रकाष एटूरू ने जिले में सभी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रो के प्रयोग पर पाबन्दी लगा दी है।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उपरोक्त परिस्थितियों के मध्यनजर राजस्थान कोलाहल नियन्त्रण अधिनियम 1963 की धारा 5 में प्रदत शक्तियों का प्रयोग कर जिले में जहां बोर्ड परीक्षा के परीक्षा केन्द्र स्थापित है, उन क्षेत्रों में किसी भी किस्म के ध्वनि विस्तारक यन्त्र जिसमें लाऊड स्पीकर, एम्पलीफायर, ग्रामोफोन आदि शामिल है, से कोलाहल उत्पन्न करने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। यदि ऐसा करते कोई व्यक्ति या समूह पाया जाता है तो राजस्थान कोलाहल नियन्त्रण अधिनियम के अन्तर्गत वह अपराधी माना जाएगा।
आदेशानुसार विशेष आयोजनों एवं परिस्थितियों में यदि ध्वनि विस्तारक यन्त्रों को उपयोग मे लेने की आवश्यकता हो तो उस क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं थानाधिकारी से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद ही आदेशित शर्तो के अधीन धीमी गति से उक्त यन्त्रों का उपयोग किया जा सकेगा, लेकिन किसी भी परिस्थिति में सायं 8 बजे से प्रातः 6 बजे तक किसी व्यक्ति या समूह को ध्वनि विस्तारक यन्त्र के उपयोग की अनुमति प्रदान नहीं की जावेगी। साथ ही किसी पडौसी द्वारा आपति किए जाने पर अनुमति के उपरान्त ध्वनि विस्तारण यन्त्रों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा तथा उसे बन्द करवाया जा सकेंगा। यह आदेश तुरन्त प्रभाव से लागू होगा जो 31 मई,2014 तक प्रभावशील रहेगा।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उपरोक्त परिस्थितियों के मध्यनजर राजस्थान कोलाहल नियन्त्रण अधिनियम 1963 की धारा 5 में प्रदत शक्तियों का प्रयोग कर जिले में जहां बोर्ड परीक्षा के परीक्षा केन्द्र स्थापित है, उन क्षेत्रों में किसी भी किस्म के ध्वनि विस्तारक यन्त्र जिसमें लाऊड स्पीकर, एम्पलीफायर, ग्रामोफोन आदि शामिल है, से कोलाहल उत्पन्न करने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। यदि ऐसा करते कोई व्यक्ति या समूह पाया जाता है तो राजस्थान कोलाहल नियन्त्रण अधिनियम के अन्तर्गत वह अपराधी माना जाएगा।
आदेशानुसार विशेष आयोजनों एवं परिस्थितियों में यदि ध्वनि विस्तारक यन्त्रों को उपयोग मे लेने की आवश्यकता हो तो उस क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं थानाधिकारी से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद ही आदेशित शर्तो के अधीन धीमी गति से उक्त यन्त्रों का उपयोग किया जा सकेगा, लेकिन किसी भी परिस्थिति में सायं 8 बजे से प्रातः 6 बजे तक किसी व्यक्ति या समूह को ध्वनि विस्तारक यन्त्र के उपयोग की अनुमति प्रदान नहीं की जावेगी। साथ ही किसी पडौसी द्वारा आपति किए जाने पर अनुमति के उपरान्त ध्वनि विस्तारण यन्त्रों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा तथा उसे बन्द करवाया जा सकेंगा। यह आदेश तुरन्त प्रभाव से लागू होगा जो 31 मई,2014 तक प्रभावशील रहेगा।
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