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Sunday, February 9, 2014

सोमवार को महायोग, करें ये छोटे-छोटे भाग्योदय करने वाले पूजा उपाय

हिन्दू धर्म की देव पूजा परंपराओं में सोमवार का दिन भगवान शिव की भक्ति को समर्पित है। इस शुभ दिन प्रकृति रूप शिव की पूजा और वंदना बहुत ही शुभ फल देने वाली बताई गई है। वाघम्बर पहनने वाले शिव वैराग्य के महान आदर्श हैं। शिव के ऐसे कल्याणकारी, सरल और सहज स्वरूप की तरह ही त्रिदेवों में जगतपालक माने गए भगवान विष्णु के शांत, सौम्य और सात्विक स्वरूप का स्मरण विष्णुपत्नी मां लक्ष्मी की भी कृपा कर तमाम वैभव देकर भय और दुःखो का नाश करने वाला माना गया है।
सोमवार को शिव भक्ति के साथ एकादशी तिथि पर विष्णु पूजा का संयोग बनेगा। वैसे भी वर्तमान में जारी माघ माह के शुक्ल पक्ष की भीष्म एकादशी पर तो विष्णु स्वरूप की पूजा सौभाग्य व सुख बरसाने वाली मानी गई है।
आस्था है कि जहां भोलेनाथ जल के साथ चढ़ाई कई छोटी-छोटी चीजों से भी प्रसन्न हो जाते हैं, तो भगवान विष्णु नाम स्मरण से ही सुख बरसाते हैं। इसलिए इस संयोग में यहां बताए जा रहे हैं शिव व विष्णु पूजा के कुछ आसान उपाय, जो सोई किस्मत भी जगाने वाले माने गए हैं -
हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक शिव व विष्णु एक ही ईश्वर के दो स्वरूप बताए गए हैं। दोनों देवताओं में भेद करने वाला या मन में भी रखने वाला दोष का भागी बनता है, इसलिए 10 को बन रहे शुभ योग (सोमवार-एकादशी) में विष्णु-शिव की पंचोपचार पूजा यानी यानी पांच तरीकों या सामग्रियों से पूजा मनोरथ पूरे करने के लिए बहुत शुभ मानी गई हैं।
जानिए इन खास व आसान उपायों से शिव-विष्णु पूजा विधि और इस दौरान बोले जाने वाले कुछ खास शिव-विष्णु ध्यान मंत्र -
- सुबह स्नान के बाद पंचोपचार पूजा में चंदन या गंध, फूल, नैवेद्य और धूप, दीप इन 5 खास उपायों से आरती का विधान है। इनके अलावा शिव को जल, अक्षत व बिल्वपत्र भी अर्पित करें तो भगवान विष्णु को केसर चंदन, पीले वस्त्र व तुलसी चढ़ाएं।  

- इन चीजों से शिव व भगवान विष्णु की पूजा के दौरान शिव पंचाक्षरी मंत्र 'नम: शिवाय', षडाक्षरी मंत्र 'ॐ  नम: शिवाय' व विष्णु महामंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ या फिर नीचे लिखे आसान मंत्र बोलें -  
ॐ विष्णुवल्लभाय नम:
ॐ शंकराय नम: 
ॐ महेश्वराय नम:
- भगवान को नैवेद्य में फल या दूध से बनी मिठाई चढ़ाएं। 
इसी तरह पौराणिक मान्यताओं में परेशानियों से छुटकारा पाने व कई इच्छाएं पूरी करने के लिए अलग-अलग तरह की धारा से शिव का अभिषेक करना शुभ बताया गया है। इन धाराओं को अर्पित करते समय महामृत्युंज मंत्र, गायत्री मंत्र, रुद्र मंत्र, पंचाक्षरी मंत्र, षडाक्षरी मंत्र जरूर बोलना चाहिए। 

- वंश की वृद्धि, संतान सुख व घर-परिवार की खुशहाली के लिए शिवलिंग पर शिव सहस्त्रनाम बोलकर घी की धारा अर्पित करना चाहिए।
- रोग, चाहे फिर कोई लाइलाज बीमारी ही क्यो न हो, उनसे मुक्ति के लिए शहद की धारा से शिव पूजा करें।
- गन्ने के रस की धारा से अभिषेक करने पर तन, मन व धन से जुड़े हर तरह के सुख और आनंद मिलते हैं। 

जब कोई व्यक्तिगत तौर से या पारिवारिक जीवन में कलह से घिरा हो, मन विचलित हो, तनाव व अवसाद से भरा हो या फिर अनचाहे दु:ख मिल रहें हो, तब शिवलिंग पर दूध की धारा चढ़ाना सबसे अच्छा उपाय है। इस दौरान भी कोई भी शिव मंत्र मन ही मन बोलते रहना चाहिए।
- इसी तरह शिवलिंग का जलधारा से अभिषेक भी मन की शांति के लिए श्रेष्ठ उपाय है।
- भौतिक सुख-सुविधाओं व साधनों को पाने के लिए इत्र की धारा से शिवलिंग का अभिषेक करें। 

सभी धाराओं से श्रेष्ठ है गंगाजल की धारा। शिव को गंगाधर कहा जाता है। शिव को गंगा की धार बहुत प्रिय है। गंगा जल से शिव अभिषेक करने पर जीवन में चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष) की आसानी से प्राप्ति होती है। गंगाजल में गाय का दूध मिलाकर अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मन्त्र जरूर बोलना चाहिए। 
भगवान शिव व विष्णु भक्ति के दिनों में शिव का ऐसी धाराओं से अभिषेक व पूजा से भगवान शिव के साथ शक्ति, श्रीगणेश और धनलक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है।

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