समाज का एक वर्ग सदैव सहायता में तत्पर रहे : ढेलडिय़ा
जसोल। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के चल रहे स्वर्ण जयन्ति वर्ष के अन्तर्गत तेरापंथ युवक परिषद् जसोल की ओर से स्थानीय अमरपुरा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जसोल में सेवा कार्य के तहत् नि:शुल्क पाठ्य सामग्री का वितरण किया गया।
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिशद् के राष्ट्रीय कार्यसम्मिति सदस्य कान्तिलाल ढेलडिय़ा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि गरीबी एक अभिषाप है,जिससे मुक्त होने के लिए छात्र-छात्राएं विषम एवं विपरित परिस्थितियों में भी अपना अध्ययन अनवरत जारी रखें। गरीबी से मुक्ति पाकर स्वावलम्बन का जीवन जीएं। ढेलडिय़ा ने कहा कि सोने की असली पहचान उसके तपने के बाद ही होती है। छात्रों की गरीबी के कारण मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं हो पाती है। मजबूरन छात्र शिक्षा के लिए आवश्यक सामग्री के उपलब्ध नहीं होने पर भी अध्यनरत रहते है। समाज के एक वर्ग को इनके सदैव सहायता के लिए तत्पर रहने की आवश्यकता है। इससे भावी पीढ़ी शिक्षित होकर राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्ती भूमिका निभा पाएंगी। इस मौके पर तेरापंथ युवक परिषद् जसोल के अध्यक्ष जेठमल बुरड़ ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। प्रधानाध्यापक लादाराम गोदारा ने आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। तेरापंथ युवक परिषद् जसोल की ओर से 210 छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क पाठ्य सामग्री (रजिस्टर, कॉपियां, पेन, स्केल, पेन्सिल इत्यादि) का वितरण किया गया। इस अवसर पर मंत्री जितेन्द्र मोंडोतर, कोषाध्यक्ष नरेश छाजेड़, सहमंत्री कुमारपाल संकलेचा, संगठन मंत्री धनपत संकलेचा, सुनिता जाखड़, प्रतापसिंह सोलंकी सहित कई गणमान्य नागरिक व कस्बेवासी उपस्थित थे।
जसोल। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के चल रहे स्वर्ण जयन्ति वर्ष के अन्तर्गत तेरापंथ युवक परिषद् जसोल की ओर से स्थानीय अमरपुरा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जसोल में सेवा कार्य के तहत् नि:शुल्क पाठ्य सामग्री का वितरण किया गया।
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिशद् के राष्ट्रीय कार्यसम्मिति सदस्य कान्तिलाल ढेलडिय़ा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि गरीबी एक अभिषाप है,जिससे मुक्त होने के लिए छात्र-छात्राएं विषम एवं विपरित परिस्थितियों में भी अपना अध्ययन अनवरत जारी रखें। गरीबी से मुक्ति पाकर स्वावलम्बन का जीवन जीएं। ढेलडिय़ा ने कहा कि सोने की असली पहचान उसके तपने के बाद ही होती है। छात्रों की गरीबी के कारण मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं हो पाती है। मजबूरन छात्र शिक्षा के लिए आवश्यक सामग्री के उपलब्ध नहीं होने पर भी अध्यनरत रहते है। समाज के एक वर्ग को इनके सदैव सहायता के लिए तत्पर रहने की आवश्यकता है। इससे भावी पीढ़ी शिक्षित होकर राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्ती भूमिका निभा पाएंगी। इस मौके पर तेरापंथ युवक परिषद् जसोल के अध्यक्ष जेठमल बुरड़ ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। प्रधानाध्यापक लादाराम गोदारा ने आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। तेरापंथ युवक परिषद् जसोल की ओर से 210 छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क पाठ्य सामग्री (रजिस्टर, कॉपियां, पेन, स्केल, पेन्सिल इत्यादि) का वितरण किया गया। इस अवसर पर मंत्री जितेन्द्र मोंडोतर, कोषाध्यक्ष नरेश छाजेड़, सहमंत्री कुमारपाल संकलेचा, संगठन मंत्री धनपत संकलेचा, सुनिता जाखड़, प्रतापसिंह सोलंकी सहित कई गणमान्य नागरिक व कस्बेवासी उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment