वन विभाग के कर्मचारी को सेवानिवृति के सात माह बाद भी नहीं मिली पेंशन
भगाराम पंवार
बालोतरा। वन विभाग में सहायक वन रेंज बालोतरा से 31 जुलाई 2013 को सेवानिवृत हुए अनुसूचित जाति के चौथाराम भील को पिछले सात माह से पेंशन सहित अन्य परिलाभ नहीं मिलने से उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है एवं गृहस्थ की मूलभूत सुविधाओं को पूरी करने के लिए आज वह दाने-दाने का मोहताज हो गया है एवं उसे अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए रसूखदारों से कर्ज लेकर कर्ज तले दब गया है।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकिकृत के जिला संरक्षक एवं पेंशनर समाज कार्यकारिणी बालोतरा सदस्य जैसलसिंह खारवाल ने बताया कि बालोतरा रेंज में वन विभाग सहायक वनपाल के पद पर कार्यरत चौथाराम भील 31 जुलाई 2013 को सेवानिवृत हुआ था उसके सात माह बीत जाने के पश्चात भी पेंशन,ग्रेच्युटी,कोमूटेशन,जीपीएफ व स्टेट इंश्योरेंस की राशि भी नहीं मिल रहीं है जो राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है। आदेशों के अनुसार प्रार्थी को 18 प्रतिशत हर्जाने के साथ पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। अल्प वेतन भोगी सेवानिवृत कर्मचारी चौथाराम भील को सेवानिवृति के बाद सिर्फ उसे उपर्जित अवकाश का हीं वेतन मिला लेकिन पेंशन सहित अन्य परिलाभों से वंचित है। पेंशनर समाज बालोतरा के अध्यक्ष डॉ केवलचंद जैन के समक्ष पीडित ने अपने प्रकरण को लेकर निस्तारण के लिए भी आग्रह किया था जिस पर डॉ जैन ने उप वन संरक्षक बाड़मेर से मामले को लेकर संयुक्त निदेशक पेंशन विभाग जोधपुर को भेजने का आग्रह किया लेकिन अधिकारियों की लापरवाहीं के चलते एक सेवानिवृत कर्मचारी उनकी गुलामी करने को मजबूर होकर दर-दर की ठोकरे खा रहा है। वन विभाग के उप वन संरक्षक ने इस कर्मचारी की अनुपस्थिति को भी प्रोविजनल पेंशन केस तैयार कर पेंशन विभाग को भेजा था और पेंशन देने के आदेश भी दिए थे लेकिन वो अधिकारियों की बेपरवाहीं की भेंट चढ़ गए। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के जिलाध्यक्ष खारवाल ने बताया कि पीडित सेवानिवृत कर्मचारी ने अपनी पेंशन पाने के लिए सात माह में कई बार उप वन संरक्षक कार्यालय के चक्कर काटे लेकिन वहां पर मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों के दुव्यवहार के कारण निराशा हीं हाथ लगती है। पीडित ने बताया कि अगर पेंशन जारी नहीं की गई तो में अब चुप नहीं बैठूंगा और अब न्यायालय की शरण लूंगा। राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार विभाग को सेवानिवृति के दिन हीं उसका भुगतान करने के आदेश है लेकिन ये भी वन विभाग की उदासिनता की भेंट चढ़ गए है।
इनका कहना---
मैन इस कर्मचारी की एनओसी बाड़मेर भेज दी है आगे की कार्रवाई वहीं करेंगे। अरूण बोड़ा,क्षैत्रिय वन अधिकारी,बालोतरा।
विभाग की और से चौथाराम भील की फाईल पेंशन विभाग को भेज दी गई है और हमने इसके बारे में आगे कोई कार्रवाई नहीं की है अब आपने बताया है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लक्ष्मणलाल,उप वन संरक्षक,बाड़मेर।
भगाराम पंवार
बालोतरा। वन विभाग में सहायक वन रेंज बालोतरा से 31 जुलाई 2013 को सेवानिवृत हुए अनुसूचित जाति के चौथाराम भील को पिछले सात माह से पेंशन सहित अन्य परिलाभ नहीं मिलने से उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है एवं गृहस्थ की मूलभूत सुविधाओं को पूरी करने के लिए आज वह दाने-दाने का मोहताज हो गया है एवं उसे अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए रसूखदारों से कर्ज लेकर कर्ज तले दब गया है।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकिकृत के जिला संरक्षक एवं पेंशनर समाज कार्यकारिणी बालोतरा सदस्य जैसलसिंह खारवाल ने बताया कि बालोतरा रेंज में वन विभाग सहायक वनपाल के पद पर कार्यरत चौथाराम भील 31 जुलाई 2013 को सेवानिवृत हुआ था उसके सात माह बीत जाने के पश्चात भी पेंशन,ग्रेच्युटी,कोमूटेशन,जीपीएफ व स्टेट इंश्योरेंस की राशि भी नहीं मिल रहीं है जो राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है। आदेशों के अनुसार प्रार्थी को 18 प्रतिशत हर्जाने के साथ पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। अल्प वेतन भोगी सेवानिवृत कर्मचारी चौथाराम भील को सेवानिवृति के बाद सिर्फ उसे उपर्जित अवकाश का हीं वेतन मिला लेकिन पेंशन सहित अन्य परिलाभों से वंचित है। पेंशनर समाज बालोतरा के अध्यक्ष डॉ केवलचंद जैन के समक्ष पीडित ने अपने प्रकरण को लेकर निस्तारण के लिए भी आग्रह किया था जिस पर डॉ जैन ने उप वन संरक्षक बाड़मेर से मामले को लेकर संयुक्त निदेशक पेंशन विभाग जोधपुर को भेजने का आग्रह किया लेकिन अधिकारियों की लापरवाहीं के चलते एक सेवानिवृत कर्मचारी उनकी गुलामी करने को मजबूर होकर दर-दर की ठोकरे खा रहा है। वन विभाग के उप वन संरक्षक ने इस कर्मचारी की अनुपस्थिति को भी प्रोविजनल पेंशन केस तैयार कर पेंशन विभाग को भेजा था और पेंशन देने के आदेश भी दिए थे लेकिन वो अधिकारियों की बेपरवाहीं की भेंट चढ़ गए। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के जिलाध्यक्ष खारवाल ने बताया कि पीडित सेवानिवृत कर्मचारी ने अपनी पेंशन पाने के लिए सात माह में कई बार उप वन संरक्षक कार्यालय के चक्कर काटे लेकिन वहां पर मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों के दुव्यवहार के कारण निराशा हीं हाथ लगती है। पीडित ने बताया कि अगर पेंशन जारी नहीं की गई तो में अब चुप नहीं बैठूंगा और अब न्यायालय की शरण लूंगा। राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार विभाग को सेवानिवृति के दिन हीं उसका भुगतान करने के आदेश है लेकिन ये भी वन विभाग की उदासिनता की भेंट चढ़ गए है।
इनका कहना---
मैन इस कर्मचारी की एनओसी बाड़मेर भेज दी है आगे की कार्रवाई वहीं करेंगे। अरूण बोड़ा,क्षैत्रिय वन अधिकारी,बालोतरा।
विभाग की और से चौथाराम भील की फाईल पेंशन विभाग को भेज दी गई है और हमने इसके बारे में आगे कोई कार्रवाई नहीं की है अब आपने बताया है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लक्ष्मणलाल,उप वन संरक्षक,बाड़मेर।
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