साध्वी प्रेमवती मैय्या की बरसी में उमड़े श्रद्धालु,वरिया भगजी ढाणा मठ में देर रात तक बही भक्ति सरिता
बालोतरा। निकटवर्ती वरिया भगजी ढाणा मठ स्थित श्री चंद्रशेखर महादेव मंदिर प्रांगण में मां सती प्रेमवती मैय्या का 9वां बरसी महोत्सव मठ महंत नारायणभारती महाराज,शंरभारती महाराज के सानिध्य में मनाया गया। महोत्सव को लेकर सोमवार रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया गया। भजन संध्या में प्रकाश माली,मोतीवन गोस्वामी,रामलाल पालीवाल,श्रवणयोगी चिड़ावा,हर्ष माली,राणाराम माली व राजेश पंवार ने एक से बढक़र एक गुरू महाराज के भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं को भक्तिरस से सरोबार कर दिया। भजन संध्या के दौरान ढाणा मठ महंत नारायणभारती महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि व्यक्ति जीवन में कितने भी तीर्थ कर ले लेकिन मगर माता पिता की सेवा से बढक़र कोई तीर्थ नहीं है। माता पिता की सेवा से हीं व्यक्ति अपना जीवन धन्य बना सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के पांच गुरू होते है। पहला गुरू माता दूसरा पिता तिसरा योगा चौथा ब्रह्मा व पांचवा सदगुरू होता है। महंत नारायणभारती ने महासती प्रेमवती मैय्या के जीवन पर भी प्रकाश डाला।
बरसी महोत्सव व महाप्रसादी में उमड़े श्रद्धालु
मंगलवार प्रात:मां सती प्रेमवती मैय्या की समाधी स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर महाआरती के पश्चात महाप्रसादी का वितरण किया गया। बरसी महोत्सव में बालोतरा,जसोल,मेवानगर,पादरू,आसोतरा,असाड़ा,सिणली,कालूड़ी,तिलवाड़ा,भीनमाल,जालोर सहित आस-पास के जिलों व दूर-दराज से भी श्रद्धालुओं ने पहुुंचकर मां सती प्रेमवती मैय्या को श्रद्धासुमन अर्पित किए। मंदिर के समीप स्थित वृद्धाश्रम के मुख्य द्वार का लोकार्पण महंत नारायणभारती के सानिध्य में रावल किशनसिंह के कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रेमसिंह पादरू,जबरसिंह काकु,कुंदनसिंह तिलवाड़ा,शंभूसिंह,अशोक जोशी व रमेश अग्रवाल चिड़ावा,गोदसिंह,पूंजराजसिंह,चतराराम चौधरी,बांडाराम चौधरी,सोनाराम भूरिया,समाजसेवी मोहम्मद युसुफ भांतगर,माजीवाल सरपंच कुंपाराम पंवार,श्याम सुंदेशा,महेंद्र सुंदेशा,सोहन माली,नरेंद्र पंवार,गणपत माली सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
बालोतरा। निकटवर्ती वरिया भगजी ढाणा मठ स्थित श्री चंद्रशेखर महादेव मंदिर प्रांगण में मां सती प्रेमवती मैय्या का 9वां बरसी महोत्सव मठ महंत नारायणभारती महाराज,शंरभारती महाराज के सानिध्य में मनाया गया। महोत्सव को लेकर सोमवार रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया गया। भजन संध्या में प्रकाश माली,मोतीवन गोस्वामी,रामलाल पालीवाल,श्रवणयोगी चिड़ावा,हर्ष माली,राणाराम माली व राजेश पंवार ने एक से बढक़र एक गुरू महाराज के भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं को भक्तिरस से सरोबार कर दिया। भजन संध्या के दौरान ढाणा मठ महंत नारायणभारती महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि व्यक्ति जीवन में कितने भी तीर्थ कर ले लेकिन मगर माता पिता की सेवा से बढक़र कोई तीर्थ नहीं है। माता पिता की सेवा से हीं व्यक्ति अपना जीवन धन्य बना सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के पांच गुरू होते है। पहला गुरू माता दूसरा पिता तिसरा योगा चौथा ब्रह्मा व पांचवा सदगुरू होता है। महंत नारायणभारती ने महासती प्रेमवती मैय्या के जीवन पर भी प्रकाश डाला।
बरसी महोत्सव व महाप्रसादी में उमड़े श्रद्धालु
मंगलवार प्रात:मां सती प्रेमवती मैय्या की समाधी स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर महाआरती के पश्चात महाप्रसादी का वितरण किया गया। बरसी महोत्सव में बालोतरा,जसोल,मेवानगर,पादरू,आसोतरा,असाड़ा,सिणली,कालूड़ी,तिलवाड़ा,भीनमाल,जालोर सहित आस-पास के जिलों व दूर-दराज से भी श्रद्धालुओं ने पहुुंचकर मां सती प्रेमवती मैय्या को श्रद्धासुमन अर्पित किए। मंदिर के समीप स्थित वृद्धाश्रम के मुख्य द्वार का लोकार्पण महंत नारायणभारती के सानिध्य में रावल किशनसिंह के कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रेमसिंह पादरू,जबरसिंह काकु,कुंदनसिंह तिलवाड़ा,शंभूसिंह,अशोक जोशी व रमेश अग्रवाल चिड़ावा,गोदसिंह,पूंजराजसिंह,चतराराम चौधरी,बांडाराम चौधरी,सोनाराम भूरिया,समाजसेवी मोहम्मद युसुफ भांतगर,माजीवाल सरपंच कुंपाराम पंवार,श्याम सुंदेशा,महेंद्र सुंदेशा,सोहन माली,नरेंद्र पंवार,गणपत माली सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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