फिल्म शुरु होने से पहले का सीन
यह फिल्म एक ब्वॉयज हॉस्टल से शुरू होती है। हॉस्टल के कुछ लड़के अश्लील कहानियों वाली किताब मस्तराम पढ़ रहे होते हैं। वह लड़के बकायदा एक सेक्स सीन को पढ़कर सुनाते हैं। इस सीन में इन लड़को द्वारा संयुक्त रूप से हस्तमैथुन करता हुआ दिखाया गया है। हिंदी फिल्मों में हस्तमैथुन के सीन बहुत कम होते हैं।
शरीर के बहुत पास आया कैमरा
फिल्म के एक दृश्य में एक लंबा बेडरूम सीन दिखाया गया है। इस सीन की खासियत यह है कि इस फिल्म में नायिका के शरीर के बहुत पास तक कैमरा ले जाया गया है। इतना पास कि यह अंतर करना मुश्किल हो जाता है कि दिख रहा अंग आखिर है क्या। हालांकि� पीछे से एक गीत बचाकर माहौल को अश्लील होने से बचाने का प्रयास किया गया है।
नर्स के साथ बेडरूम सीन
इस फिल्म में लेखक ऐसी कहानियां लिखने के लिए मन में कई सारी सेक्स परिकल्पनाएं करता है। एक ऐसी ही सेक्स परिकल्पना में लेखक अस्तपाल की एक नर्स के साथ हमबिस्तर होता है। इस सीन को बहुत ही वल्गर तरीके से दिखाने का प्रयास किया गया है। यह दृश्य फिल्म का सबसे वल्गर सीन है।
यह फिल्म एक ब्वॉयज हॉस्टल से शुरू होती है। हॉस्टल के कुछ लड़के अश्लील कहानियों वाली किताब मस्तराम पढ़ रहे होते हैं। वह लड़के बकायदा एक सेक्स सीन को पढ़कर सुनाते हैं। इस सीन में इन लड़को द्वारा संयुक्त रूप से हस्तमैथुन करता हुआ दिखाया गया है। हिंदी फिल्मों में हस्तमैथुन के सीन बहुत कम होते हैं।
शरीर के बहुत पास आया कैमरा
फिल्म के एक दृश्य में एक लंबा बेडरूम सीन दिखाया गया है। इस सीन की खासियत यह है कि इस फिल्म में नायिका के शरीर के बहुत पास तक कैमरा ले जाया गया है। इतना पास कि यह अंतर करना मुश्किल हो जाता है कि दिख रहा अंग आखिर है क्या। हालांकि� पीछे से एक गीत बचाकर माहौल को अश्लील होने से बचाने का प्रयास किया गया है।
नर्स के साथ बेडरूम सीन
इस फिल्म में लेखक ऐसी कहानियां लिखने के लिए मन में कई सारी सेक्स परिकल्पनाएं करता है। एक ऐसी ही सेक्स परिकल्पना में लेखक अस्तपाल की एक नर्स के साथ हमबिस्तर होता है। इस सीन को बहुत ही वल्गर तरीके से दिखाने का प्रयास किया गया है। यह दृश्य फिल्म का सबसे वल्गर सीन है।
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