जल्द पकाने के लिए डाल रहे हैं कैल्सियम कार्बाइड, तीन साल में केवल एक बार कार्रवाई
भगाराम पंवार
बालोतरा। बाजार में बिक रहे फलों से आपको धीमा जहर दे रहे हैं। शहर की मंडियों में इसे जिस मसाले (बोरों में कैल्शियम कार्बाइड की पुडिय़ा डालकर) से पकाया जाता है, उससे कैंसर समेत कई बीमारियों के खतरे हैं। अफसोस की बात यह है कि बार बार मामले सामने आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग और फूड सेफ्टी कमिश्नर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। तरूण राजस्थान की टीम ने मंडी व कई जगहों पर फल पकाने का काम देखा तो यह हकीकत सामने आई। जब व्यापारियों को बताया गया कि भारत समेत कई देशों में कार्बाइड से फल पकाने पर कानूनी प्रतिबंध है, तो वे बोले - हम कई साल से ऐसा करते आ रहे हैं। ताजुब्ब की बात तो ये है कि स्वास्थ्य को नुकसान जैसी बातों का व्यापारियों को पता ही नहीं है। मंडी में आम सहित अन्य फलों को पकाने का कोई दूसरा तरीका नहीं है। कार्रवाई तो दूर की बात है आज तक जिम्मेदार महकमों ने मंडी में जाकर जांच करने तक की जहमत नहीं उठाई।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से फूड सेफ्टी कमिश्नर्स को लिखा जा चुका है कि प्रिवेंशन ऑफ फूड अडल्ट्रेशन रूल्स, 1955 के नियम 44 एए के मुताबिक फलों को पकाने के लिए कार्बाइड का उपयोग गैर-कानूनी है। कैल्शियम कार्बाइड से फल पकाने में करना काफी खतरनाक है। इसमें कैंसर-कारी पदार्थ हैं। इसके अलावा त्वचा, किडनी, लीवर और पाचन तंत्र संबंधी बीमारियों को भी आमंत्रित करता है। वर्तमान में लागू फूड सेफ्टी एंड स्टैंडड्र्स एक्ट 2006 के मुताबिक भी यह बैन है।
ऐसे कर सकते है कार्रवाई---
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के सेक्शन 58 में कार्बाइड पर सीधे कार्रवाई की जा सकती है। इसके लिए मौके से फल पकाने के काम लिए जा रहे कार्बाइड की बरामदगी करके ही कार्रवाई की जा सकती है। सैंपल लेने की आवश्यकता ही नहीं हैं।
भगाराम पंवार
बालोतरा। बाजार में बिक रहे फलों से आपको धीमा जहर दे रहे हैं। शहर की मंडियों में इसे जिस मसाले (बोरों में कैल्शियम कार्बाइड की पुडिय़ा डालकर) से पकाया जाता है, उससे कैंसर समेत कई बीमारियों के खतरे हैं। अफसोस की बात यह है कि बार बार मामले सामने आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग और फूड सेफ्टी कमिश्नर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। तरूण राजस्थान की टीम ने मंडी व कई जगहों पर फल पकाने का काम देखा तो यह हकीकत सामने आई। जब व्यापारियों को बताया गया कि भारत समेत कई देशों में कार्बाइड से फल पकाने पर कानूनी प्रतिबंध है, तो वे बोले - हम कई साल से ऐसा करते आ रहे हैं। ताजुब्ब की बात तो ये है कि स्वास्थ्य को नुकसान जैसी बातों का व्यापारियों को पता ही नहीं है। मंडी में आम सहित अन्य फलों को पकाने का कोई दूसरा तरीका नहीं है। कार्रवाई तो दूर की बात है आज तक जिम्मेदार महकमों ने मंडी में जाकर जांच करने तक की जहमत नहीं उठाई।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से फूड सेफ्टी कमिश्नर्स को लिखा जा चुका है कि प्रिवेंशन ऑफ फूड अडल्ट्रेशन रूल्स, 1955 के नियम 44 एए के मुताबिक फलों को पकाने के लिए कार्बाइड का उपयोग गैर-कानूनी है। कैल्शियम कार्बाइड से फल पकाने में करना काफी खतरनाक है। इसमें कैंसर-कारी पदार्थ हैं। इसके अलावा त्वचा, किडनी, लीवर और पाचन तंत्र संबंधी बीमारियों को भी आमंत्रित करता है। वर्तमान में लागू फूड सेफ्टी एंड स्टैंडड्र्स एक्ट 2006 के मुताबिक भी यह बैन है।
ऐसे कर सकते है कार्रवाई---
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के सेक्शन 58 में कार्बाइड पर सीधे कार्रवाई की जा सकती है। इसके लिए मौके से फल पकाने के काम लिए जा रहे कार्बाइड की बरामदगी करके ही कार्रवाई की जा सकती है। सैंपल लेने की आवश्यकता ही नहीं हैं।
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