भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। उपखंड क्षेत्र के सबसे बड़े रैफरल अस्पताल की अव्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए न तो प्रशासन सख्त है और नहीं चिकित्सा विभाग इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। उपखंड क्षेत्र के सबसे बड़े नाहटा चिकित्सालय में वाहन स्टैंड़ संचालक मनमर्जी से शुल्क लेते है। स्टैंड़ पर रेट शुल्क भी चस्पा नहीं है। वहीं शाम के आउटडोर के समय नि:शुल्क जांचे नहीं होती है। सुबह का आउटडोर समय दोपहर 12 बजे तक है, लेकिन इसमें भी नि:शुल्क जांचे 11 बजे तक ही की जाती है। इससे 11 बजे बाद जिला अस्पताल में आने वाले इनडोर के गंभीर मरीजों को छोडक़र अन्य की जांचें नि:शुल्क नहीं हो पाती है। लैब में जांच करने वाले कार्मिक कथित रूप से अस्पताल के बाहर बनी एक निजी लैब के कारिंदे बताए जा रहे है और वे मरीजों को गुमराह कर अपनी तथाकथित निजी लैब पर मरीजों को जांच आदि करवाने के लिए भेजते है और मनमानी राशि वसूलते है।
अस्पताल में समय नहीं,घर पर व्यस्त
रैफरल अस्पताल में व्याप्त समस्याओं को लेकर पेरशान मरीज व लोगों ने भी कई बार शिकायतेंं की लेकिन कोई उचित कदम आज तक नहीं उठाए गए। वहीं दूर दराज से आने वाले मरीजों को डॉक्टर समय पर जांच तक नहीं करते और उन्हें सीधे अपने घर का रास्ता दिखा देते है। डॉक्टर अपने घरों पर तथाकथित जांच के नाम पर मोटी रकत वसूलते भी है।
उपकरणों की कमी भी खलने लगी
ऐसी ही स्थिति उपकरणों की बनी हुई है। ब्लड बैंक भी मात्र दिखावा साबित हो रहा है। गर्भवती महिलाओं का वजन नापने की मशीन तक खराब पड़ी हुई है। कई बार तो बीपी नपवाने के लिए भी काफी समय तक इंतजार करना पड़ जाता है। गर्मी में मौसमी बिमारियों के बढ़ते मरीजों के कारण पर्ची बनवाने, दवा लेने के लिए मरीजों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ज्ञापन में मरीजों ने अस्पताल में पर्याप्त पलंग, आवश्यक उपकरण की व्यवस्था करवाने की मांग की है।
पंखे कूलर व पानी बंद
अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए लगे पंखे व कूलर मात्र शो पीस बनकर रह गए है। मरीजों के लिए भीषण गर्मी में भी पीने को स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है जिससे मरीजों को बाजार से महंगे दामों पर पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ रही है। अस्पताल में कई पंखे व कूलर खराब पड़े है लेकिन उनको ठीक करवाने की जहमत कोई नहीं उठाता है जिस कारण मरीजों व प्रसूताओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गायनिक डॉक्टर की मनमर्जी
हमें कई मरीजों व अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि यहा कुछ महिने पहले हुई गायनिक डॉक्टर अपनी नियुक्ति के बाद से हीं महिलाओं को गुमराह कर रहीं है। कुछ कर्मचारियों व मरीजों ने बताया कि उनका अपना खुद का तथा कथित अस्पताल नाहटा अस्पताल से कुछ हीं दूरी पर है और वे अस्पताल में आकर मात्र औपचारिकता पूरी कर प्रसूताओं व अन्य महिला मरीजों को समय का हवाला देकर अपने अस्पताल में भेज देती है। ऐसी शिकायतों की जानकारी पीएमाओं को होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रहीं है।
बालोतरा। उपखंड क्षेत्र के सबसे बड़े रैफरल अस्पताल की अव्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए न तो प्रशासन सख्त है और नहीं चिकित्सा विभाग इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। उपखंड क्षेत्र के सबसे बड़े नाहटा चिकित्सालय में वाहन स्टैंड़ संचालक मनमर्जी से शुल्क लेते है। स्टैंड़ पर रेट शुल्क भी चस्पा नहीं है। वहीं शाम के आउटडोर के समय नि:शुल्क जांचे नहीं होती है। सुबह का आउटडोर समय दोपहर 12 बजे तक है, लेकिन इसमें भी नि:शुल्क जांचे 11 बजे तक ही की जाती है। इससे 11 बजे बाद जिला अस्पताल में आने वाले इनडोर के गंभीर मरीजों को छोडक़र अन्य की जांचें नि:शुल्क नहीं हो पाती है। लैब में जांच करने वाले कार्मिक कथित रूप से अस्पताल के बाहर बनी एक निजी लैब के कारिंदे बताए जा रहे है और वे मरीजों को गुमराह कर अपनी तथाकथित निजी लैब पर मरीजों को जांच आदि करवाने के लिए भेजते है और मनमानी राशि वसूलते है।
अस्पताल में समय नहीं,घर पर व्यस्त
रैफरल अस्पताल में व्याप्त समस्याओं को लेकर पेरशान मरीज व लोगों ने भी कई बार शिकायतेंं की लेकिन कोई उचित कदम आज तक नहीं उठाए गए। वहीं दूर दराज से आने वाले मरीजों को डॉक्टर समय पर जांच तक नहीं करते और उन्हें सीधे अपने घर का रास्ता दिखा देते है। डॉक्टर अपने घरों पर तथाकथित जांच के नाम पर मोटी रकत वसूलते भी है।
उपकरणों की कमी भी खलने लगी
ऐसी ही स्थिति उपकरणों की बनी हुई है। ब्लड बैंक भी मात्र दिखावा साबित हो रहा है। गर्भवती महिलाओं का वजन नापने की मशीन तक खराब पड़ी हुई है। कई बार तो बीपी नपवाने के लिए भी काफी समय तक इंतजार करना पड़ जाता है। गर्मी में मौसमी बिमारियों के बढ़ते मरीजों के कारण पर्ची बनवाने, दवा लेने के लिए मरीजों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ज्ञापन में मरीजों ने अस्पताल में पर्याप्त पलंग, आवश्यक उपकरण की व्यवस्था करवाने की मांग की है।
पंखे कूलर व पानी बंद
अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए लगे पंखे व कूलर मात्र शो पीस बनकर रह गए है। मरीजों के लिए भीषण गर्मी में भी पीने को स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है जिससे मरीजों को बाजार से महंगे दामों पर पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ रही है। अस्पताल में कई पंखे व कूलर खराब पड़े है लेकिन उनको ठीक करवाने की जहमत कोई नहीं उठाता है जिस कारण मरीजों व प्रसूताओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गायनिक डॉक्टर की मनमर्जी
हमें कई मरीजों व अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि यहा कुछ महिने पहले हुई गायनिक डॉक्टर अपनी नियुक्ति के बाद से हीं महिलाओं को गुमराह कर रहीं है। कुछ कर्मचारियों व मरीजों ने बताया कि उनका अपना खुद का तथा कथित अस्पताल नाहटा अस्पताल से कुछ हीं दूरी पर है और वे अस्पताल में आकर मात्र औपचारिकता पूरी कर प्रसूताओं व अन्य महिला मरीजों को समय का हवाला देकर अपने अस्पताल में भेज देती है। ऐसी शिकायतों की जानकारी पीएमाओं को होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रहीं है।
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