श्री मद् भागवत कथा की तीसरे दिन हुआ नृसिंह व वामन अवतार का मंचन
बालोतरा। मनुष्य से जाने अनजाने में कोई न कोई पाप हो जाता है। इन पापों से मुक्ति के लिए भगवत का नाम स्मरण हीं जरिया हैं। जीवन में पाप कर्मों से दूर रहे तथा अपनी वृंति को धार्मिक व सात्विक बनाए रखें। शहर के गांधीपुरा स्थित माली समाज भवन में राधे सेवा संगठन महिला मंडल की ओर से आयोजित श्री मद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के तीसरे दिन कथा वाचक महामंडलेश्वर राघवदास महाराज ने यह बात कहीं। उन्होंने कहा कि भारत की धरती धर्म धरा है जहां अनेक संत महात्मा ऋषि मुनि व विद्वानों ने जन्म लेकर इस धरा का मान बढ़ाया है। राघवदास महाराज ने कहा कि इस जीव जगत के कण-कण में परमात्मा का वास है। भक्त की सच्ची पुकार पर परमात्मा दौड़े चले आते है।
हर विकट परिस्थिति में सच्चे मन से भगवन का सुमिरन करें,तभी हमारा जीवन सार्थक है। कथा के दौरान हरि नाम का प्याला पिये कोई मतवाला भजन की प्रस्तुति पर श्रद्धालु झूम उठें। शाम को महिला मंडल की सदस्यों ने भागवत पुराण की आरती उतारी। इस दौरान मनमोहक झांकी का जीवंत प्रदर्शन किया गया। बुधवार को नृसिंह अवतार,बालक ध्रुव व वामन अवतार का महामंडलेश्वर राघवदास महाराज ने संगीतमय कथा के साथ भावपूर्ण वाचन किया।
बालोतरा। मनुष्य से जाने अनजाने में कोई न कोई पाप हो जाता है। इन पापों से मुक्ति के लिए भगवत का नाम स्मरण हीं जरिया हैं। जीवन में पाप कर्मों से दूर रहे तथा अपनी वृंति को धार्मिक व सात्विक बनाए रखें। शहर के गांधीपुरा स्थित माली समाज भवन में राधे सेवा संगठन महिला मंडल की ओर से आयोजित श्री मद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के तीसरे दिन कथा वाचक महामंडलेश्वर राघवदास महाराज ने यह बात कहीं। उन्होंने कहा कि भारत की धरती धर्म धरा है जहां अनेक संत महात्मा ऋषि मुनि व विद्वानों ने जन्म लेकर इस धरा का मान बढ़ाया है। राघवदास महाराज ने कहा कि इस जीव जगत के कण-कण में परमात्मा का वास है। भक्त की सच्ची पुकार पर परमात्मा दौड़े चले आते है।
हर विकट परिस्थिति में सच्चे मन से भगवन का सुमिरन करें,तभी हमारा जीवन सार्थक है। कथा के दौरान हरि नाम का प्याला पिये कोई मतवाला भजन की प्रस्तुति पर श्रद्धालु झूम उठें। शाम को महिला मंडल की सदस्यों ने भागवत पुराण की आरती उतारी। इस दौरान मनमोहक झांकी का जीवंत प्रदर्शन किया गया। बुधवार को नृसिंह अवतार,बालक ध्रुव व वामन अवतार का महामंडलेश्वर राघवदास महाराज ने संगीतमय कथा के साथ भावपूर्ण वाचन किया।
No comments:
Post a Comment