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Sunday, August 31, 2014

एक शाम गणपति बप्पा के नाम भजन संध्या में झूमें श्रद्धालु

बालोतरा। स्थानीय बालाजी गु्रप के तत्वाधान में शुक्रवार को गायत्री चौक में गणपति महोत्सव के उपलक्ष में एक शाम गणपति बप्पा के नाम भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें ख्यातिनाम भजन गायक कलाकारों ने अपनी सुमधुर प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा। गु्रप के खेताराम प्रजापत ने बताया कि महामण्डलेश्वर निर्मलदास महाराज के पावन सानिध्य में व बायतु विधायक कैलाश चौधरी, नगरपरिषद सभापति महेश बी चौहान, नेता प्रतिपक्ष रतन खत्री के आतिथ्य में आयोजित हुई इस भजन संध्या की शुरूआतं गायक महेन्द्र स्वामी एण्ड पार्टी ने गणपति वंदना से की। इसके प्श्चात गुरूमहिमा सहित कई कर्णप्रिय भजनों की प्रस्तुतियां देकर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद गायिका खुशबु कुम्भट ने ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी..., लाल लंगोटो हाथ में घोटो......., थारे पगे घुंघरिया री माल....., सहित कई मनमोहक भजनों की प्रस्तुतियां दी। क्षेत्र की भजन गायिका परमेश्वरी प्रजापत ने मोरूडा मोरूडा..., व अमलिडों........ सहित भजनो की प्रस्तुतियां देकर सबका दिल जीत लिया।
इससे पूर्व सभी अतिथियों ने गणपति भगवान की मंगल आरती की। कार्यक्रम के दौरान महाप्रसादी के लाभार्थी पूर्व सरपंचा बजरंग पालीवाल का अतिथियो द्वारा बहुमान किया गया। इस अवसर पर कानसिंह करणोत, प्रभुलाल सुथार, बालाजी गु्रप अध्यक्ष सुरेन्द मेवाडा, वासुदेव वैष्णव, मोहित प्रजापत, महेन्द्र खत्री, संतोंष सोनी, भूरचन्द, भरत, महेन्द्र, संजय, निखिल मेवाडा, जबरसिंह गोलिया, अमबादान रावल, प्रेम पंचारिया, यूसूफ भाई भांतगर, ओम बांठिया, भरत जैन, डॉ फरसराम विश्नोई, हरीराम चैधरी, पार्षद केवलचन्द घांची सहित बडी संख्या में लोग उपस्थित थे । मंच का संचालन युवा नेता खेताराम घोडेला ने किया।

गाजे-बाजे के साथ हुआ गणेश महोत्सव का आगाज

जसोल। बालोतरा के समीपवर्ती जसोल गांव में शुक्रवार रात्रि गणेश स्थापना वृद्धावन के वैदिक आचार्यो के द्वारा धूमधाम से की गई। गणेश महोत्सव सेवा समिति जसोल द्वारा लगातार चतुर्थ वर्ष भव्य मूर्ति स्थापना आजाद चौक स्थित कबूतरों के चबुतरे में की गई। आयोजन समिति के देवीलाल भोबरिया ने बताया कि गणेश महोत्सव स्थापना रात्रि 10 बजे वृद्धावन के पंडित ज्ञानीदास आचार्य, सोमेश, श्याम सुन्दर, रामस्नेही बीकानेर, रमेश अवस्थी इत्यादि के वैदिक मंत्रोच्चार व  पूजा-पाठ के साथ गणेश भगवान की जयकारो के साथ स्थापित कराया गया। इसके पश्चात भगवान को पंचामृत के साथ अभिषेक कराया गया। भोबरिया ने बताया कि सात दिन तक चलने वाले गणेश महोत्सव में हर रोज प्रात:कालीन आरती, सायंकालीन आरती, भजन,कीर्तन, सुन्दरकांड पाठ, रामद्वारा जसोल के संत परमेश्वरदास हरिद्वार एवं श्याम सुन्दर के मुख वाचन से भजन एवं कीर्तन का कार्यक्रम रखा गया है।
गणेश प्रतिमा का विसर्जन देवझूलनी ग्यारस को नर्मदेश्वर तालाब में भव्य शोभायात्रा के साथ    किया जाएगा। गणेश महोत्सव में ललित प्रजापत, चुन्नीलाल, भरत कुमार, विक्रमसिंह राठौड़ केवलचंद, सुरेश कुमार, विरमचंद, मुकेश कुमार, मोतीलाल, ओमप्रकाश, दिलीप ,महेन्द्र, रमेश, राकेश सैन आदी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

पत्रकार संघ व मालाणी प्रेस क्लब ने किए श्रद्धासुमन अर्पित

बालोतरा। बालोतरा पत्रकार संघ व मालाणी प्रेस क्लब ने प्रेस फोटोग्राफर भवानीसिंह की माता शारदा देवी के निधन पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। प्रेस क्लब के कूंपाराम पंवार,ओमप्रकाश सोनी,भैरूसिंह भाटी,जितेंद्र दवे,मनोहरसिंह खोखर,ओमप्रकाश प्रजापत,भगाराम पंवार,अशोक सुंदेशा,भरत वैष्णव,हितेष वैष्णव,चंद्रप्रकाश व्यास,डॉ सदाशि सलुदिंया,संजय शर्मा,मुकेश खारवाल,करनाराम मांजू सहित कई पत्रकारों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की।

अध्यापक गुल्लाराम पन्नू को समारोहपूर्वक दी विदाई

बालोतरा। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रबारियों का टांका बालोतरा के परिसर में गुल्लाराम पन्नू अध्यापक का सेवानिवृति समारोह आयोजित किया गया। समारेाह अध्यक्ष सालगराम परिहार नेशनल अवार्डी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने वाले शिक्षकों को समाज में सम्मान प्राप्त होता है एवं शिक्षकीय गरिमा व परिश्रम के साथ कत्र्तव्य का पालन करने वाले शिक्षक ही विद्यार्थियों के स्मृति पटल पर बने रहते है। विशिष्ट अतिथि सेवा निवृत प्रधानाध्यापक जैसलसिंह खारवाल ने कहा कि श्रेष्ठ कर्म करके जीवन को संवारने में शिक्षकों को अग्रणी रहना चाहिए। कांग्रेस ब्लॉक कमेटी अध्यक्ष भंवरलाल भाटी,कृषि मंडी डॉयरेक्टर बाबूलाल नामा,समाजसेवी रूपाराम पांछाल,मेघवाल शिक्षा एवं विकास संस्थान के अध्यक्ष मानाराम मेघवाल,श्रीमती रामेश्वरी चौधरी,सरपंच नारायणराम ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
विद्यालय के संस्था प्रधान किशोरसिंह ने साफा पहनाकर गुल्लाराम पन्नू का बहुमान कर भावभीनी विदाई दी गई। विद्यालय परिवार की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम में पाटोदी,थोब,रिछोली,पारलू,गोलिया,चारलाई,बायतु,जसोल,करमावास,साजियाली,पचपदरा के सैकड़ो नागरिकों ने भाग लिया। कार्यकम का संचालन भैरूलाल नामा ने किया। 

ऋषि पंचमी पर श्रीमाली समाज ने किया पूर्वजों का तर्पण

बालोतरा। शहर में ऋषि पंचमी का पर्व श्रीमाली समाज द्वारा शनिवार को पारंपरिक रूप से श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पचपदरा स्थित चंढाणी महादेव मंदिर के पौराणिक सरोवर पर अपने पूर्वजों का तर्पण किया गया। मां हिंगलाज ज्योतिष कार्यालय पण्डित जितेंद्र कुमार दवे ने बताया कि भादवा माह की शुक्ल पक्ष पंचमी (ऋषि पंचमी) को सवेरे ब्रह्म मुहूत्र्त में स्नान कर सप्त ऋषियों तथा अपने ससुराल एवं पीहर पक्ष के तीन पीढी तक के पितरों का तर्पण किया गया। स्त्रीयों एवं पुरूषों ने सूर्य देव का पूजन कर स्वत:उत्पन्न हुए बिना बोया धान मणिचा का प्रसाद ग्रहण किया। दवे ने बताया कि सप्त ऋषि,पीहर तथा ससुराल के तीन पीढी तक के पितरों का तर्पण विभिन्न सरोवर पर जाकर विधि विधान से किया गया। इसके बाद पीपल,नीम,आक की पूजा कर कथा का श्रवण किया गया। ऋषि पंचमी का व्रत करने वाली स्त्रियां व पुरूषों ने मणिचा,हलवा,तोरी,काचरे की सब्जी बनाकर व दूध की खीर बनाकर उसी का सप्त ऋषि व अपने पितरों को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया। इस परंपरा निभाने से पितरो को मोक्ष,ऋषि मुनियों को प्रसन्न करने के साथ घर परिवार में सुख समृद्धि आती है। श्रीमाली समाज अध्यक्ष कांतिलाल व्यास,नगर परिषद राजस्व अधिकारी गजेंद्र व्यास,शिवप्रसाद दवे,विनोद अवस्थी,नरेश दवे,रमेश त्रिवेदी,भंवरलाल दवे,मनोहर अवस्थी,मांगीलाल चांदेसरा,नरेंद्र दवे,अशोक कुमार श्रीमाली आदि समाज के लोगों ने नाकोड़ा रोड़ स्थित भूरकी नाड़ी पर तर्पण किया।

Friday, August 29, 2014

गाजे बाजे के साथ उपखंड क्षेत्र में गणपति प्रतिमाएं विराजित

बालोतरा। माजीसाा भक्त मंडल के तत्वाधान में गणेश चतुर्थी को दोपहर विजय मुहूत्र्त में माजीसा चौक बाईपास रोड़ पर विध्न विनायक गणपति भगवान की आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई। भक्त मंडल के पारसमल सांखला ने बताया कि भादपद्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को दोपहर 12:15 बजे नगर परिषद सभापति महेश बी चौहान,पूर्व पार्षद माणक गहलोत,नरेश खंडेलवाल,रतन खंडेलवाल ने पण्डित मेगेश दवे के वैदिक मंत्रोच्चार में गणपति भगवान की पूजा अर्चना कर प्रतिमा को स्थापित किया। अतिथियों द्वारा वेदमंत्रों के उद्घोष में गणेश भगवान का पंचामृत से अभिषेक दिनेश अरोड़ा,नेमीचंद पालीवाल,मनोज कांकरिया,लोकेश अग्रवाल ने अर्थव शीर्ष पाठ में भाग लिया। इसके बाद अतिथियों द्वारा विध्नहर्ता गणपति देव की 101 दीपकों से महाआरती की गई। माजीसा भक्त मंडल के ओमसिंह राजपुरोहित,अमृतलाल मालू,प्रवीण चौपड़ा,मनीष गहलोत,सुरेंद्र गहलोत,मीठालाल गहलोत,रूपाराम मेघवाल,सुनिल गढवी,प्रवीण खंडेलवाल सहित श्रद्धालुओं ने गणपति भगवान की प्रतिमा पर पुष्प वर्षा कर महोत्सव की शुरूआत की। इसी प्रकार जबरदस्त हनुमान मंदिर के पास गणपति चौक में 11 फीट ऊंची भगवण गणेशजी की प्रतिमा को गाजे बाजे के साथ स्थापित किया गया।
जसोल में धूमधाम से मनाया गणपति महोत्सव
जसोल कस्बे के अमरापुरा स्थित बाबा भैरवनाथ मंदिर परिसर में श्री गणेश चतुर्थी महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्री मंशापूर्ण गणपति महाराज की पंचामृत व दूध से महाभिषेक के साथ पंडित राजू महाराज ने भगवान गणपति का विशेष श्रंगार कर 108 दीपकोंं से महाआरती कर पंच मेवा व मोदक का भोग लगाया।

Sunday, August 24, 2014

मृत्यु से पहले सत कर्म कर लो, संत कृपाराम जी महाराज

बालोतरा। अमरचन्द हरीराम भूतड़ा परिवार द्वारा आयोजित श्री मद भागवत कथा में संत कृपाराम जी महाराज ने कहा कि मृत्यु तो आनी निश्चित है, पर मरने से पहले कुछ नेक कार्य कर लो। अच्छे कार्य किये हुए ही तुम्हारे साथ चलें। आप किसी का भला करो तो भगवान आपका अपने आप लाभ कर दे। सन्त श्री कहते हैं कि जब तक आपका शरीर ठीक है, स्वास्थ्य ठीक है, तब तक राम का नाम ले लो, यदि शरीर साथ ही नहीं दे तो कैसे भगवान का भजन करोगे। कथा परिसर में भक्तो की भारी संख्या को सम्बोधित करते हुए संत कृपाराम जी महाराज ने विदुर विदुरानी कथा प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान भक्त की जाति पाति नही देखता, पढ़ाई लिखाई नहीं देखते, उम्र नहीं देखते। भगवान देखते हैं तो केवल भक्ति भाव देखते हैं। भगवान खुद कहते हैं कि मैं तो भाव का भूखा हूंॅ, भाव के कारण ही तो शबरी भीलणी के हाथ से झुठे बेर खाए।
भाव के कारण छप्पन भोग छोडक़र विदुरानी के हाथ से केले के छिलके खाने चले गए थे। दुर्योधन ने अनेक व्यंजन बनाए थे भगवान के लिए, पर दुर्योधन के मन में अभिमान था एवं विदुर विदुरानी के घर धन सम्पति तो नहीं पर भगवान के लिए अनन्य भाव था। रात भर जा-ते हुए भगवान को याद करते हुए रोते हुए भगवान को याद करते रहे। उसी भाव को देखते हुए भगवान ने विदुरानी के हाथ से केले के छिलके खाए थे। कर्म करो, सुकर्म करो, कोई भी कार्य करने से पहले सोचो कि मेरे द्वारा -लत कर्म तो नहीं हो रहा, जैसा कर्म करों वैसा ही फल मिले पेड़ बबुल और आम का फल प्राप्त कराना चाहोगे तो कैसे मिले बबुल का पेड़ लगाया है तो कांटे ही मिलेंगे और यदि आम का पेड़ लगाया तो मिठे मिठे फल प्राप्त होंगे। छोटे बच्चों से प्रार्थना है कि पढ़ाई में भरपुर मेहनत करो, निराशा में, या हताश होकर जीना तो जीना नहीं है, अच्छे कर्म करों तो सुख ही सुख मिलेगा और बुरे कर्म करो तो दुख ही दुख: मिलेंगे। 

योग में हैं जीवन की सार्थकता : मुनि विमलसागर

बालोतरा। राष्ट्रसंत आचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज के क्रांतिकारी शिष्य मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि योग और त्याग के समक्ष संसार की सारी समृद्धि फीकी है। जीवन की सार्थकता भोग में नहीं, योग और ब्रह्मचर्य की साधना में निहीत है। भोग उर्जा की बर्बादी है। योग उर्जा का रूपांतरण है। भोग के पथ पर परितृप्ति असंभव है। योग और त्याग के असीम सुख है। धन, धनवान और भोग-उपभोग की दुनिया कभी दिल से पूजा नहीं करती। त्याग और त्यागी सर्वत्र पूजनीय होते हैं। त्याग को देखकर सहज ही हर कोई झुक जाता है। त्याग और त्यागी सदैव सम्मानीय रहे हैं। भारतीय संस्कृति भोग प्रधान नहीं, योग व त्याग प्रधान है। त्याग परम तृप्ति की अनुभूति देता है। त्यागी से बड़ा संसार में कोई सुखी नहीं हो सकता। रविवार को नाकोड़ा जैन तीर्थ में पर्युषण महापर्व के तीसरे दिन ‘‘पौषध व्रत की साधना‘‘ पर प्रवचन देते हुए मुनिवर ने यह बात कहीं। चार हजार से अधिक श्रद्धालुओं की विराट् धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि अत्याधिक भोग पागलपन लाता है। अमेरिका सर्वाधिक भोगप्रधान देष हैं। वहां पागलों की संख्या भी सर्वाधिक है। योग और त्याग साधना है। साधनों से नहीं, साधना से ही जीवन का कल्याण हो सकता हैं। जो साधनों में सुख ढुंढ़ते हैं, वे नादान है। साधनों की अधिकता और अपेक्षा सदैव दु:ख लाती है।
मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि वक्त के पहले भोग से निवृश्र होकर योग साधना में लगना ही जिन्दगी का सौभाग्य है। मस्तक पर सफेद बालों का आना, कानों में कम सुनाई देना, आंखों की रोषनी का मंद पड़ जाना, शरीर का कमजोर होना, भोजन ठीक से न पचना आदि और कुछ नहीं, यमराज के दूत के आगमन का पूर्व संदेष है। इतना सब होते हुए भी यदि इच्छा-तृष्णा और आशा-अपेक्षा का पिण्ड नहीं छूटता है तो यह जीवन की निष्फलता का संकेत है। मुनिवर ने कहा कि एक या एक से अधिक दिन तक गृहत्याग कर अनासक्त भाव से साधु की तरह त्यागमय जीवन जीने को ‘पौषध‘ कहा जाता है। जैन परंपरा की यह विरल साधना है। हर जैन गृहस्थ को कम से कम एक दिन पौषध व्रत अंगीकार कर त्यागमय जीवन की साधना अष्वयमेव करनी होती है। पौषध मानसिक क्रांति है। भवरोगों के उपचार का यह औषध है। संसार में रहकर भी संसार से भिन्न रहने का यह अभ्यास है। पौषध व्रत में तमाम प्रकार के हिंसक विचारों-कार्यों और उपदेषों का त्याग होता है। आचार्य पद्मसागरसूरीष्वर महाराज ने कहा कि श्रावकाचार का एक महत्वपूर्ण व्रत है पौषध। पर्युषण महापर्व की साधना त्यागपूर्ण है। पर्युुषण का संबंध अन्तर्चेतना की जागृति से है। शरीर को सर्वस्व नहीं, सिर्फ साधन मानना होता है। जिनकी नजर सिर्फ शरीर पर है, वे साधना नहीं कर सकते। पाप का मन में प्रवेष न हों, इसकी सावधानी रखकर जीवन जीया जाना चाहिए। आचार्य प्रवर ने आगे कहा कि मन से पाप तीव्र बनते है। शुभ हो या अषुभ, जिस कार्य में मन जुड़ता है वह कार्य प्रभावी बन जाता है। अत: मजबूरी में करने पड़ते पाप और मन की पूरी रूची से किये जाते पापों में अन्तर होता है। ज्ञानी मनपूर्वक पाप नहीं करते। मजबुरी में हो जाते पापों का प्रायष्चित अल्प होता है और रूची पूर्वक किये जाते अपराधों की सजा बहुत भारी होती है। पाप को पाप मानना ही पाप को कम करने का पहला उपाय है। जो अपने अपराधों को अपराध के तौर पर नहीं देखता, वह अपराधों से कभी मुक्त भी नहीं हो सकता। पौषध व्रत पापमुक्त होने की साधना है। यह आत्मा का पोषक और औषध है।
कार्यक्रम में पचपदरा के विधायक अमराराम चौधरी विशेष रूप से उपस्थित थे। उनका व अन्य अतिथियों का नाकोड़ा तीर्थ की ओर से स्वागत किया गया। आचार्य पद्मसागरसूरीष्वर महाराज व मुनि विमलसागर महाराज से विधायक महोदय ने विशेष आर्शीवाद व मार्गदर्शन लिया। चातुर्मास समिति के संयोजक गणपतचन्द पटवारी ने बताया कि सोमवार को जैनधर्म का पवित्रतम धर्मग्रंथ धर्मसभा में आचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज को अर्पित किया जाएगा। बाद में धर्मग्रंथ की पांच ज्ञानपूजाएं होगी। कल्पसूत्र ग्रंथ के आधार पर ही श्वेतांबर मूर्तिपूजक परंपरा में पर्युषण महापर्व मनाया जाता है। विष्वभर में 50 हजार से अधिक स्थलों पर सोमवार से कल्पसूत्र का वाचन और उसके आधार पर पर्युषण महापर्व की साधना होगी। रविवार को हजारों पुरूषों व महिलाओं ने पौषध व्रत अंगीकार किया। दो समय प्रतिक्रमण, सामायिक और तपस्या पूर्वक यहां नाकोड़ा तीर्थ में धर्म जागरण का अद्भूत माहौल बना है। हजारों लोग प्रतिदिन पर्युषण महापर्व के प्रवचन श्रवण हेतु यहां उमड़ रहे हैं।

बिठूजाधाम पर उमडऩे लगा रामदेवरा जाने वाले पद यात्रियों रैला

बालोतरा। एक दो तीन चार बाबा तेरी जय-जयकार,जब तक सूरज चांद रहेगा बाबा तेरा नाम रहेगा,आ ध्वजा किणरी है बाबा री है कुछ ऐसे की गगनचुंबी नारों के साथ रामसापीर के जयकारों के साथ पैदल जत्थे इन दिनों शहर के प्रत्येक जगह पर दिखाई दे रहे हैं। बालोतरा से 6 किलोमीटर की दूरी पर बाबा रामदेवजी की विश्राम स्थली के रूप में ख्यातिप्राप्त बिठूजाधाम पर इन दिनों रामदेवरा जाने वाले पद यात्रियों का रैला लगा हुआ है। पडौसी राज्य गुजरात,मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र आदि जिलों से सैकड़ों की तादाद में प्रतिदिन जत्थों के रूप में हजारों श्रद्धालु हाथों में रंग बिरंगी ध्वज पताकाएं लेकर बाबा के उद्घोष करते हुए बिठूजाधाम पहुंच रहे है। बिठूजाधाम में रात्रि विश्राम के बाद अल सवेरे बाबा रामदेव की निज मंदिर में मंगला आरती के बाद पुन:रूणिचा धाम के लिए आगे प्रस्थान कर रहे है। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष भैरूलाल डागा ने बताया कि बिठूजाधाम में दूर-दराज क्षेत्रों से आने वाले पद यात्रियों के लिए इस बार समुचित व्यवस्थाएं की गई है। जातरूओं की सेवा के लिए चाय,नाश्ता,बिस्किट,दूध,नमकीन,दवाईयोंं के साथ 24 घंटे भोजन आदि सेवाएं पद यात्रियों को निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है।

बुधवार को होगा वार्षिक मेले का आयोजन
बाबा रामसापीर के मंदिर पर बुधवार 27 अगस्त को वार्षिक मेले का आयोजन होगा,इस मेले में संभाग भर से हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे। श्रद्धालु राजू डागा ने बताया कि भादवा मास की द्वितीया बाबा दूज बुधवार को होने वाले मेले को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। महिला व पुरूषों के लिए अलग से बेरिकेटिंग कर दर्शन की व्यवस्थाएं की गई है तथा बाबा रामदेव सेवा समिति के कार्यकर्ताओं को भी यात्रियों के सुचारू दर्शन पूजन के लिए व्यवस्थाएं भी सौंपी गई है। ट्रस्ट मंडल के भैरूलाल डागा,शंकरराम चौधरी,पी राजेश जैन,जितेंद्र लूकंड,सुरेश जीरावला,डूंगरचंद सालेचा,मदरूपाराम चौधरी,ताराराम परिहार,चंपालाल गहलोत,राणाराम मेघवाल,कांतिलाल सालेचा,संदीप डागा,घेवरचंद गहलोत सहित कई कार्यकर्ता तैयारियों में जोर शोर से जुटे हुए है।

विवाहिता को जलाकर जान से मारने का आरोप

बालोतरा। उपखंड के आसोतरा गांव में शनिवार की देर रात एक विवाहिता को उसके पति ओर ससुराल के लोगों द्वारा जलाकर मारने की धमकी देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विवाहिता की शादी तीन वर्ष पहले हुई थी। शादी के बाद संतान के रूप में लडक़ी होने पर ससुराल वालों ने विवाहिता को प्रताडऩाएं ओर परेशान करना शुरू कर दिया था। शनिवार की देर रात को विवाहिता के पति ने उसे जान से मारने की धमकी दी। विवाहिता किसी तरह से शनिवार को अंधेरी रात में आसोतरा गांव से 11 किलोमीटर पैदल चलकर बालोतरा थाने पहुंची ओर आपबीती पुलिस को सुनाई। पुलिस ने मदद करने की बजाय पीडि़ता को सिवाना थाने का क्षेत्राधिकार बताकर बाहर का रास्ता दिखा दिया।
पीडि़ता रात भर वीराने में भटकती रही। सुबह किसी तरह से पीडि़ता ने सिणली गांव में अपनी मां को फोन किया ओर पीहर पहुची। पीडि़ता के पिता नही है एवं माता किसी तरह से मजदूरी कर अपना गुजर बसर कर रहे है। उधर बालोतरा पुलिस के आला अधिकारी रात को ऐसी किसी घटना के होने से इंकार कर रहे है ओर मामले की जांच करवाकर पीडि़ता को राहत दिलवानेे की बात कर रहे है। सुबे में मुख्यमंत्री महिला है ओर महिलाओं को हक व अधिकार दिलाने के बड़े बड़े वादे की बातो से क्या इस महिला को न्याय मिल पाएगा इसका जवाब तो प्रशासन ही दे पाएगा।

श्रद्धालुओं ने लोक देवता मामाजी से की अच्छी बारिश की कामना

मामाजी के थान पर हुआ मेहजाल कार्यक्रम,लगाया घुघरी मातर का भोग
बालोतरा। स्थानिय रामसीन मूंगड़ा रोड़ पर स्थित लोक देवता मामाजी मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी घांची समाज द्वारा रूठे इंद्र देव को मनाने के लिए मेहजाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। घांची समाज ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश एच भाटी ने बताया कि इस धार्मिक आयोजन में ढ़ोल ढ़मकोंं के साथ भोपाजी ने लोक देवता मामाजी को घुघरी मातर व प्रसादी का भोग लगाया। श्रद्धालुओं ने भी लोक देवता मामाजी से क्षेत्र में अच्छी बारिश के साथ क्षेत्र में सुख समृद्धि की कामनाएं की। इस अवसर पर नींबाराम सोलंकी,सांवलराम गहलोत,नेमीचंद सोलंकी,रामेश्वर भाटी,जीवाराम भाटी,राणाराम गहलोत,हंजारीमल,लेखराज देवड़ा,मुल्तान सोलंकी,लालाराम गहलोत,रामलाल,जगदीश परिहार,सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। कार्यक्रम के पश्चात प्रसादी का वितरण श्रद्धालुओं में किया गया। 

Friday, August 22, 2014

बालोतरा से खेड़ मंदिर तक वृहत वृक्षारोपण का आगाज

बालोतरा। बालोतरा वॉटर पॉल्यूशन कंट्रोल एण्ड रिचर्स फाउंडेशन ट्रस्ट एवं  महावीर इंटरनेशनल द्वारा ग्रीन इंडिया प्रोजेक्ट के अन्र्तगत बालोतरा औद्योगिक क्षेत्र से खेड़ मंदिर तक नीम के वृक्ष लगाने की वृहत योजना का शुभारभ पचपदरा विधायक अमराराम चौधरी ने पौधरोपण कर किया। बालोतरा वॉटर पॉल्यूशन कंट्रोल एण्ड रिचर्स फाउंडेशन ट्रस्ट के ट्रीटमेंट प्लांट के बाहर पौधरोपण करते हुए विधायक अमराराम चौधरी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र से खेड़ मंदिर तक वृहत पौधरोपण की महावीर इंटरनेशनल की कार्य योजना पर्यावरण की शुद्धि की दृष्टि से महत्वपूर्ण है तथा ट्रस्ट द्वारा उक्त कार्य में सहयोग उल्लेखनिय है। इस अवसर पर ग्रीन इंडिया प्रोजेक्ट जिला प्रभारी पारसमल भंडारी,संरक्षक ओम बांठिया,राष्ट्रीय प्रभारी,पारसमल गोलेच्छा,अध्यक्ष डॉ जीसी वडेरा,ट्रस्ट उपाध्यक्ष शांतिलाल बालड़,सचिव अशोक चौपड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए ट्रस्ट द्वारा पौधों के संरक्ष व पेयजल की सुविधा के लिए योगदान की सराहना की।
इस मौके पर राजस्थान राज्य प्रदूषण मंडल क्षेत्रिय अधिकारी एच आर कसाना,बिठूजा ट्रस्ट उपाध्यक्ष भोमाराम पंवार,कोषाध्यक्ष संपत भंडारी,महेंद्र श्रीश्रीमाल,लक्ष्मण चौधरी,धनराज चौपड़ा,मंगलाराम टांक,ओम पटवारी,सुधीर माथुर,नरेंद्र राठौड़,उमाराम पटेल सहित कई नागरिक उपस्थित थे।

अहिंसा में हैं पर्युषण की चेतना : विमलसागर

बालोतरा। राष्ट्रसंत आचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज के क्रांतिकारी शिष्य मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि अहिंसा शुद्ध और साŸिवक भावों की गंगोत्री है। अहिंसा में ही पर्युषण महापर्व की चेतना निवास करती है। तीर्थंकर भगवान महावीर ने अहिंसा को सभी आश्रमों का हृदय और सभी शास्त्रों का रहस्य कहा है। अहिंसा सभी प्रकर के व्रतों और गुणों का पिण्डभूत सार है। हिंसा तो विनाष का मार्ग है। इस मार्ग पर चलकर किसी के भी जीवन को सुख-षांति नहीं मिल सकती। गहरे अर्थ में हिंसा सिर्फ सामूहिक पागलपन है। इसमें किसी का भी हित नहीं है। नाकोड़ा जैन तीर्थ में आठ दिवसीय पर्युषण महापर्व के शुभारंभ के अवसर पर शुक्रवार को मुनिवर ने यह बात कही। विराट् धर्म सभा में पर्युषण महापर्व के पांच कर्तव्यों पर प्रवचन देते हुए मुनि विमलसागर महाराज ने आगे कहा कि हिंसा और महावीर कभी साथ-साथ नहीं चल सकते। महावीर को पाना हैं तो अहिंसा को अपनाना होगा और हिंसा का मार्ग चुनते हैं तो महावीर को छोडऩा होगा। आज जिस बड़े पैमाने पर पशु-पक्षियों और इंसानो की हत्या हो रही है, उसे देखकर तो यही लगता है कि इंसान कहीं जानवर बन गया है। दु:ख कोई नहीं चाहता और हिंसा सिवाय दु:ख के कहीं नहीं ले जाती। मुनि विमलसागर महाराज ने आगे कहा कि देश की आजादी के समय सिर्फ 300 कत्लखाने थे। आज 39000 (उन्चालीस हजार) कत्लखाने इस देष के दुर्भाग्य का इंतजाम कर रहे हैं। मांस निर्यात कर हम धन नहीं अपना विनाष बुला रहें हैं। बेमौत मरते इन पशु-पक्षियों की आह यह देष की फिजाओं में बर्बादी का पैगाम है। निर्दोष प्राणियों को मारकर कोई सुख से जीने की कल्पना कैसे कर सकता है। अहिंसा प्राण है। अहिंसा ही मां है। अहिंसा को त्याग कर इंसान अपनी जड़ों से उखड़ जाता है। उन्हें समझकर दूर हटना होगा। जो हिंसा की वकालत करते हैं, वे गलत लोग है। मुनिवर ने कहा कि हिंसक आहार हिंसक विचार लाता है। हिंसा की व्यपकता मानवना के प्रति अपराध है। बंदूक की गोलियां और युद्ध शांति नहीं ला सकते। पहले और दूसरे विष्वयुद्ध से ये सबक सीखने चाहिए कि जंग जीने नहीं देती। जंग में सभी को खोना और पछताना पड़ता है। 100 डिग्री सेन्टीग्रेड पर पानी भाप बनकर उडऩे लगता है। 1500 डिग्री सेन्टग्रेड पर लोहा पिघल कर तरल बन जाता है। जबकि 1 हाईड्रोजन बम 10 करोड़ डिग्री सेन्टग्रेड गर्मी पैदा करता है। ऐसे 50 हजार से अधिक बम बनाये जा चुके हैं। ये बम अनाज उगाने के काम नहीं आने वाले हैं। एक से अधिकबार इस समग्र पृथ्वी का नाष कर सकें इतनी भयानक क्षमता इन बमों के पास है। हम सभी मौत के मुंह पर बैठे हैं। निष्चित तौर पर अहिंसा और क्षमापना के बिना अब शांति से जीना असंभव है।
मुनिवर ने आगे कहा कि अहिंसक मनुष्य ही क्षमावान् हो सकता है। दूसरों की भूलों को माफ कर देना वीर ही समझते है। क्षमापना में मानवता का संगीत है। बुरे के साथ बुरा बनना तो बचकानापन है। दुनिया में दो प्रकार के मूर्ख होते हैं: एक वे जो अपनी भूलों के लिए क्षमा नहीं मांगते और दूसरे वे जो भूल स्वीकार कर लेने पर भी सामने वाले को माफ नहीं करते। आचार्य पद्मसागरसूरीष्वर महाराज ने कहा की आजादी के बाद हिंसा बढ़ी है। मुगलकाल में जैनाचार्य हीरविजयसूरि ने बादषाह अकबर को समझाकर 6 माह तक समग्र भारत में जीवहिंसा प्रतिबंधित करवायी थी। बादषाह जैनाचार्य के उपदेषों से प्रभावित होकर शाकाहारी बन गया था। हीरविजयसूरि महाराज ने हिन्दू बने रहने के लिए दिया जाता जजिया वेरा (टेक्स) अकबर को समझाकर माफ करवा दिया था। आज की राजनीति में सरकारों से व्यापक जनहित के काम करवाना भी दुभर है। उन्होंने कहा कि अभावग्रस्त बन्धुओं की देखभाल करना हर धार्मिक मनुष्य का परम कर्तव्य है। अभावग्रस्त को जरूरी सहायता पहुंचाना धर्म उपासना की पहली सीढ़ी है। जो दीन-दु:खी या धर्मबन्धुओं को सहयोग नहीं करता, वह भगवान की क्या साधना करेगा! उन्होंने कहा कि क्षमा सारी धर्म-आराधना का सार है। जो क्षमा करता है उसी की उपासना सफल होती है। पशु क्षमा करना नहीं जानते। मनुष्य के पास ही यह संभावना है। आचार्य पद्मसागरसूरीष्वर महाराज ने आगे कहा कि वार्षिक प्रयष्चित के रूप में सभी को तीन उपवास करने चाहिए। प्रायष्चित व पश्चाताप पापों को धोने का अमोघ उपाय है। धर्म जागरण के लिए सामूहिक रूप से मंदिरों के दर्षन को जाना चाहिए। इससे सामूहिक पुण्य का अनुबंध होता है। विधि विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करनी चाहिए। चातुर्मास समिति के संयोजक गणपतचन्द पटवारी ने बताया कि चार हजार से अधिक श्रद्धालु यहां पर्युषण महापर्व की आराधना के लिए एकत्रित हुए है। दोनों समय प्रतिक्रमण के द्धारा पश्चाताप व प्रायाष्चित का विधान होता है। सामूहिक देवदर्षन, पूजन व गुरूवंदना के कार्यक्रम होते है। दो हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने निराहार रहकर शुक्रवार को उपवास की तपस्या की।

सब्जी मंडी में जमकर हो रहा है अतिक्रमण

बालोतरा। शहर में नगरपरिषद द्वारा निर्मीत सब्जी मंडी सब्जी की बिक्री के साथ ही अतिक्रमणो ओर अवेध कब्जो की भी मंडी बन गई है। सब्जी मंडी में नगरपरिषद ने 44 लोगो को दुकाने आवंटित कर रखी है पर परिसर में 100 से ज्यादा दुकानो को संचालन हो रहा है। जिन लोगो को दुकानो का आवंटन हुआ है उन लोगो ने दुकानो के आगे जालियां लगवाकर अतिक्रमण कर रखे है। साथ ही मंडी परिसर में सब्जी कारोबारियो ने खाली पड़ी जमीन पर लोहे की जालियां ओर टीन शेड बनाकर दुकानो के रूप में कब्जेेे कर रखे है।
सुत्रो के अनुसार अवेध रूप से कब्जे वाली दुकानो में काम करने वाले लोगो को नगरपरिषद का संरक्षण प्राप्त है। अवेध रूप से मंडी में कब्जा जमाये बैठे सब्जी विक्रेताओ से नगरपरिषद के कार्मिक प्रतिमाह किराये की अवेध वसुली भी कर रहे है जो कार्मिको की जेब में जा रहा है जिससे नगरपरिषद को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। नगरपरिषद के कार्मिक नगरपरिषद की आवंटित दुकानो का किराया भी वसुल नही कर रहे है। मंडी में दुकानदारो पर किराये के करीब 28 लाख रूपये भी बकाया पड़े है। वही नगरपरिषद के आयुक्त ने मंडी में संचाजित हो रही दुकानो का सर्वे करवाकर मंडी में अवेध अतिक्रमणो के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

Wednesday, August 20, 2014

मृत्यु है जिन्दगी का सबसे बड़ा खेल : विमलसागर

बालोतरा। कोई कैसे भी तुर्रमखां या शहशांह हों, मौत भले भलों को ठिकाने लगा देती है। मनुष्य का सारा घमण्ड पलभर में मृत्यु के समक्ष चूर-चूर हो जाता है। मौत के सामने सम्पति और चालाकी काम नहीं बाती। वह तो जिन्दगी के सदाचार, सरलता, पवित्रता और उदारता का हिसाब मांगती है। जो सबको जीतने की चेष्टा करते हैं, वे भी मौत के सामने तो परास्त हो जाते हैं। बाकि सारे खेल तो छोटे-मोटे हैं, मृत्यु जिन्दगी का सबसे बड़ा खेल है। इस फाईनल मैच में ही पता चलता हैं कि हमने जिन्दगी के बाकि के मैच कैसे खेले है। ये मर्मस्पर्शी विचार बुधवार को नाकोड़ा जैन तीर्थ में क्रांतिकारी मुनि विमलसागर महाराज ने व्यक्त किये। विराट् धर्मसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा खुद को जीतना ही मौत को हराना है। जो सारी दुनिया को जीतने का पागलपन करते हैं, वे मौत के सामने रोते-बिलखते नजर आते हैं। संसार में रोज हजारों-लाखों लोग मरते हैं, लेकिन ज्यादातर की मौत दु:खद होती है। संत की मौत सुखद है जो समझकर मरता है उसे समाधि कहा जाता है। हाय-हाय करते हुए भी मरा जाता है और राम-राम करते हुए भी मरा जाता है। जिसने जीवनभर हाय-हाय किया हो, उसे अंत समय राम-राम जुबान पर नहीं आता। मौत हमारी जिन्दगी की एक-एक प्रक्रिया की परीक्षा है। ज्ञानी सदाचार पूर्वक जीवन जीते हैं और शांतिपूर्वक दुनिया से विदा होते हैं। ओजस्वी वाणी और धाराप्रवाह शैली में अत्यंत हृदयस्पर्शी विवेचना करने हुए मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि सिकन्दर, हिटलर, मुसोलिनी, लादेन, औरंगजेब, प्रभाकरन, भुट्टो, जीया उल हक्क आदि हजारों ऐसे नाम मिलेंगे, जिनको मौत ने ऐसे सुलाया कि सारी ख्वाहिषें खुद के साथ ही दफन हो गई। श्मषान और कब्रिस्तान में सच्चा साम्यवाद है। सबकी राख वहां एक समान हो जाती हैं और सारे मुर्दे पास-पास में दफना दिये जाते हैं। मौत हर किसी का गुरूर उतार देती है। जो अनासक्त भाव से जीता है और खुद को जीतने का प्रयत्न करता है, वही सिर्फ मौत को महोत्सव बना सकता है। मुनिवर ने आगे कहा कि जीवन का आधार ज्ञान व सदाचार पर होना चाहिए। मौत के सामने क्षमाएं और सम्पति काम नहीं आती। मौत जीवन की विरल घटना है। यह निश्चित भी है और अनिश्चित भी। मृत्यु आयेगी, यह निश्चित है। लेकिन वह कब आयेगी, कहां आयेगी, कैसे आयेगी! यह अनिश्चित है। अत: पूरी जागृति और सावधानी से जीवन जीया जाना चाहिए। जो जीवन को सामान्य समझते हैं और जो चाहा वो करते हैं, वे सब मृत्यु के समय बहुत पछताते है। मृत्यु हमारे एक-एक कार्य का हिसाब लेती है। साधक और संत इसीलिए कभी नहीं मरते। वे मरकर भी जिन्दे रहते है। उनकी साधना और उनका सदाचार उन्हें अमर बना देता है। मुनि विमलसागर महाराज ने जोर देकर आगे कहा लोग जन्मदिन मनाते हैं। मृत्युदिन क्यों नहीं मनाते! सच तो मृत्युदिन हैं, क्योंकि हम प्रतिपल मर रहे हैं। जन्म तो बहुत पीछे छोडक़र आ गये हैं। अब जन्म के दिन को याद करने का क्या औचित्य है।
यात्रा तो मृत्यु की है। जीवन तो मौत की और आगे बढ़ रहा है। तो नजर मृत्यु पर होनी चाहिए। सोच-विचार में मृत्यु होनी चाहिए। धर्मषास्त्र कहते हैं कि जो मृत्यु को नजर समक्ष रखकर जीवन जीते हैं, उनकी जिन्दगी में पाप और अपराध नहीं होते। मृत्यु का चिन्तन मनुष्य को गलतियों से रोकता है। मौत को भुलकर ही इंसान भटकता है। इसीलिए महात्मा बुद्ध ने श्मषान को गांव के बीचोबीच चैराहे पर रखने का सुझाव दिया था,ताकि बार-बार सावधानी बनी रहे। विवेकसागर महाराज ने भी धर्मसभा को संबोधित किया। चातुर्मास समिति के संयोजक गणपतचन्द पटवारी ने जानकारी दी कि बुधवार को आचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज का केशलुचन हुआ। उनके साथ शेष साधु-साध्वीगण ने भी केशलुंचन करवाये। पर्युषण महापर्व से पूर्व हर जैन साधु-साध्वी को केशलुंचन करवाना अनिवार्य होता है। 22 उपवास की तपस्विनी साध्वीवर्या श्रुतनंदिता ने भी बुधवार को अत्यंत समताभाव से केशलुंचन करवाया। साधु-साध्वियों को देखकर 20 से अधिक श्रावक-श्राविकाओं ने भी यहां नाकोड़ा तीर्थ में केशलुंचन करवाये हैं।
बुधवार को ओम तप तथा श्रावण-भाद्रपद माह के उपवास रखने वाले दो सौ से अधिक तपस्वियों का समारोह में अभिनंदन किया गया। नाकोड़ा ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी उत्तमचन्द मेहता, मदनलाल सालेचा और महेन्द्र चौपड़ा ने तिलक कर और उपहार देकर तपस्वियों का अभिनंदन किया। 

पद यात्रियों की सेवार्थ चल केंटिन रवाना

बालोतरा। बाबा रामदेव चल केंटिन सेवा समिति मजदूर संघ बालोतरा की ओर से रामदेवरा जाने वाले पद यात्रियों की सेवा के लिए चल केंटिन नेहरू कॉलोनी हनुमान मंदिर के पास से बायतु विधायक कैलाश चौधरी,ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भंवरलाल भाटी,पुरस्कृत फोरम के जिलाध्यक्ष सालगराम परिहार व युवा समाजसेवी हंसराज जयपाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। युवा समाजसेवी ओमप्रकाश भाटी व नरेंद्र जयपाल ने बताया कि चल केंटिन सेवा में पैदल यात्रियों के लिए फल-फ्रूट,नींबू शिकंजी,बिस्किट,पानी,मेडिकल किट,मिष्ठान व नाश्ता आदि सामग्री निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। इस मौके पर बाबा रामदेवजी की आरती उतार कर विधिवत रूप से चल केंटिन को रवाना किया गया। इस अवसर पर चल केंटिन मजदूर संघ उपाध्यक्ष लक्ष्मण जयपाल,कोषाध्यक्ष दामोदर बारूपाल,भेराराम भाटिया,पार्षद मांगीलाल सांखला,पार्षद गोविंद जीनगर,प्रेमदान चारण,गोपाल चितारा,नेमीचंद चितारा,समाजसेवी टीकमाराम चौधरी,मदन बारूपाल,बाबुलाल नामा,पारस भाटी सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
प्रजापत सेवा समिति की ओर से चल केंटिन का शुभारंभ
हनवंत सराय के पिछे स्थित रणबंका हनुमान मंदिर से मारू प्रजापत समाज सेवा समिति की ओर से बुधवार को रामदेवरा पैदल यात्रियों के लिए चल केंटिन का शुभारंंभ हुआ। इस चल केंंटिन को भंवरलाल छापरवाल,ओमप्रकाश प्रजापतज,चंपालाल छापरवाल व हनुमान सियोटा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान खीमराज घोडेला,हर गोविंद सियोटा,वीरमाराम,नारायण,ललित छापरवाल,केसाराम जेठीवाल,शंकरलाल गेदर,नारायण नोखवाल,दिनेश भोभरिया व उमेश मानणिया सहित कई समिति के कार्यकर्ता मौजूद थे। 

अशोक लिलेंड कंपनी का ग्राहक सम्मेलन आयोजित

बालोतरा। अशोक लिलेंड लाईट कॉमर्शियल व्हीकल के डीलर चंद्रा ऑटोव्हील लिमिटेड द्वारा बालोतरा स्थित शाखा में ग्राहक सम्मेलन का आयोजन किया गया। ग्राहक सम्मेलन में अशोक लिलेंड कंपनी की ओर से नया वाहन ‘दोस्त स्ट्रोंग’ को लांच किया गया। अशोक लिलेंड कंपनी के सेल्स मैनेजर ने उपस्थित ग्राहकों व डीलरों को जानकारी देते हुए बताया कि इस वाहन लोडिंग क्षमता 1.25 टन है एवं इसका माईलेज 19.6 किलोमीटर प्रति लीटर है। बालोतरा शाखा के डीलर चंद्रा ऑटोव्हील के सेल्स मैनेजर राजेश पुरोहित ने कंपनी अन्य उत्पाद स्कूल बस,पेसेंजर वाहन आदि की जानकारियों से लोगों को अवगत करवाया।
ग्राहक सम्मेलन के दौरान अशोक लिलेंड कंपनी के नए वाहन ‘दोस्त स्ट्रोंग’ की पांच बुकिंग कर मौके पर हीं डिलीवरी दी गई एवं समाजसेवी मोहम्मद युुसुफ भांतगर व ब्रांच मैनेजर रवि शंकर बिस्सा ने ग्राहकों को वाहनों की चाबियां सुपुर्द की। ग्राहक सम्मेलन के अंत में चंद्रा ऑटोव्हील के जनरल मैनेजर प्रवीण गहलोत ने सभी ग्राहकों व डीलरों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

Tuesday, August 19, 2014

गाजे बाजे के साथ रामदेवरा पद यात्रा संघ रवाना

बालोतरा। भिक्षु ग्रुप के बैनर तले शहर के हनवन्त सराय के पीछे आचार्य श्री महाश्रमण मार्ग से बाबा रामदेव पैदल यात्रा संघ का विशाल जत्था पारसमल नरेशकुमार भण्डारी निवास से गाजे बाजे के साथ दोपहर 12.15 बजे विजय मुहुते में प्रस्थान हुआ। इस जत्थ को खत्रियों के चौक से विधायक अमराराम चौधरी, नगर परिषद पद के सभापति महेश बी चौहान , ओसवाल समाज के अध्यक्ष मदनराज चौपडा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पारसमल भण्डारी, समाज सेनी ओम बाठिया ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। अतिथियों द्वारा बाबा के रथ में विराजित रामसापीर की प्रतिमा व बाबा के घोडे की विधिवत आरती कर पुष्प् अर्पित किए गये।
भिक्षु ग्रुप का एक 300 पद यात्रियों का विशाल जत्था भक्त नरेश भण्डारी, लूणचन्द तातेड, पृथ्वीराज लूकड, भरत मेहता, राण बागरेचा के नैतृत्व में बैन्ड बाजों की मधूर व बाबा के जयकारे के साथ रवाना हुआ। ग्रुप के मयंक भण्डारी ने बताया कि इस जत्थे में शामिल सभी पद यात्रियों का पारसमल नरेशकुमार भण्डारी परिवार की ओर से बहुमान किया गया। इस मौके पर भाजपा पूर्व अध्यक्ष रमेश गुप्ता , पार्षद पुष्पराज चौपडा, सम्पत बालड, मदन चौपडा महावीर भण्डारी , दीनेश छंाजेड, रमेश तातेड, नरेश सालेचा , पुष्पेन्द्र तातेड, धमेन्द्र दागा, मोटाराम चौधरी , गोतम चैपडा, ममता भण्डारी ऋषिका सहित कई लोग शामिल थे। महावीर इन्टरनेशनल संस्था द्वारा स्वागत - बाबा रामदेव पैदल यात्रा संघ, (भिक्षु ग्रुप) के जत्थे का भांतगर हाउस पर जोन सचिव मोहम्मद युसुफ भांतगर , सचिव अशोक चौपडा, चतुर्भुज रंगवाला, दलपत जैन आदि ने फूल मालाए पहनाकर स्वागत किया। 

पानी की बोतल में मिला इलेक्ट्रिक वायर

बालोतरा । बालोतरा ओर सिवाना उपखंड में पानी के पाउच व पानी की बोतले पेक करके बेचने वाले प्लांट लोगो के स्वास्थय के साथ खिलवाड़ कर रहे है। ताजा मामला बालोतरा कस्बे का हैं। यहा पर समदड़ी कस्बे के एक वाटर प्लांट से पेक होकर बाजार में आई पानी की एक सीलबंद बोतल में इलेक्ट्रिक वायर का टूकड़ा ओर कचरा भरा हुआ मिला है।
नये बस स्टैण्ड के पास स्थित दुकान के दुकानदार को पानी की बोतल मे इलेक्ट्रिक वायर दिखने पर उसने बोतल को अलग रखवा दिया है। गोरतलब है कि बालोतरा व सिवाना उपखंड में खाद्य व स्वास्थय विभाग की लापरवाही से पानी के पेक बोतलो के नाम पर स्थानिय पानी को ही आर.ओ. करके बाजारो में बेचा जा रहा है। 

ज्ञान देता है जीने की कला : पद्मसागरसूरि

बालोतरा। राष्ट्रसंत आचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज ने कहा कि ज्ञान आत्मा का मुल गुण है। ज्ञानहीन मनुष्य पशुतुल्य है। ज्ञान से ही जीवन जीने की कला आती है। ज्ञान की साधना जीवन का ध्येय होना चाहिए। आत्मा अनंत ज्ञानमय चेतना है। सिर्फ मन पर लगी अज्ञान की कालिमा हटाने की आवश्यकता है। लालटेन कितनी ही तेजी से जलायें, यदि उस पर कांच का गोला कालिमा से काला हो चुका है तो प्रकाश बाहर नही आ सकेगा। इसी तरह अज्ञान का आवरण भी चेतना के प्रकाश को बाहर नहीं आने देता।
नाकोड़ा जैन तीर्थ में मंगलवार को विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्यश्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि जो आसक्तियों से मुक्त करे वही खरा ज्ञान है। जैन परंपरा में ज्ञान से पहले ‘सम्यक्‘ शब्द जोड़ा जाता है। अकेला ज्ञान जैन परंपरा में मान्य नहीं है। ज्ञान तो कई तरह का होता है। लेकिन जो मनुष्य को पतन के मार्ग से बचाये और धर्म के मार्ग पर प्रवृत करें, वह सम्यक् ज्ञान है। इधर-उधर की जानकारियों को जैन परंपरा सम्यग्ज्ञान नहीं मानती। उन्होंने कहा कि बुद्धि के दुरूपयोग को रोकना चाहिए। विचारों की विकृति जीवन को विनाश के पथ पर ले जाती है।
क्रांतिकारी मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि मृत्यु जीवन का दुसरा पक्ष है। जन्म उसका पहला पक्ष है। जीवन चाहते हैं तो मृत्यु भी अज्ञानता है। समाधिमय मृत्यु जीवन की सफलता है। ऐसी मौत नसीब वालों को मिलती है।
मुनिवर ने कहा कि आसक्ति शांति से न तो जीने देती है और न मरने देती है। लोग धन के लिए जीवन बर्बाद करते है। जीवन के लिए धन नहीं, धन के लिए जीवन लग रहा हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

बी आर स्कूल में किया पौधरोपण

बालोतरा। गांधीपुरा स्थित बीआर इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षाविद् व रचनाकार मोहनलाल गहलोत द्वारा पौधरोपण किया गया। पौधरोपण करते हुए रचनाकार मोहनलाल गहलोत ने कहा कि वृक्ष जीवन का मुख्य आधार है और ये प्रकृति सहायक है।
उन्होंने सभी लोगों से अधिकाधिक संख्या में पौधे लगाने का आह्वान किया। इस मौके पर समाजसेवी चंपालाल सुंदेशा,ओमप्रकाश राजपुुरोहित,दौलत सुंदेशा,ममता गहलोत,हंसा,दिव्या,मंजू,गौतम गहलोत सहित स्कूल स्टॉफ मौजूद थे।

Monday, August 18, 2014

चालक है वाहन का मोहताज तो हैल्पर है स्टेयरिंग का सरताज !

जलदाय विभाग के अधिकारियों ने वाहन चालक की जगह हैल्पर दिया वाहन चलाने का जिम्मा,चालक ने उच्चाधिकारियों को की शिकायत
                         भगाराम पंवार 
बालोतरा। अधिशाषी अभियंता जन स्वास्थ अभियांत्रिक विभाग बालोतरा में अधिकारियों एवं चहेते कर्मचारियों की सांठ गांठ से भ्रष्टाचार के कारण वर्षों से विभाग में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है,जिसके कारण संत्री को मंत्री बनाने के आदेश वर्षों से जारी हो रहे है। जलदाय विभाग पेयजल किल्लत को लेकर जनप्रतिनिधियों के समक्ष पद रिक्तता का रोना रोते है एवं कर्मचारियों की कमी का राग अलापते नजर आते है,लेकिन हकिकत कुछ ओर ही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकारियों के चहेते वेलदार,वॉल्वमैन और हैल्पर निर्धारित पद के अनुरूप काम न करके कमाऊ पदों पर ड्यूटी निभा रहे है। वेलदार,वॉल्वमैन और हैल्पर के ड्राईविंग लाईसेंस नहीं होने के बावजूद भी वर्षों से जलदाय विभाग के वाहनों को चला रहे है और विभाग द्वारा स्थापित वाहन चालक वर्षों से ठाले बैठे वाहन की राह देख रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जलदाय विभाग के अधिशाषी अभियंता के आदेश क्रमांक 4268-76 तारीख 14 जनवरी 2013 में आदेश दिए गए कि राधेश्याम दाधिच वाहन चालक को 31 जनवरी 2013 को राजकीय सेवा से सेवा निवृत हुए है। मगर आदेश क्रमांक 4098-4102 तारीख 1 जनवरी के आदेश में सरकारी भारी वाहन को चलाने के लिए हैल्पर का नाम जारी किया गया,जबकि उस अवधि में नारायणसिंह पदस्थापित था। वाहन चालक द्वारा एतराज किया गया तो संशोधित आदेश के माध्यम से नारायणसिंह को वाहन चालक का भार सौंप दिया लेकिन आदेश के 19 माह बाद भी उसे वाहन चलाने का चार्ज नहीं दिया गया है। वहीं इस दौरान हैल्पर हीं बगैा लाईसेंस के सरकारी वाहन को चलाकर खानापूर्ति कर रहे है एवं डीजल व सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश अधिकारियों की मिलीभगत से कर रहे है। वाहन चालक नारायणसिंह ने चार्ज नहीं देने के कारण अधिकारियों से खुब मिन्नते की लेकिन अधिकारियों उसकी नहीं सुन रहे है आखिरकार तंग आकर 4 फरवरी 2013 को आला अधिकारियों को लिखित में सूचना भी भेजी परंतु उसका भी आज तक कोई जवाब नहीं मिला है। इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारी अपनों को कितना अच्छा पद देते है क्योकि इससे उनकी जेब थोड़ी हरी रहती है। आज जलदाय विभाग में अधिकारियों की मनमर्जी के चलते नारायणसिंह वाहन का मोहताज है तो हैल्पर स्टेयरिंग के सरताज बने हुए बैठे है। नारायणसिंह ने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर उसे वाहन चालक का जिम्मा तुरंत प्रभाव से दिलाने की मांग की है।
अधिकारी कहिन---
मैं बालोतरा में नया आया हूं मुझे आपने बताया है तो मैं इस स्थिति का पता लगाकर मामले को सुलझाने की कोशिश करूंगा जबकि वाहन चालक का पद स्थापित है तो हैल्पर को क्यो लगाया गया है इसकी भी पड़ताल की जाएगी। 
महेशचंद्र गुप्ता,अधिशाषी अभियंता,जलदाय विभाग बालोतरा। 

हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की . . .

जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ आयोजनों में युवाओं ने दिखाया उत्साह
बालोतरा। भगवान के जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर शहर में कई स्थानों पर मटकी फोड़ प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। शहर में द्वितीय रेलवे क्रॉसिंग, गांधीपुरा, उम्मेदपुरा, राघवदास आश्रम के पास छतरियों का मोर्चा, नयापुरा व पादरू बस स्टैंड सहित विभिन्न स्थानों पर कृष्ण भक्तों ने जन्माष्टमी के मौके पर दही हांडी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसी प्रकार शहर के तृतीय रेलवे क्रॉसिंग के समीप जय शिव शंकर ग्रुप द्वारा आधुनिक तकनीक के माध्यम से दही हांडी फोड़ महोत्सव का आयोजन किया गया जो देर रात तक चला। ग्रुप के अध्यक्ष फरसराम सुंदेशा ने बताया कि महोत्सव का आगाज मुख्य अतिथि नगर परिषद सभापति महेश बी चौहान ने मटकी व नारियल फोडक़र किया। सुंदेशा ने बताया कि महोत्सव के तहत कई गोविंदाओं की टोलियों ने भाग लिया एवं कन्हैया ग्रुप जसोल ने दही हांडी फोडऩे में फोडऩे में सफलता हासिल की। कन्हैया गुप जसोल के  मुकेश पंवार को मुख्य अतिथि नगर परिषद सभापति महेश बी चौहान द्वारा स्मृति चिन्ह व नगद राशि से पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर पार्षद रोहित सोलंकी,मुकेश पंवार,शिव सेना के जबरसिंह सोढ़ा,समाजसेवी हनुमान पालीवाल,प्रभुाराम माली,घेवरचंद सुंदेशा,महेश,मुकेश गुजर,कमलेश पंवार,राजाराम चौधरी,मनीष सोलंकी,दिनेश गोदारा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। मंच का संचालन हनुमान कड़वासरा ने किया।

भजन संध्या में झूमें श्रद्धालु
श्री कृष्णा जन्माष्टमी पर्व पर रविवार रात्रि में चेतन बाबा की झोपड़ी के पास स्थित जिन कुशल डाईंग में भजन संध्या का आयोजन हुआ। रामदेव ग्रुप के कांतिलाल सालेचा ने बताया कि आयोजित भजन संध्या में विजयराज भाटी एण्ड पार्टी ने बाबा रामसापीर व कष्ण भगवान सहित अनेक भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं को भक्तिरस से सरोबार कर दिया।
शनि मंदिर में गूंजी कान्हा की किलकारी
कृष्ण जन्मोत्सव शनि मंदिर में विशेष पूजा अर्चना के साथ हर्षोल्लास के मनाया गया। पुजारी भंवरलाल देशांतरी के सानिध्य में शनि मंदिर में भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव का संगीतमय भजन संध्या के साथ आयोजन किया गया और रात्रि में कान्हा की किलकारी गूंजने पर जयकारों के साथ स्वागत किया गया। इस दौरान सूर्य मंडल अध्यक्ष नेमीचंद सोनी,प्रवक्ता दौलत आर प्रजापत,हिरालाल प्रजापत,सुरेश सिंघल,प्रताप घांची,विकास जिंदल सहित सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। 

Sunday, August 17, 2014

गहलोत ठेकेदार संघ के अध्यक्ष मनोनीत

बालोतरा. हनुमाननाडीरोड पर रविवार को नगरपरिषद ठेकेदार संघ की बैठक आयोजित हुई। बैठक में नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया। कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से माणकचंद गहलोत को अध्यक्ष मनोनीत किया गया।
संघ के वरिष्ठ सदस्य रूपाराम मेघवाल ने बताया कि कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष बाबूलाल माली, सचिव राजेंद्रसिंह राजपुरोहित, कोषाध्यक्ष मदन प्रजापत, संगठन मंत्री पुरुषोत्तम व्यास, प्रवक्ता भवानीसिंह राजपुरोहित को मनोनीत किया गया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। बैठक में रामसिंह राजपुरोहित, सुरेश गहलोत, मदन गहलोत, घेवर घांची, पदमाराम सुजा राम आदि मौजूद थे। 

घटिया निर्माण से सांभरा की सडक़ उधड़ी,ग्रामीणों ने की जांच की मांग

बालोतरा। ग्राम पंचायत सांभरा के सरपंच द्वारा राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत विकास कार्यों की राशि का दुरूपयोग करने की शिकायत ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी से की है। ग्रामीण पदम विश्रोई ने सौंपे ज्ञापन में बताया कि सांभरा सरपंच ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सांभरा से कलावा जाने वाले सडक़ मार्ग पर गे्रवल सडक़ का निर्माण करवाया जिसमें घटिया निर्माण सामग्री उपयोग में ली जिस कारण बारिश होते सडक़ उधड़ गई सिर्फ चंद दिनों में हीं सडक़ की ऐसी बदहाली हो गई है कि बरसाती पानी भी इकठ्ठा हो रहा है जिससे राहगिरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रेवल सडक़ निर्माण के दौरान पानी की निकासी के लिए लगाए पाईप भी घटिया है जो टूट कर बिखर गए है। विश्रोई ने ज्ञापन में सरपंच के विरूद्ध उचित कार्रवाई की मांग करते हुए घटिया निर्माण कार्य की जांच करवाने की मांग की है।

विरासत में बालकों को सुसंस्कार दीजिये : विमलसागर

बालोतरा। राष्ट्रसंत आचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज के क्रांतिकारी शिष्य मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि सुसंस्कार जीवन की अमूल्य संपदा है। संसार का बड़ा से बड़ा वैभव भी अच्छे संस्कारों की बराबरी नहीं कर सकता। अपने बालकों को विरासत में आप कुछ और दे सकें या नहीं, सुसंस्कार अवष्य दीजिये। अच्छे संस्कार न सिर्फ आपको सुख-शांति देंगे, आपके बालकों की जिन्दगी भी भव्य बना देंगे। धन जो काम नहीं कर सकेगा, वो काम सुसंस्कार कर लेंगे। संस्कारी संताने ही जीवन का सर्वश्रेष्ठ सुख है। रविवार को नाकोड़ा तीर्थ में उमड़ी विषाल जनमेदिनि को संबोधित करते हुए मुनिवर ने उसका प्रासंगिक वक्तव्य दिया। ‘सुसंस्कार है सबसे बड़ी संपदा‘ विषय पर जाहिर प्रवचन देते हुए भारतीय साहित्य के अच्छे भाष्यकार मुनि विमलसागर महाराज ने महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, भारतीय संस्कृति, आधुनिक षिक्षा पद्धति और विज्ञान को लेकर मार्मिक तथ्य प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि बीज को कम पानी मिलता है तो वह जल जाता है। यदि उसे अधिक पानी देते हैं तो वह सड़ जाता है। बीज को विराट् फलदायी वृक्ष बनाने के लिए पर्याप्त पानी, उर्वर भूमि, पौधे की सुरक्षा - सब जरूरी है। इसी तरह बालक भी कम प्यार से फीके बन जाते हैं। अधिक प्यार से बिगड़ जाते हैं। मारने से जिद्धी और कुंठित होते हैं। लेकिन ठीक देखभाल कर वात्सल्य देने से विकसित और होनहार बनते हैं। मुनिवर ने कहा कि परिवार बालक की पहली पाठशाला है। जो परिवार से सीखते हैं, वह स्थायी प्रभाव होता है। अगर परिवार के लोग संस्कारहीन हैं तो बालक भी वैसा ही होगा। यदि माता-पिता और अभिभावक सुसंस्कारों के प्रति जागृत है तो बालकों में सुसंस्कारों का बेहतरीन सिंचन होगा। सभी को सदैव यह बात याद रखनी चाहिए कि बालक वयस्कों पर पैनी नजर रखते हैं। वे जो देखते और सुनते हैं, वह सब सीखते हैं। बालकों के अवचेतन मन पर हर बात-घटना-वस्तु और व्यक्ति की छवी बनती है। आवष्यकता अनुसार अपनी संतानों को डांटना चाहिए, लेकिन उन्हें डराना नहीं चाहिए।
स्कूल-कॉलेज नहीं, माता-पिता ही बालक के खरे जीवन-निर्माता होते हैं। मुनि विमलसागर महाराज ने प्रवचन में गजब का समां बांधा। चार हजार से अधिक श्रोता डेढ़ घण्टे तक एकटकी से सुनते रहे। उन्होंने कहा कि संस्कारों का सिंचन कोई  चमत्कार नहीं हैं। संस्कार सिंचन की प्रक्रिया तो गहरी साधना है। बहुत कम माता-पिता ही इस साधना में खरे उतरते हैं। कई तो सिर्फ बालकों को जन्म देना, बालकों के खेल समझते हैं और जीवन निर्माण का काम भूल जाते हैं। ऐसे घरों के बिगड़े बालक समाज व राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी समस्या है। अधिकांश ऐसी संतानें अपराधी बनती हैं। यह अत्यंत खतरनाक तथ्य है कि आज अपने भारत देष में 65 प्रतिषत अपराधी 15 से 25 वर्ष की आयु के हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि हम सुसंस्कारों के सिंचन का काम कहीं पीछे छोडक़र आ गये हंै। माता-पिता में आपसी तालमेल का अभाव भी सुसंस्कारों के सिंचन में बड़ी बाधा है। बालकों को एक तो कुछ न कहें, सिर्फ प्यार दे और दूसरा बार-बार डांटता रहे तो ऐसी स्थिति बालकों को चालाक बनाती है। बालक एक से प्यार करते हैं और दूसरे से दूरी रखते हंै। ऐसे बालक मां से अपनी डिमांड पूरी न होने पर पिता की संवेदनाषीलता को भुनाकर अपना काम निकाल लेते हैं। यह उचित नहीं है। माता-पिता दोनों को समझकर बालकों को संभालना चाहिए।
आचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज ने इसी विषय को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आज षिक्षा का व्यावसायिकरण हो गया है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बालकों के चरित्र का निर्माण करे। आधुनिक शिक्षा से तो पुरानी गुरूकुल पद्धति अत्यंत श्रेष्ठ थी। गुरूकुलों से सवशाली, विद्धन और राष्ट्रभक्त नागरिक पैदा होते थे। आज की षिक्षा पद्धति में जीवन निर्माण का अभाव है। आधुनिक षिक्षा पेट भरने व पेटी भरने की कला सिखा सकती है। जीवन जीने की कला नहीं सिखा पा रही, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज ने आगे कहा कि जो माता-पिता अपने बालकों को अच्छी शिक्षाएं नहीं देते हैं, वे बालकों के हितेच्छु नहीं, शत्रु हैं। जन्म देना काफी नहीं है, बालकों को सुसंस्कारी और सदाचारी बनाना अत्यंत आवष्यक है। आज शिक्षण जगत् में तो बहुत भ्रष्टाचार है। पैसे कमाने के लिए पढ़ाया जाता है। जहां धन नजर में होगा, वहां सदाचार की चिन्ता क्यों कोई करेगा! पुराने जमाने में तो गर्भधारण से संस्कार दिये जाते थे। एक जमाना था जब माता - पिता षिक्षा देते तो बालक माफी मांगते और पैरों में पड़ते। रो जाते। आज जमाना ऐसा बदल गया कि यदि बालकों को जोर से कुछ कहो तो इस कदर नाराज होते हैं कि भोजन की थाली फेंककर चले जाते हैं घर से। अगले दिन उन्हें ढुंढने के लिए अखबारों में विज्ञापन देने पड़ते हैं। बिचारे माता-पिता बालकों के पैर पड़ते हैं। इसे क्या क्रांति कहेंगे या भ्रांति। महाभारत में दुर्योधन का अभिनय करने वाले अर्पित रांका आज जाहिर प्रवचन में विशेष रूप से उपस्थित थे। नाकोड़ा तीर्थ की ओर से ट्रस्ट अध्यक्ष अमृतलाल जैन, चातुर्मास संयोजक गणपतचंद पटवारी, ट्रस्टी उत्तमचंद मेहता, मदनलाल सालेचा, महेन्द्र चौपड़ा और अनिल सिंघवी ने अतिथितियों का स्वागत किया। गणिवर प्रशांतसागर महाराज ने भी धर्मसभा को संबोधित किया।

महाभारत में दुर्योधन का किरदार निभाने वाले अर्पित रांका ने किए नाकोड़ा तीर्थ में दर्शन

बालोतरा। स्टार प्सल पर जारी महाभारत सिरियल में दुर्योधन का किरदार निभाने वाले भीलवाड़ा निवासी अर्पित रांका नाकोड़ा तीर्थ दर्शनार्थ पहुंचे। अर्पित रांका ने नाकोड़ा तीर्थ में अधिष्ठायक भैरव देव की पूजा अर्चना कर देश में खुशहाली की कामनाएं की। नाकोड़ा प्रवास के दौरान महाभारत सिरियल में दुर्योधन का किरदार निभाने वाले भीलवाड़ा निवासी अर्पित रांका ने नाकोड़ा तीर्थ में राष्ट्रसंत आचार्य पदमसागरसूरीश्वर महाराज के चार्तुमास कार्यक्रम में भाग लिया और प्रवचन सुना।
उन्होंने नाकोड़ा तीर्थ में चार्तुमासरत संत महात्माओं व मुनिजनों से आर्शीवाद प्राप्त किया। प्रस्थान से पूर्व अर्पित रांका का नाकोड़ा ट्रस्ट मंडल की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। 

महावीर इंटरनेशनल ने किया पौधरोपण

बालोतरा। महावीर इन्टरनेशनल द्वारा जैसमल भीमराज गोलेच्छा राजकीय माध्यमिक विद्यालय परिसर में ‘‘ग्रीन इण्डिया प्रोजेक्ट‘ के तहत डॉ. जी.सी वडेरा की अध्यक्षता में पौधारोपण किया गया। विद्य़ालय के छात्र छात्राओं को वृक्षारोपण हेतु प्रेरित करते हुए बाडमेर जिला ग्रीन इण्डिया प्रोजेक्ट प्रभारी पारसमल भण्डारी ने छात्र-छात्राओं को सम्बोंधित करते हुए कहा कि अगर एक बालक एक पौधा लगाने का संकल्प करें तो देश में हरियाली एवं शुशहाली आ सकती है। संरक्षक ओम बांठिया ने विद्यालय परिसरों एवे सार्वजनिक जगहों पर पौधारोपण करने का संदेश देते हुए पौधो के संरक्षण हेतु कार्य करने का आह्वान किया।
विद्यालय प्रधानाध्यापक नारायणराम गेंवा ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि गत वर्ष के सभी पौधे अच्छे रूप से विकसित हो रहे है। तथा इन पौधो का भी संरक्षण किया जाएगा। इस दौरानसचिव अशोक चैपडा ने सभी का आभार ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में समाजसेवी बाबूलाल नामा, उपाध्यक्ष अशोक भंसाली, कोषाध्यक्ष दलपत जैन, सुरेश गोठी, महावीर बोकडिया, रतन हुण्डिया, सहित सदस्यों के साथ शिक्षक राजेश नामा, सुर्यप्रकाश, वासुदेव, अल्का वैष्णव, ममता, मंजू त्रिवेदी सहित कई लोग मौजूद थे।

आर्य समाज के बहुपयोगी शिविर का यज्ञ में आहुतियों के साथ समापन

बालोतरा। आर्य के समाज के प्रसिद्ध भजनोंपदेशक भूपेंद्रसिंह ने मधुर भजनों के माध्यम से गृहस्थ जीवन को कैसे सुखी बनाया जाए इस पर प्रकाश डाला। भूपेंद्रसिंह ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि स्वामी दयानंद महाराज ने नारी के उत्थान में बहुत जोर दिया था,जिस घर नारी का सम्मान होता है वहा देवी देवता निवास करते है। जहा नारी के साथ अन्याय या गृह क्लेश आदि का व्यवहार होता है उस घर का पतन निश्चित है। योगीराज ने भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे इस धरती के प्रणेता है और उन्होंने भी नारी का सम्मान किया था। आयोजित आर्य समाज के शिविर के दौरान पण्डित हरिशचंद्र शास्त्री ने महाभारत काल के कुछ पहलुओ को बताते हुए गीता का गुणगान किया। इस दौरान योग शिविर का समापन नगर परिषद सभापति महेश बी चौहान व कार्यक्रम में आए योगी संतों ने हवन में आहुतियां देकर किया।
इस दौरान आर्य समाज बालोतरा के प्रधान बृजमनोहर पिथानी का समाज के कार्यकर्ताओं द्वारा अभिनंदन किया गया एवं आर्य वीरों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर उनका भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम के दौरान अन्य प्रदेशों से आए विद्वान पंण्डितों व संतो का साफा व माला पहनाकर स्वागत किया गया तथा प्रधान ब्रजमनोहर पिथानी ने सभी आगंतुकों व भामाशाहों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में आर्य वीरों के साथ शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने भाग लिया। 

नंद घर आनंद भयों जय कन्हैयालाल की . . .

बालोतरा से नाचते-झूमते पहुंचे पचपदरा वृंदावनधाम 
श्रीकृष्णा जन्माष्टमी पर मंदिरों में आयोजित हुई विशेष पूजा-अर्चना, 
बालोतरा। माली समाज बालोतरा द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर बालोतरा से वृन्दावन धाम भगवती आश्रम पचपदरा तक पावन पद यात्रा संघ रविवार को माली समाज भवन गांधीपुरा से प्रात: साढे 7 बजे हनुमान बगेची समदड़ी गादीपति नरसिंगदास महाराज, नगर परिषद सभापति महेश बी चौहान, माली समाज अध्यक्ष करनाराम पंवार व मंगलाराम टांक द्वारा हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।  पावन पद यात्रा संघ में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। श्रद्धालु श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होकर गाजे - बाजे के साथ भजन मण्डली द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुति से श्रद्धालुओं को नाचने व झुमने के लिए मजबूर करते हुए पचपदरा वृन्दावन धाम पहुचे। पावन पद यात्रा में मध्यप्रदेश की भजन गायिका माधुरी वैष्णव रतलाम, सरिता खारवाल पचपदरा, हर्ष माली,अशोक प्रजापत, जबराराम पंवार, राणाराम गहलोत, रामेश्वर पंवार, रामु माली सहित अनेक भजन गायकों ने भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर आधारित अनेक भजनों के साथ अनेक देवी - देवताओं के भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को भाव - विभोर किया। पावन पद यात्रा माली समाज भवन गांधीपुरा से रवाना होकर डाक बंगला, प्रथम रेल्वे क्रोसिंग, नगर परिषद रोड़ होते हुए पचपदरा कस्बे के गुलाब सर्किल, मुख्य बाजार होते हुए वृन्दावन धाम भगवती आश्रम पहुंची। बीच रास्ते में जगह - जगह पावन पद यात्रा का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।
पद यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए अतिथि।
पद यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं के साथ भजन मण्डलियां, भगवान श्री कृष्ण झाकी व डीजे साउण्ड पर सैकड़ों युवा नाचते झुमते चल रहे थे। पावन पद यात्रा का पचपदरा रोड़ स्थित धोरानाड़ी बालाजी मंदिर पर जोधपुर के भक्त पवन शर्मा व दलपत सांखला के नेतृत्व में भामाशाहों व संतों का स्वागत किया गया। वहीं बीकानेर सेवा समिति व रणुजा तीर्थ पर भी पद यात्रा का स्वागत किया गया। पद यात्रा के पचपदरा के वृन्दावन धाम पहुचने पर समिति के जयप्रकाश कोठारी, सहदेव खारवाल, अर्जुनसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में भव्य स्वगत किया गया। इसके पश्चात पद यात्रियों ने मंदिर परिसर में बाल गोपाल श्री कृष्ण की आरती उतारकर प्रसादी का भोग लगाया। तथा महासती भगवती की समाधी स्थल पर पूजा - अर्चना कर क्षेत्र में सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना की। भक्त खेताराम पंवार व डुगरचंद पंवार ने मंदिर के शिखर ध्वजा चढ़ाई। इस अवसर पर बाबुलाल गहलोत, अमराराम आर सुन्देशा, मोहन लाल कच्छवाह, दौलत सुन्देशा, चम्पालाल सुन्देशा, सीमाराम चौहान, ओम प्रकाश गहलोत सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। पावन पद यात्रा को सफल बनाने में माली समाज सर्वोदय सोसायटी, माली समाज सब्जी मण्डी एसोसिएशन, डेजर्ट ट्रेडिशनल आर्ट एण्ड यूथ सेन्टर माली समाज शिक्षा जागृति मंच, श्री लिखमारामजी फाउण्डेशन ट्रस्ट इत्यादि सभी संस्था के कार्यकर्ताओं ने  सहयोग प्रदान किया।

मंदिरों में हुई विशेष पूजा-अर्चना 
जन्माष्टमी के अवसर शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कृष्ण मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इन मंदिरों में दिनभर दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की रेलमपेल रही। शहर में स्थित मोहनराजजी का मंदिर, नृसिंहद्वारा सहित चोंच मंदिर, लालजी मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, रघुनाथ मंदिर, ठाकुरद्वारा, रणछोडऱाय खेड़ तीर्थ, बिठूजाधाम स्थित राधा कृष्णा मंदिर, वृंदावन धाम पचपदरा सहित विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना के कार्यक्रम पौ फटने के साथ ही प्रारंभ हो गए। 

पत्नी को खुश करने के लिए पड़ोसन से बलात्कार

अपनी पत्नी को खुश करने के लिए एक युवक ने अपनी पड़ोसन से बलात्कार किया है। इस दौरान उसकी पत्नी उसे बलात्कार करते हुए देखती रही।
पढ़िए सनसनीखेज मामला--
बेंगलुरु।  अपनी पत्नी को खुश करने के लिए एक युवक ने अपनी पड़ोसन से बलात्कार किया है। इस दौरान उसकी पत्नी उसे बलात्कार करते हुए देखती रही। घटना बेंगलुरु की है।
दरअसल, आरोपी की पत्नी पोर्न देखने की आदी है और उसे दूसरों लोगों को सेक्स करते हुए देखने में मजा आता है। इसके लिए उसने अपनी ही सहेली को चुना और अपने पति से उसका बलात्कार करवाया।
बेंगलुरु मिरर के अनुसार, अपनी तरह के इस अनोखे मामले में पुलिस ने पीड़ित महिला (नेहा) की शिकायत पर बलात्कार के आरोपी २७ साल के केबल ऑपरेटर दिलीप और उसकी पत्नी आशा को गिरफ्तार कर लिया है।आरोपी दंपत्ति को एक चार साल की बेटी भी है। दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
'लाइव सेक्स' देखने में पत्नी को आता है मजा
बेंगलुरु के चिक्काबनावारा में नेहा (बदला) और आशा आमने-सामने रहतीं है। दोनों परिवारों के बीच काफी निकट का संबंध है। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस वारदात से कुछ दिन पहले आशा नेहा से सेक्स को लेकर खूब बातें करने लगी थी।उसने बताया था कि उसे दूसरों लोगों को सेक्स करते हुए देखने में मजा आता है। हालांकि नेहा इसकी बातों में ज्यादा रूचि नहीं लेती थी। इसी बीच २७ जुलाई की शाम को आशा ने नेहा को अपने घर पर बुलाया और उससे सेक्शुअल फैंटसी को लेकर बातें करने लगी।
आरोप के अनुसार, आशा ने नेहा को उसके पति के साथ सेक्स करने के लिए कहा ताकि वह देख कर आनंद ले सके। इस बीच नेहा डरकर वहां से जाने लगी तो आशा ने उसे बेडरूम में बंद कर दिया।उसके बाद उसने अपने पति को नेहा से जबरन सेक्स करने के लिए उकसाया।
पोर्न देखने की आदी है पत्नी
पति दिलीप ने पत्नी को खुश करने के लिए नेहा से बलात्कार करने लगा। इस दौरान आशा वहीं खड़ी होकर सबकुछ देख रही थी। आरोप है कि दिलीप ने उससे दो बार रेप किया और इस बारे में किसी से बताने पर परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी।डर के मारे नेहा ने इस संबंध में किसी को कुछ नहीं बताया। इससे आरोपी दंपत्ति का मनोबल बढ़ गया और दोनों ने एक बार फिर उसके साथ वहीं घिनौना कुकृत्य करने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके।इसके बाद नेहा ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी अपने पति को दी और पति ने थाने जाकर पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। अपनी गिरफ्तारी के बाद आरोपी दंपत्ति ने इकबाले जुर्म कबूल कर लिया। दोनों पर ५०६ की आपराधिक धारा के अलावा दिलीप पर ३७६ के तहत रेप की धारा लगाई गई है।

Saturday, August 16, 2014

आन-बान और शान से फहराया तिरंगा

स्वाधीनता दिवस पर उपखंड क्षेत्र में गूंजे देश भक्ति के तराने
बालोतरा। उपखंड क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उपखंड स्तरीय स्वाधीनता दिवस कार्यक्रम का आयोजन स्थानिय जैसमल भीमराज गोलेच्छा माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत ध्वजारोहण के साथ की गई। उपखंड अधिकारी उदयभानू चारण ने मार्च राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी और मार्च पास्ट की सलामी विधायक अमराराम चौधरी ने ली। बालोतरा उपखंड में स्वतंत्रता दिवस का पर्व धूम धाम से मनाया गया। उपखंड स्तरीय मुख्य समारोह स्कुल नंबर तीन के प्रांगण में आयोजित किया गया। समारोह में उपखंड अधिकारी उदयभानु चारण ने ध्वजारोहण करके समारोह की शुरूआत की। समारोह में शहर के विद्यालयो के छात्र छात्राओ ने व्यायाम प्रदर्शन किया। बाद में छात्र छात्राओ ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर समाज में बढ रही कुरीतियों की ओर ध्यान खीचकर उनके निवारण में भागीदार बनने का आव्हान किया। नवकार विद्या मंदिर के छात्र छात्राओ द्वारा महिला अत्याचार के संबंधित संगीत नाट्य ने समारोह में माजूद लोगो की आंखो को नम कर दिया ओर सोचने को मजबूर कर दिया कि आखिर नारी शक्ती पर देश में हो रहे अत्याचार कब समाप्त होंगे। साथ ही उपख्ंाड के लोक कलाकारो ने परम्परागत राजस्थानी लोक नृत्य गेर की रंगारंग प्रस्तुती दी तो अंत में लंगा लोक कलाकारो ने परम्परागत वाद्य यंत्रो की मदद से प्रदेश की धनी लोक कला का ताना बाना बुनकर प्रदेश की संस्कृति के रंग को सजाकर मरूप्रदेश की कला की छटा बिखेरी।
स्वाधीनता दिवस पर विद्यालय परिसर में देश भक्ति के तरानें गूंजे तो उपस्थित जनसमुदाय देशभक्ति से लबरेज दिखें। कार्यक्रम के दौरान कई देशभक्ति गीत,एकल गीत,नृत्य सहित बॉर्डर की झांकी संगीत के साथ प्रस्तुत की तो लोगों की आंखें नम हो गई। स्वाधीनता दिवस के मौके पर कई झांकियां प्रस्तुत की गई जिन्हें आम जन खुब सराहा। इस मौके पर अलग-अलग क्षेत्रों के उत्कृष्ट कार्य करने 32 जनों को सम्मानित किया गया। वहीं शहर के उपखंड कार्यालय,डिप्टी कार्यालय,पुलिस थाना परिसर, नगर परिषद कार्यालय,जलदाय विभाग,सार्वजनिक निर्माण विभाग आदि सरकारी कार्यालयों सहित सभी विद्यालयों में भी तिरंगा फहराया गया एवं स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया।
मंच पर ये थे उपस्थित---
नगर परिषद सभापति महेश बी चौहान,उपसभापति रामलाल राजपुरोहित,आयुक्त शिवपालसिंह राजपुरोहित,पूर्व विधायक मदन प्रजापत,प्रधान जमना देवी गोदारा,नेता प्रतिपक्ष रतन खत्री,पुलिस उपाधिक्षक अमृत जीनगर,अतिरिक्त पुलिस उपाधिक्षक महेश मीणा,थानाधिकारी सुखाराम विश्रोई,पार्षद नेमीचंद माली,रोहित सोलंकी,अमराराम माली,जेठूसिंह,केवलचंद,पूर्व भाजपा नगर अध्यक्ष मदनराज चौपड़ा,रमेश गुप्ता,जीतमल सुथार आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
सांकरणा उच्च प्राथमिक विद्यालय में किया झंडारोहण
सांकरणा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में राष्ट्रगान के साथ ध्वजारोहण किया गया। मुख्य अतिथि गोविंदसिंह एडवोकेट,प्रधानाध्यापक केसाराम व पार्षद अमराराम माली ने तिरंगे को सलामी दी। ध्वजारोहण के पश्चात पीटी परेड़ व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कि उसके बाद छात्रों में मिष्ठान वितरण भामाशाहों द्वारा किया गया। इस मौके पर समाजसेवी देरामसिंह राजपुरोहित,पारस चौहान,मेल नर्स कोलाराम चौधरी,शंकरलाल  कच्छवाह,श्री कृष्ण गौड़,अशोक परिहार,बाबुलाल परमार,पाबुसिंह सहित कई लोग मौजूद थे। इसी प्रकार मम् श्री कृष्ण बाल विद्या मंदिर उच्च प्राथमिक विद्यालय में भी स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर उद्योगपति प्रभुलाल माली,व्यवस्थापक राजवीर शर्मा,मनीष परिहार,मुकेश शर्मा,जावेद खान आदि लोग उपस्थित थे।
हर्षोउल्लास के साथ मनाया स्वतंत्रता दिवस 
जसोल। स्थानीय आदर्श विद्या मन्दिर उच्च प्राथमिक नाकोड़ा रोड़ जसोल
स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। प्रचार प्रमुख विक्रमसिंह राठौड़ ने बताया कि विद्यालय में आयोजित समारोह में समाजसेवी जितेन्द्र सिंह राजपुरोहित ने झंडा फहराया। इस दौरान भैया-बहिनों द्वारा सामुहिक परेड, व्यायाम, पिरामिड, व योगासन का प्रदर्शन किया गया। बहिन भाविका एवं समूह द्वारा धरती धोरा री पर शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान कविता, भाषण, सामुहिक नृत्य, एकल गीतों की भव्यतम प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला व्यवस्थापक ओमप्रकाश सुराणा ने देश में होने वाली आंतरिक गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्र विकास में योगदान देने की बात कही। अंत में भारत माता पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का समापन वन्देमातरम् के साथ हुआ। इस दौरान मुलचंद सालेचा, मुल्तानमल माली, नारायण प्रसाद पालीवाल, भीमाराम माली, गौतमचंद प्रजापत, थानाराम माली, जेठमल संकलेचा, शान्तिलाल जी सुथार, देवाराम जी माली, तिलोकचंद प्रजापत, आदि गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे।

Thursday, August 14, 2014

मन धरातल है पुण्य और पाप का : मुनि विमलसागर

बालोतरा। जैनाचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज के शिष्य क्रांतिकारी प्रवचनकार मुनि विमलसागर महाराज ने कहा मन मनुष्य की जिन्दगी का सबसे महŸवपूर्ण कारक है। यही पुण्य और पाप का धरातल है। मन की पृष्ठभूमि पर ही सर्वप्रथम अच्छे या बुरे विचार उद्भूत होते हैं। ये विचार ही क्रियात्मक बनकर अच्छे-बुरे कार्य करवाते है। इसीलिए हमारी गति-प्रगति-दुर्गति सब मन में हैं, मन की वजह से हैं। मन को साफ-सुथरा रखना ही साधना है। अच्छे विचारों और शुभकार्यों में इसे जोडक़र हम जीवन की उन्नति का मार्ग प्रषस्त कर सकते हैं। नाकोड़ा तीर्थ परिसर में विराट् धर्मसभा को संबोधित करते हुए बुधवार को मुनिवर ने ये बात कही। मुनिवर के ओजस्वी प्रवचनों को सुनने के लिए लोग दूर-दूर से उमड़ रहे हैं। प्रतिदिन प्रात: 9 बजते ही अनेक गॉवों-षहरों से श्रोतागण वाहनों से नाकोड़ा तीर्थ पहुंच रहे हैं। ज्ञान की इस सरिता को आगे बढ़ाते हुए मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि धर्म के पथ पर करण-उपकरण से भी महŸवपूर्ण तत्व है अन्त:करण। अन्त:करण की शुद्धता में धर्म निवास करता है। मन की मलिनता धर्म को नष्ट कर देती है। धर्म की साधना उपासना का तात्पर्य है मन को पवित्र बनाना, बनाये रखना। आज हर धर्म परंपरा में बड़ी मात्रा में धर्म के विधी-विधान और धार्मिक आयोजन होते हैं। लेकिन मन की शुद्धता का लक्ष्य गौण रहता है। हकीकत में हमारी धार्मिक प्रवृश्रियां हमारी मानसिक वृश्रियों को ठीक करने या बदलने के लिए होनी चाहिए। मुनिवर ने आगे कहा कि पुण्य और पाप का प्रभाव मन से निर्धारित होता है। पूजा के लिए हाथ में बहुमूल्य सामग्री हो और मन भावषून्य हो तो यह विडम्बना है। उसी तरह पास में कुछ भी न हों और मन में अत्यंत भक्तिभावना-सद्भावना और पवित्रता हो तो वह श्रेयकारी है। साधना के पथ पर साधनों का महŸव है। बिना साधनों के साधना हो नहीं सकेगी। लेकिन साधन ही सर्वस्व नहीं है। साधक के मन की सुन्दरता मूल्यवान् है। मुनि ने कहा कि प्रतिपल जीवन बीत रहा है। इसे बीतने से रोका नहीं जा सकता। लेकिन ये अच्छे विचारों और अच्छे कार्यो में बीतें, यह व्यवस्था की जा सकती है। हम सभी के जीवन का यह अषुभ पक्ष है कि हम अच्छे परिणाम चाहते हैं, अच्छी प्रक्रिया नही चाहते। अच्छा रीजल्ट चाहते हैं लेकिन अच्छा पेपर नहीं लिखते।
प्रवचन देते हुए मुनिवर 
आचार्य पद्मसागरसूरीष्वर महाराज ने कहा कि आयुर्वेद का पुराना ग्रंथ है चरक संहिता। 5000 वर्ष प्राचीन इस ग्रंथ का पहला ही सूत्र बहुत मार्मिक है। चरक संहिता कहती है कि राग-द्धेष के भावों से रोग जन्म लेते हैं। राग-द्धेष के भावों को षिथिल बनाने के लिए साŸिवक आहार सुन्दर उपाय है। जैसा हमारा अन्न होता है, वैसा ही हमारा मन बनता है। शराब-मांस-तम्बाखू-धूम्रपान आदि मन को बिगाड़ते हैं। राग-द्धेष को बढ़ाते हैं। इसीलिए साधकों को साŸिवक आहार का निर्देष होता है। आचार्य प्रवर ने कहा कि आहार की लोलुपता खतरनाक होती है। जो आहार का गुलाम बनता है, वह मन का भी गुलाम होता है। यह गुलामी शारीरिक व मानसिक बीमारी लाती है। यह रसेन्द्रिय पर और मन पर नियंत्रण करके ही मनुष्य सुखी बन सकता है। पेट भरने के लिए व भजन के लिए भोजन होता है। भोजन से पहले और अंत में अधिक पानी पीना विष के तुल्य है। भोजन के मध्य में पीया गया अल्प पानी अमृत तुल्य माना गया है। भोजन करना एक बहुत बड़ी कला है। कई लोग अज्ञानता में ऐसी-ऐसी वस्तुएं खाते हैं कि वे अपने शरीर के साथ दुष्टता करते हैं। ऐसा करने से शरीर रोगग्रस्त बनता है। आचार्य पद्मसागरसूरीष्वर महाराज ने कहा कि साधन साध्य को पाने के लिए होते हैं। सूंई-धागे के बिना दर्जी का काम नहीं होता। रंग और ब्रष न हो तो चित्रकार बेकार है। पेट्रोल-डीजल और ड्राईवर न हो तो महंगी गाड़ी व्यर्थ है। उसी तरह धर्म की साधना न हो तो यह शरीर भी व्यर्थ है। शरीर का अधिकतम उपयोग सत्कार्यों में करना चाहिए। तभी इसकी उपयोगिता सार्थक होगी और यह निरोगी रहेगा। जो शरीर का दुष्कृत्यों में अथवा भोग-सुख के लिए ही उपयोग करते हैं, वे ज्यादा बीमार और पीड़ीत रहते हैं।
धर्मषास्त्रों के उल्लेख करते हुए आचार्य देव ने कहा कि 100 काम छोडक़र भी पहले भोजन करना चाहिए। एक हजार कार्य हो, फिर भी स्नान-संध्या-नित्यक्रम करना चाहिए। एक लाख कार्य छोडक़र भी द्धार पर आये याचक को दान देना चाहिए। और एक करोड़ काम भी आ जायें, फिर भी भगवान की आराधना नहीं छोडऩी चाहिए। आज तो मनुष्य मतलबी बन रहा है। सिर्फ स्वार्थ के वक्त भगवान को याद करता है और मतलब पूरा हो जाने पर भूल भी जाता है। दिन में कितनी ही बार आदमी भोजन करता है और अस्वस्थ बनता है। ये सब अज्ञानताएं दूर की जानी चाहिए।
संयुक्त आयकर आयुक्त का किया सम्मान
आयकर संयुक्त आयुक्त श्री जयसिंहजी जोधपुर, आयकर अधिकारी श्री लक्षमणसिंह जी बालोतरा, वरिष्ठ वकिल एवं समाजसेवी श्री ओमप्रकाश जी बाठियां नाकोड़ा तीर्थाधिपति श्री पाश्र्वनाथ भगवान एवं अधिष्ठायक श्री भैरव देवजी महाराज के दर्शन वन्दन किये एवं चातुर्मासार्थ विराजित आचार्य भगवंत पद्मसागरसूरीष्वर महाराज से आर्षीवाद प्राप्त किया, उनका ट्रस्ट मण्डल कोषाध्यक्ष गणपतचन्द पटवारी, ट्रस्टी मदनलाल सालेचा, उत्तमचन्द मेहता, हुलास बाफना, महेन्द्रकुमार चौपड़ा द्वारा तिलक, माला व साफा एवं मोमेन्टो से बहुमान किया गया।

भगवती आश्रम वृंदावन धाम पद यात्रा की तैयारियां जोरों पर

बालोतरा। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर 17 अगस्त रविवार को स्थानिय गांधीपुरा स्थित माली समाज भवन से उल्लासपूर्ण धर्मपूर्ण वातावरण में बालोतरा से श्री वृंदावनधाम भगवती आश्रम पचपदरा तक पावन पद यात्रा संघ का आयोजन किया जाएगा। पद यात्रा के संयोजक खेताराम माली ने बताया कि महामंडलेश्वर नरसिंगदास महाराज व राघवदास महाराज हरी झंडी दिखाकर गाजे बाजे के साथ पद यात्रा को रवाना करेंगे। माली ने बताया कि पावन पद यात्रा संघ में बालोतरा,जसोल,हाऊसिंग बोर्ड व आस-पास के क्षेत्रों से सभी वर्गों के हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे तथा यात्रा में ख्यातिप्राप्त भजन गायक प्रकाश माली,श्याम पालीवाल,हर्ष माली,जबराराम पंवार,रामेश्वर पंवार,राणाराम गहलोत,अशोक प्रजापत अपने सुरीले व सुमधुर भजनों से भक्तजनों को सरोबार करेंगे तथा आकर्षक वेशभूषाओं व विशेष श्रंगार से सुसज्ज्ति झांकिया,ढ़ोल नगाड़ों की थाप व थाली की टणकार पर थिरकते अपार जनसमूह वृंदावन धाम पचपदरा की ओर प्रस्थान करेंगे। पद यात्रा के पचपदरा पहुंचने पर गुलाब सर्किल पर संघ का भव्य स्वागत किया जाएगा। पद यात्री वृंदावन धाम पहुंचने पर गुरू भगवती मां अराध्य देव श्री बाल कृष्ण भगवान के दर्शन का पुण्य लाभ लेकर पूजा अर्चना करेंगे।
पावन पद यात्रा को सफल बनाने के लिए माली समाज सर्वोदय सोसायटी,माली समाज सब्जी मंडी एशोसियेशन,डेजर्ट ट्रेडिशनल आर्ट एण्ड यूथ सेंटर,माली समाज सांस्कृतिक संस्थान,माली शिक्षा जागृति मंच,श्री लिखमाराम फाउंडेशन ट्रस्ट,माली युवा संगठन सहित कई युवा कार्यकर्ता तैयारियों में जोर शोर से जुटे हुए है।

मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है : महामंडलेश्वर निर्मलदास महाराज

रामदेवरा जाने वाले पद यात्रियों के लिए निशुल्क भोजनशाला का शुभारंभ
बालोतरा। माजीवाला खेतेश्वर सर्किल फांटा पर बुधवार को प्रात:11 बजे श्री बाबा रामदेव श्रद्धालु लंगर समिति के तत्वाधान में रामदेवरा पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क भोजनशाला का शुभारंभ किया गया। अखिल भारतीय साधु समाज प्रदेशाध्यक्ष महामंडलेश्वर निर्मलदास महाराज,उपखंड अधिकारी उदयभानू चारण व नगर परिषद सभापति महेश बी चौहान ने आरती कर विधिवत रूप से भोजनशाला का शुभारंभ किया। इस मौके पर उपखंड अधिकारी उदयभानू चारण ने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है सेवा कार्य को जितना सराहा जाए उतना कम है। महामंडलेश्वर निर्मलदास महाराज ने कहा कि मनुष्य को सदकर्मों से ही सेवा अवसर मिलता है और सेवा का अवसर पाने वाले बड़े भाग्यशाली होते है। नगर परिषद सभापति महेश बी चौहान ने भोजनशाला के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि पद यात्रियों के लिए जो भी व्यक्ति सेवा कार्य करता है ऐसे अच्छे कर्मों का फल भगवान जरूर देता है।
बाबा की आरती कर भोजनशाला का शुभारंभ करते हुए अतिथि। 
हम सभी को जीवन में सेवा कार्य को जीवन का अभिन्न अंग समझना चाहिए। माजीवाल सरपंच कुंपाराम पंवार ने कहा कि सेवा करने का पुण्य लाभ नसीब वालों को हीं मिलता है। इस मौके पर समिति अध्यक्ष हिरालाल प्रजापत ने विगत 19 वर्षों से इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पद यात्रियों के लिए चाय,पानी,नाश्ता,भोजन व चिकित्सा सेवा निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। इस अवसर पर डॉ जीसी वडेरा,पूर्व सरपंच भगवतसिंह  जसोल,समिति संरक्षक भूराराम प्रजापत,सदस्य शंकरलाल प्रजापत,महेश प्रजापत,राणाराम प्रजापत,रोटरी क्लब थार अध्यक्ष जयप्रकाश गोयल,रोटरी प्रांत सचिव गनी मोहम्मद सुमरो,सूर्य मंडल अध्यक्ष नेमीचंद सोनी,देरावरसिंह पंवार,पार्षद केवलराम घांची,राणछोड़ घांची,गोविंद प्रजापत,सामाजित कार्यकर्ता सतीश खींवसरा,कमलसिंह पंवार,मुकेशसिंह चौहान,खेताराम प्रजापत सहित कई नागरिक मौजूद थे। 

ग्रीन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत महावीर इंटरनेशनल ने किया पौधरोपण

बालोतरा। महावीर इंटरनेशनल बालोतरा द्वारा ग्रीन इंडिया प्रोजेक्ट के अन्र्तगत मेघवाल भगोणियों की ढ़ाणी राजकीय प्राथमिक विद्यालय भांडियावास के परिसर में पौधरोपण किया गया। कार्यक्रम के ग्रीन इंडिया प्रोजेक्ट के संयोजक पारसमल भंडारी ने पौधरोपण के दौरान कहा कि वृक्षारोपण से मरूभूमि को हरा भरा बनाकर प्रोजेक्ट को सफल बनाने में समाज के गणमान्य लोग महत्ती भूमिका निभाएं।
पौधरोपण से पर्यावरण संरक्षण में वृद्धि होगी। पौधरोपण कार्यक्रम के प्रभारी बाबूलाल नामा एवं खींयाराम चौधरी ने पौधो की देखरेख की जिम्मेदारी लेते हुए विद्यालय परिसर में 25 पौधे लगवाएं। इस अवसर पर अशोक भंसाली,उपाध्यक्ष दलपत जैन,कोषाध्यक्ष महावीर छाजेड़,भंवरलाल भाटी,ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भभूताराम विश्रोई,सुरेश गोठी,पूराराम पूनड़,हस्ताराम नामा,भैराराम सहित कई नागरिक उपस्थित थे।

Wednesday, August 13, 2014

यह संसार जिन्हें तमाशा लगता है वे अज्ञानी हैं : आचार्य पदमसागरसूरीश्वर

बालोतरा। राष्ट्रसंत आचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज ने कहा कि क्रोध, घृणा, हताषा, चिन्ता, अपमान, बदले की भावना, हिंसा, दुराग्रह आदि अनेक विषय-कशायों की आग में दहक रहा है यह संसार। शास्त्रों ने इसे दावानल कहा है। हजारों आत्माएं प्रतिदिन इस दावानल में स्वाहा होती है। जो धर्म-अध्यात्म की शरण लेते हैं, वे ही जलने से बच पाते हैं। जो बच जाते हैं, वे विरले होते हैं। जलता हुआ यह संसार जिन्हें तमाशा लगता है, वे अज्ञानी हैं। यह मनुष्य का पागलपन है कि वह अग्नि की ज्वालाओं को दीपावली की रोशनी समझ रहा है। नाकोड़ा तीर्थ में मंगलवार को विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्यश्री ने यह बात कहीं। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से संसार की परिभाषा करते हुए उन्होंने कहा कि आग लगते ही फायर ब्रिगेड बुलाने पड़ते हैं। साधु-संत आध्यात्मिक फायर ब्रिगेडर हैं। वे आपको संसार में जलकर भस्म होने से बचाते हैं। साधु-संतो का काम है विषय-कषाय की आग में जलती आत्माओं पर अध्यात्म का शीतल नीर बरसाना और अग्निज्वालाओं को ठंडा करना। सारे धर्मों के उपदेषों का यही सार है। धर्म-अध्यात्म तडफ़ती आत्माओं को शांति और राहत देता है। आचार्य पद्मसागरसूरीश्वर महाराज ने आगे कहा कि राह पर विघार्थी को देखते ही विघालय याद आता है। पुलिस को देखते ही पुलिस स्टेषन और जेल याद आते है। वकिल को देखते ही कानून और न्यायालय सामने दिखाई देते हैं। डॉक्टर को देखते ही अस्पताल और मरीज याद आते हैं। तो मेरा प्रष्न है कि साधु-संतो को देखकर क्या याद आता है! इनको देखकर धर्म-अध्यात्म और परलोक याद आना चाहिए। साधु-संतो के दर्षन से भलाई की षिक्षा लेनी चाहिए।
पवित्र साधु-संत ही संसार में अब एक मात्र वरदान और जीवन के आधार हैं। आचार्य प्रवर ने आगे कहा कि संसार में रहकर भी संसार से अलिप्त रहना, आध्यात्मिक दृष्टि है। जिसे ऐसा नजरिया प्राप्त हो जाता है वो आध्यात्मिक उत्कर्ष को साध लेता है। संसार में रहना बुरा नहीं है, संसार में लीप्त होना बुरा है। अलिप्तता के असीम सुख है। दर्पण को देखो। वह परिचय सबका करता है, पर संग्रह किसी का नहीं करता। हमेषा कोरा और साफ सुथरा रहता है। जो जैसा उसके सामने आता है, वैसा वो दिखलाता है। लेकिन किसी का कोई भी रूप वह ग्रहण नहीं करता। हम सदैव सारी चीजें ओढ़ते रहते हैं। मन को आसक्त बनाते रहते हैं। आसक्ति और मोह-माया में अपना मूल रूप नष्ट करते रहते हैं। दर्पण से शिक्षा लेनी चाहिए। मक्खन छाछ में रहता है। छाछ से ही पैदा होता है। फिर भी छाछ से भिन्न रहता है। एक बार मंथन हो जाने के बार फिर कभी वह छाछ में नहीं डूबता। संसार में जीने की यही विधी है। क्रांतिकारी विचारक मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि जो मन में होता है, वह कभी न कभी व्यवहार में आ ही जाता है। हम किसी को भी धोखा दे सकते हैं, परंतु अपने आप के साथ बनावट नहीं कर सकते। जो मन में नहीं होता और बाहर दिखाने की कौषीष करते हैं, वह दंभ और पाखण्ड बन जाता है। त्याग और अध्यात्म मन में प्रगाढ़ बनाया जाना चाहिए। उपरी धर्म उपासना या दिखावे की आराधना का कोई औचित्य नहीं है। मन के परिवर्तन से ही जीवन के परिवर्तन का शुभारंभ हो सकता है। शास्त्रों के उपदेषों और सत्संगों का श्रवण मन को बदलने के लिए है। जो मन से वैरागी होते हैं, संसार की मोह-माया उन्हें प्रभावित नहीं करता। मुनिवर ने आगे कहा कि विनय, निर्लिप्तता, सहजता, सरलता, प्रमाणिकता, निष्कपटता, उदारता, कुलीनता, सज्जनता आदि साधक होने के लक्षण है। ज्यादा बोलना, ज्यादा खाना, प्रपंच करना, निन्दक होना, भोग में अनुरक्त रहना आदि विराधक होने के संकेत हैं। जो जीवनभर हाय-हाय करते रहते हैं, उन्हें अंत समय में राम या अरिहंत याद नहीं आ सकते। अध्यात्म का अभ्यास जरूरी है। अचानक कोई चमत्कार नहीं हो सकता। जैसा करते हैं, वैसा भुगतना पड़ता है। जीवनपर्यन्त पापों में अनुरक्त रहें और फिर अच्छी जिन्दगी या अच्छी मौत चाहें, यह कैसे हो सकता है।
मुनि विमलसागर महाराज ने कहा कि भगवान व देवी-देवताओं के पास लोग चमत्कारों के लिए जाते है। अपने जीवन परिर्वतन के लिए नहीं जाते। हम बिना परिश्रम और बिना जीवन परिवर्तन के, सिर्फ वरदान चाहते हैं। यह कैसी प्रार्थना है और कैसी धर्म उपासना है। अगर चमत्कार इतने सस्ते और सरल हों तो फिर कठिन साधना की कोई आवश्यकता ही नहीं बचेगी। मुनि विमलसागर महाराज ने आगे कहा कि धर्म साधना आदतन नहीं, स्वाभाविक होनी चाहिए। आदत और स्वभाव में गहरा अंतर है। आदत ओढ़ी हुई होती है। स्वभाव भीतर से प्रकट होता है। जो स्वाभाविक होता है, वह सहज भी होता है। उसमें दिखावा या बनावट नहीं होती। वह वास्तविक होता है। पंन्यास देवेन्द्रसागर महाराज ने भी धर्मसभा को संबोधित किया। चातुर्मास समिति के संयोजक गणपतचन्द पटवारी ने बताया कि 14 व 15 अगस्त को सामूहिक सांझी व महेंदी रचना दोपहर 2:30 बजे आयोजित होगी। तीन दिन का तपोत्सव 14 अगस्त से प्रारंभ होगा। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तपोत्सव के उपलक्ष्य में नाकोड़ा तीर्थ में आना प्रारंभ हो गया है।

दही हांडी फोड़ महोत्सव की तैयारियों में जुटे गोविंदा

बालोतरा। शहर में पहली बार कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी फोड़ महोत्सव का भव्य आयोजन तृतीय रेलवे फाटक,बाईपास रोड़ पर होगा। जय शिव शंकर ग्रुप के अध्यक्ष फरसराम सुंदेशा ने बताया कि औद्योगिक नगरी बालोतरा में पहली बार कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर रविवार शाम 6 बजे से दही हांडी फोड़ महोत्सव का आगाज होगा जो देर रात तक जारी रहेगा। सुंदेशा ने बताया कि दही हांडी फोड महोत्सव में मटकी फोडऩे वाले ग्रुप को अतिथियों द्वारा 11 हजार रूपये व ट्राफी से सम्मानित किया जाएगा एवं मटकी की उंचाई 30 फीट होगी।
उन्होंने बताया कि महोत्सव के दौरान पचपदरा विधायक अमराराम चौधरी,बायतु विधायक कैलाश चौधरी,नगर परिषद सभापति महेश बी चौहान सहित कई जनप्रतिनिधि शरीक होंगे। कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन राजू भाई माली करेंगे। दही हांडी महोत्सव को सफल बनाने के लिए अर्जुन सेन,पारस राजपुरोहित,पवन सराफ,दलीचंद सुंदेशा,अशोक पंवार,भरत गोयल, आदि कार्यकर्ता व गोविंदाओं की टोलियां तैयारियों में जोर शोर से जुटे हुए है।

Monday, August 11, 2014

म्हारेां बेड़ो लगा दी जो पार ईच्छापूर्ण बालाजी

                 भक्ति संध्या में देर रात तक झुमें श्रद्धालु
जसोल- एक शाम ईच्छापूर्ण बालाजी के नाम भव्य भक्ति संख्या का आयोजन स्थानीय एस.एन वोहरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में हुआ। सचिव राजेन्द्र सैन ़ ने बताया कि भक्ति संध्या का आगाज पं. राजु महाराज द्वारा ईच्छापूर्ण बालाजी की महाआरती के साथ हुआ। गायक कलाकार लेहरूदास वैष्णव ने गणपति वन्दना की प्रस्तुति दी उसके पश्चात म्हारों बेड़ो लगा दी जो पार ईच्छापूर्ण बालाजी,मंगल भवन अमंगल हारी, भैरूजी लटियाला,बालाजी ने लाड़-लड़ावे माता अंजनी, वीर हनुमाना, जैसे भजनों की प्रस्तुति दी नीता नायक ने तेरस की है रात, प्यारी लागे ओ माजीसा री चुनरी, जागी जागी जोत, जैसे भजनों की प्रस्तुति दी। भजन गायिका परमेश्वरी प्रजापत, व ओमप्रकाश प्रजापत ने भी भजनों की प्रस्तुति दी। नृत्य कलाकार सुरेश सैन, हेमासिंह, धर्मेन्द्रसिंह, ममता चैहान, व विनोद चारभुजा ने विभिन्न देवी-देवताओं की आर्कषक वेशभूषा में नृत्यों की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के दौरान सहयोग देने वाले भामाशाहों का स्वागत किया गया। इस दौरान पचपदरा विधायक अमराराम चैधरी, पूर्व सरपंच ईश्वरसिंह चैहान, मण्डल अध्यक्ष नारायणप्रसाद कच्छवाह,  संरक्षक मोतीलाल सेवग,प्रधानाचार्य मानाराम जोगसन, सुखराज गोलेच्छा, गणपतलाल माली,जगदीश गोस्वामी,कन्हैयालाल सुथार, माणक गहलोत, रूपाराम माली, प्रवक्ता विक्रमसिंह राठौड जसराज राजपुरोहित, राकेश सैन, पेमाराम प्रजापत,सत्यप्रकाश निम्बार्क, सवाईसिंह राठौड़, ओम प्रजापत, देवीलाल प्रजापत, अनिल सैन,प्रकाश सैन, पृथ्वीराज लुंकड़, गोपाराम प्रजापत, माणक बंजारा, प्रदीप प्रजापत, रामाराम सेजु, राकेश छापरवाल, चन्दनसिंह चान्देसरा आदी उपस्थित थे। मंच संचालन पारस भाटी अन्जना ने किया।

भाभी व देवर दोनों लापता,दोनों का अब तक नहीं कोई सुराग

घर से देवर भाभी एक हीं दिन एक घंटे के अंतराल में घर से निकले थे
बालोतरा/समदड़ी। समीपवर्ती समदड़ी कस्बे के मेली गांव से अनुसूचित जनजाति परिवार का एक 15 वर्षीय लडक़ा और एक विवाहिता 10 दिन पहले लापता हो गए, जिसका अभी तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिलने से परिवारजन परेशान है। परिवार के मुखिया भगाराम पुत्र शंकरराम भील ने बाड़मेर एसपी को ज्ञापन भेजकर बताया कि 31 जुलाई को सवेरे दस बजे उनका पुत्र किशनाराम (15) 2 हजार रुपए लेकर जोधपुर जाने का कहकर घर से निकला था। उसी दिन 11.40 बजे उनके बड़े पुत्र मानाराम की पत्नी भटकी (21) अपने पीहर बालोतरा जाने का कहकर घर से निकली थी, जो पीहर बालोतरा नहीं पहुंची। वहीं उनके नाबालिग लडक़े का भी पता चला कि वह भी जोधपुर में गंतव्य स्थान पर नहीं पहुंचा। दोनों के लापता होने की प्राथमिक रिपोर्ट एक जुलाई को समदड़ी थाने में दर्ज करवाई थी। पुलिस मामले को जल्द सुलझाने के मुखबिर अन्य तरीकों से दोनों को खोजने की कोशिश कर रही है। उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग की।


तलाश जारी है
परिजनों की रिपोर्ट पर दोनों की तलाश जारी है दोनों को ढूंढऩे के लिए अलग-अलग मुखबिर व अन्य स्त्रोतों के जरिए तलाश की जा रही है। दोनों के पकड़े जाने के बाद हीं मामले में कुछ कहा जा सकता है।
अमरसिंह,पुलिस थानाधिकारी,समदड़ी।

Friday, August 8, 2014

भाजपा कार्यकर्ताओं ने जताई खुशी

रावलोत के जिलाध्यक्ष व चौधरी के भाकिसं के प्रदेशाध्यक्ष पद पर मनोनयन पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने जताई खुशी
बालोतरा। भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर पूर्व विधायक जालमसिंह रावलोत भाजपा किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष पद पर बायतु विधायक कैलाश चौधरी व प्रदेश प्रवक्ता पद पर श्रीमती प्रियंका चौधरी को मनोनित करने पर विधायक अमराराम चौधरी,नगर परिषद सभापति महेश बी चौहान,पूर्व मंडल अध्यक्ष मदनराज चौपड़ा, सहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी का आभार व्यक्त किया। भाजपा पूर्व मंडल अध्यक्ष मदनराज चौपड़ा ने बताया कि रावलोत के जिलाध्यक्ष बनने से संगठन को मजबूती मिलेगी साथ ही युवा कार्यकर्ताओं में नया जोश उभरेगा। शुक्रवार शाम रावलोत का जयपुर प्रस्थान करते समय बालोतरा रेलवे स्टेशन पर कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत कर बधाईयां दी गई।

इस अवसर पर पूर्व पालिकाध्यक्ष शंकरलाल गहलोत,शैतानसिंह चारण,उप सभापति रामलाल राजपुरोहित,रामविलाल चंडक,गोपाल पारिक,पार्षद रोहित सोलंकी,नेमीचंद माली,महावीर चौपड़ा,अमराराम सुंदेशा,आशा अग्रवाल,जेठूसिंह चांदावत,रामचंद्र डांगी,सोनिया गौड़,मदन बारूपाल,आसु घांची,मदनलाल बालड़,पुखराज मोदी,कन्हैयालाल घांची सहित सभी भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर करते हुए नवनियुक्त जिलाध्यक्ष रावलोत सहित अन्य पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी।
फोटो केप्सन---8बीएलटी04 रेलवे स्टेशन पर रावलोत का स्वागत करते हुए भाजपा कार्यकर्ता। फोटो भगाराम पंवार।

सर्व समाज ने दिया ज्ञापन

हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार को लेकर सर्व समाज द्वारा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन बालोतरा वफ्फ बिल के विरोध की आड़ में सुनिश्चित योजना...