इसी गांव में पिछले माह हुए हादसे में तीन सगे भाईयों की मौत हो चुकी है,फिर भी प्रशासन नही चेत रहा है
बालोतरा। निकटवर्ती सिणली जागीर गांव के सरोलिया नाड़ी के समीप अवैध खनन से खुले पड़े बरसाती गड्ढे ने दो मासूमों की जिंगदी को छीन लिया,दोनों सगे भाई थे और डूबने से मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित किया तथा डिप्टी अमृतलाल जीनगर व पुलिस थानाधिकारी सुखाराम विश्रोई ने मौके पर पहुंचकर गोताखोरों की मदद से मासूमों के शवों को बाहर निकलवाया तथा पंचनामा बनाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गड्ढे में डूबने से अशोक उम्र 13 वर्ष व पुखराज उम्र 9 वर्ष दोनों पुत्र भूराराम जाति जोगी है और ये परिवार घुमंतु व गरीब परिवार है।
पिछले माह हुआ हादसा भी तीन मासूमों की लील गया था
पिछले महिनें की 17 तारीख को भी एक बरसाती गड्ढे में डूबने से तीन सगे भाईयों की मौत हो गई थी। एक के बाद एक हो रहे हादसे के बावजूद प्रशासन नहीं चेत रहा है और मासूम अपनी जिंदगियों को गंवा रहे है। आखिर प्रशासन और हादसों की राह क्यों देख रहा है अगर पिछले हादसे के बाद समय रहते ऐसे गड्ढे बंद कर दिए हाते व अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की होती तो शायद इन मासूमों की जान बच सकती थी।
हर तरफ क्रूंदन व चीत्कार
मासूम बच्चे खेल रहे थे और माता पिता उनके आने की राह देख रहे थे बहुत देर तक नहीं आने के बाद परिजनों ने पता किया तो उनके सामने हंसते खेलते पुत्रों की लाशें एक गड्ढे में पड़ी थी। अपने बच्चों के शव देखकर पिता के पैरों तले जमीन खीसक गई और उसके घर में परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। ऐसी घटना से आस-पास के घरों में भी चूल्हे तक नहीं जले।
बालोतरा। निकटवर्ती सिणली जागीर गांव के सरोलिया नाड़ी के समीप अवैध खनन से खुले पड़े बरसाती गड्ढे ने दो मासूमों की जिंगदी को छीन लिया,दोनों सगे भाई थे और डूबने से मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित किया तथा डिप्टी अमृतलाल जीनगर व पुलिस थानाधिकारी सुखाराम विश्रोई ने मौके पर पहुंचकर गोताखोरों की मदद से मासूमों के शवों को बाहर निकलवाया तथा पंचनामा बनाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गड्ढे में डूबने से अशोक उम्र 13 वर्ष व पुखराज उम्र 9 वर्ष दोनों पुत्र भूराराम जाति जोगी है और ये परिवार घुमंतु व गरीब परिवार है।
पिछले माह हुआ हादसा भी तीन मासूमों की लील गया था
पिछले महिनें की 17 तारीख को भी एक बरसाती गड्ढे में डूबने से तीन सगे भाईयों की मौत हो गई थी। एक के बाद एक हो रहे हादसे के बावजूद प्रशासन नहीं चेत रहा है और मासूम अपनी जिंदगियों को गंवा रहे है। आखिर प्रशासन और हादसों की राह क्यों देख रहा है अगर पिछले हादसे के बाद समय रहते ऐसे गड्ढे बंद कर दिए हाते व अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की होती तो शायद इन मासूमों की जान बच सकती थी।
हर तरफ क्रूंदन व चीत्कार
मासूम बच्चे खेल रहे थे और माता पिता उनके आने की राह देख रहे थे बहुत देर तक नहीं आने के बाद परिजनों ने पता किया तो उनके सामने हंसते खेलते पुत्रों की लाशें एक गड्ढे में पड़ी थी। अपने बच्चों के शव देखकर पिता के पैरों तले जमीन खीसक गई और उसके घर में परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। ऐसी घटना से आस-पास के घरों में भी चूल्हे तक नहीं जले।
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