देश के लिए शहीद होने वाले, देवता से कम नहीं
- अध्यक्ष,राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति
जयपुर,
2 जुलाई। राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष श्री प्रेम सिंह
बाजौर ने कहा है कि देश की सीमा पर देश के लिए शहीद होने वाले किसी भी
मायने में देवताओं से कम नहीं है। हमें चाहिए कि हम सब मिलजुलकर उनको मान
सम्मान देवें और उनके परिजनों के दुख-दर्द में भी भागीदार बनें, ताकि शहीद
के परिजनों को अपने लाडले की कमी महसूस नहीं हों। वे रविवार को झुन्झुनू
जिलेे की बुहाना पंचायत समिति के 14 गांवों के 17 शहीदों की
वीरांगनाओं-परिजनों को सम्मानित करने के दौरान उनके गांव में सम्बोधित कर
थे।
उन्होंने शहीदों के सम्मान के लिए आयोजित हर कार्यक्रम में
सबसे पहले शहीद को नमन, गांव को हाथ जोड़कर प्रणाम और शहीदों की वीरांगनाओं
और परिजनों को शॉल ओढ़ाकर नमन करते हुए कहा कि हमें शहीदों की शहादत को जाति
और धर्म में नहीं बांटकर समान रूप से आदर सम्मान देकर उनकी शहादत से
प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस अवसर पर सूरजगढ़ पंचायत समिति के प्रधान
सुभाष पूनिया, शिक्षाविद् सुरेन्द्र अहलावत, बुहाना पंचायत समिति के प्रधान
के पति कृष्ण कुमार यादव, राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के
सदस्य कर्नल जगदेवाराम चौधरी, सावलराम यादव, पूर्व सरपंच रतन सिंह तंवर और
समाजसेवी विनोद कुमार झाझडियां ने शहीद सम्मान यात्रा का शुभारम्भ झुंझुनू
जिले से करने पर श्री बाजौर का आभार जताया।
गांव और शहर में अधिकाधिक लगाएं पेड़-पौधे
राज्य
सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष श्री प्रेम सिंह बाजौर ने कहा है
कि बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए गांव और शहरों में जितने भी
पेड़-पौधे लगाए जाएं वे कम हैं। हमंें चाहिए कि हर व्यक्ति साल में एक पौधा
लगाकर उसकी परवरिश की पूरी जिम्मेदारी लें। वे रविवार को झुंझुनू जिला
मुख्यालय के इंदिरा नगर में कमरूद्दीन शाह व चंचलनाथ पार्क में पौधारोपण
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि
हम साल पेड़-पौधे तो बहुत लगाते हैं परन्तु वह जीवित बहुत कम रह पाते हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे के निर्देश पर जिले में शुरू
की गई शहीद सम्मान यात्रा की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए सभी से आग्रह
किया कि वे शहीदों के मान-सम्मान में किसी तरह की कमी नहीं आने दें।
समारोह में जिला कलेक्टर श्री दिनेश कुमार यादव ने पर्यावरण के विशेष
महत्व पर प्रकाश डाला। प्रारम्भ में पूर्व उपजिला प्रमुख विधाधर सिंह गिल
और रामचन्द्र बुडानियां ने शहर में साम्प्रदायिक सौहार्द्र एवं इसकी मिसाल
की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
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