सातवे वेतन आयोग के नोटिफिकेशन का महासंघ एकीकृत ने किया विरोध
जयपुर 30 अक्टूबर ।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने सातवे वेतन आयोग के नोटिफिकेशन का कड़े शब्दों में विरोध किया है इस संबंध मे प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सातवाँ वेतन आयोग को लेकर राज्य कर्मचारियों को जैसी आशंकायें थी उसी के अनुरूप राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है ऐसा कर के सरकार ने कर्मचारी संघो से पूर्व मैं किये केन्द्र के समान वेतन भत्तो के समझौते को भी तोड़ दिया है ।
राठौड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जहाँ सातवाँ वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से नगद भुगतान किया है वही राज्य सरकार ने इसे 1 अक्टूबर 2017 से लागू किया है इससे राज्य कर्मचारियों को 21 महीनों के वेतन का औसतन 1.5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है, उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2016 से 30 सितंबर 2017 तक के एरियर का नोटिफिकेशन में कही भी जिक्र नही है । इसके अलावा दो वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते का भी कर्मचारियों को नुकसान हुआ है ।
राठौड़ ने बताया कि जहाँ केंद्र सरकार ने न्यूनतम वेतन 18000 रुपये तय कर रखा है वही राज्य सरकार ने न्यूनतम वेतन17700 रखा है जो केन्द्र अनुरूप नहीं है उन्होंने बताया कि सातवे वेतन आयोग में 1 अक्टूबर 2017 के पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इससे काफी नुकसान हुआ है ।
महामंत्री राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि सातवें वेतन आयोग के नोटिफिकेशन का अध्ययन करने के लिए महासंघ एकीकृत ने एक पांच सदस्यों की समिति का गठन कर दिया है ।
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