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Tuesday, October 3, 2017

सीईटीपी ट्रस्ट के खिलाफ कार्यवाही की मांग, प्लांट ठेकेदार को हटाने की मांग

सीईटीपी ट्रस्ट के खिलाफ एनजीटी के निर्देश की अवमानना की कार्यवाही की मांग
बालोतरा
प्रदुषण निवारण एवम् पर्यावरण संरक्षण समिति ने आज जयपुर में प्रदुषण नियंत्रण मंडल की चेयरपर्सन को ज्ञापन देकर बालोतरा सीईटीपी ट्रस्ट बार बार एचारटीएस प्लांट के फूटने की आड़ में लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी डालकर एनजीटी के आदेशो की अवहेलना करने पर अवमानना की कार्यवाही की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया कि बालोतरा में संचालित टेक्सटाइल इकाइयों से निकलने वाले रासायनिक प्रदूषित पानी के निस्तारण के लिए संचालित सीईटीपी प्लांट द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया जा रहा है। ट्रस्ट द्वारा अवैधानिक तरीके से लूणी नदी के समीप बनाये गए पूर्णतः कच्चे एचारटीएस प्लांट के फूटने की आड़ में हर बार प्लांटो में भरा रासायनिक प्रदूषित पानी लूणी नदी में डालकर एनजीटी के आदेशो की अवहेलना कर रहे है। बालोतरा एचारटीएस प्लांट पिछले एक वर्ष में करीब 12 बार टूट चुका है मतलब औसत एक महीने में एक बार प्लांट टूट रहा है। एचारटीएस के बार टूटने से प्लांट सञ्चालन करने वाले सीईटीपी ट्रस्ट व् ठेकेदार पर संदेह की अंगुलिया उठ रही है। टेक्सटाइल इकाइयों से आने वाले अफ़लातून प्रदूषित पानी के चलते कच्चा एचारटीएस भर जाता है और इस प्लांट में किसी प्रकार का पौधरोपण नहीं होने से प्रदूषित पानी का स्तर कम नहीं होता है। ऐसे में प्लांट का ठेकेदार रमेश माली खुद प्लांट की दिवार को तोड़कर प्रदूषित पानी नदी में डाल देता है। प्लांट में सीसीटीवी कैमरे लगे है उसमे देखा जा सकता है।
आज सुबह ठेकेदार ने एचारटीएस प्लांट फिर फोड़ दिया जिससे नदी सहित आस पास के खेतो में बड़ी तादाद में रासायनिक प्रदूषित पानी भर गया है। खेतो में प्रदूषित पानी से खेतो में फसले नष्ट हो गयी है। साथ ही खेतो में बनी बस्तिया जलमग्न हो गयी है। ट्रस्ट बार बार एनजीटी के आदेशो की धज्जिया उड़ा रहा है फिर क्यों आपके कार्यालय से बालोतरा ट्रस्ट व् सम्बन्धित ठेकेदार के खिलाफ क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही है? बिठूजा सीईटीपी की और से संचालित एचारटीएस प्लांट भी अनेक बार टूट चुका है। हर बार लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी नदी में जता है पर आपके विभाग के अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है ।
सीईटीपी के एचारटीएस प्लांट के रखरखाव का काम करने वाले ठेकेदार रमेश माली के पास कोई डिग्री या डिप्लोमा नहीं है साथ ही कोई प्रशिक्षित कार्मिक भी नहीं है फिर भी ट्रस्ट द्वारा अपनी गलतियों को छुपाने व् लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी डालने में साथ देने वाले रमेश माली को ही ठेका दिया जाता है।लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी छोड़कर एनजीटी के आदेशो की अवहेलना करने वाले सीईटीपी ट्रस्ट के खिलाफ एनजीटी के आदेश की अवमानना की कार्यवाही करे साथ ही सीईटीपी ट्रस्ट को एचारटीएस प्लांट के रखरखाव के लिए प्रशिक्षित ठेकेदार रखने के लिए पाबंद करवाने की मांग की है।
सीसीटीवी कैमरे के क्यों नहीं दिए जा रहे फुटेज-
एचारटीएस प्लांट में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है। बार बार मांगने पर भी उक्त कैमरो के सीसीटीवी फुटेज नहीं दिए जा रहे है इससे सन्देश उत्पन्न होता है कि कही कैमरो में प्लांट में काम करने कार्मिको की काली करतुते तो कैद नहीं है?

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