हमारे कृषि कुओ से जल दोहन रोको
वर्ना करेेंगे आंदोलन
बालोतरा
बालोतरा के बिठुजा ईलाके में कृषि कुओ से हो रहे अंधाधुन जल दोहन को रोकने की मांग का लेकर आज बिठुजा सहित आस पास के गांवो के लोगो ने रैली निकाली ओर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया। लोगो ने ज्ञापन में बताया कि खेती के नाम पर जल कारोबारी बड़ी तादाद में चौबीसो घंटे जल दोहन कर बालोतरा में सचंालित होने वाली ओद्योगिक ईकाईयो को अवैध रूप से बेचने का काम कर रहे है। प्रशासन को लंबे समय से अवगत करवाने के बाद में बिठुजा में जल का अवैध दोहन नही रोका जा रहा है जिससे प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है। बिठूजा में ही रहे अंधाधुन अवैध जल दोहन को रुकवाने के लिए लोकायुक्त के निर्देश पर हो रही कार्यवाही में पारदर्शिता लाकर निष्पक्ष कार्यवाही कर जल दोहन सम्पूर्ण रूप से बंद करवाने बाबत ।
यह बताया ज्ञापन में
बिठूजा में ही रहे अंधाधुन जल दोहन से हम किसानो को खेती लायक भी पानी नहीं मिल रहा है। कृषि कुओ से अवैध रूप से काश्तकार अधिनियम की आड़ में हो रहे अंधाधुन जल दोहन को रूकवाने के लिए ग्रामीणों ने लोकायुक्त में शरण ली है। पर लोकायुक्त के आदेश पर प्रसाशन द्वारा की जा रही लीपापोती से हम ग्रामीण दुखी है। प्रसाशन जल दोहन को बंद करवाने की बजाय लूणी नदी में डाली गयी निजी पाइप लाइनों पर मामूली आरी चलाकर ग्रामीणों व् लोकायुक्त को गुमराह कर रहा है। जल दोहन को रुकवाने के लिए की जा रही इस कार्यवाही से ग्रामीण संतुष्ट नहीं है। जल दोहन रुकवाना है तो क्यों नहीं नलकूपो से ही पाइप लाइन काट कर उनको सीज कर लिया जाये ताकि जल दोहन पर पूर्णत पाबन्दी लग सके। साथ ही जल दोहन करने वाले लोग जल दोहन की अनुमती होना बताकर गुमराह कर रहे है । हाईवे ऑथिरिटी व् सावर्जनिक निर्माण विभाग से इन पाइप लाइन संचालको को नोटिस देकर चेताया है कि पाइप लाइन डालने की किसी प्रकार की अनुमति नहीं है। साथ ही लूणी नदी में बिना किसी अनुमति के डाली गयी पाइप लाइने पूरी उखाड़ी जाये ताकि जल विक्रेता रात्रि में किसी प्रकार का जल दोहन नहीं कर सके।जिन कृषि कुओ से जल दोहन हो रहा है उन लोगो ने गलत रूप से उद्योग के आड़ में विधुत कनेक्शन ले रखे है, ऐसे विद्युत कनेक्शन को अविलंब काटा जाये। सावर्जनिक निर्माण विभाग की सड़को व् रेलवे पटरी के निचे से गुजारी गयी पाइप लाइनों को हटाकर उन पाइप लाइनों को बिछाने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर जल दोहन पर पूर्णतः रोक लगाकर किसानो को राहत दिलावे। अगर समय रहते हम किसानो व् ग्रामीणों की मांगों पर उचित कार्यवाही नहीं की गयी तो हमें मज़बूरी में हमारी खेती व् आने वाली पीढ़ी के लिए पानी बचाने के लिए आंदोलन पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा।
V. Nice
ReplyDeleteV. Nice
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