रासायनिक प्रदुषण के रोकथाम की मांग
-बालोतरा
प्रदुषण निवारण एवं पर्यावरण सरक्षण समिति ने उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन देकर रासायनिक प्रदुषण दस मांग की है ! ज्ञापन बताया कि बालोतरा के रिको औद्योगिक क्षेत्र में रासायनिक प्रदुषण की समस्या नासूर बन गयी है। रिको औद्योगिक क्षेत्र में संचालित टेक्सटाइल इकाइया खुले में रासायनिक प्रदूषित पानी बहा रही है। चतुर्थ चरण में रात्रि के समय प्रदूषित पानी व् स्लज डालने का सिलसिला थम नहीं रहा है। ट्रस्ट द्वारा रात्रि में गार्ड लगाये जाने के बाद स्लज व् प्रदूषित पानी डाले जाने की घटनाए बढ़ गई है। बालोतरा ट्रस्ट द्वारा संचालित एचारटीएस प्लांट से लूणी नदी में सीधा ही रासायनिक प्रदूषित पानी डाला जा रहा है। जेरला रोड पर संचालित टेक्सटाइल इकाइयां बिना अनुमति के संचालित हो रही है। जेरला रोड पर संचालित इकाइयां नगर परिषद् के नालो में प्रदूषित पानी बहा रही है जो नालो में बहकर जेरला गांव में पहुच रहा है। जेरला में रासायनिक प्रदूषित पानी के तालाब बन गए है जिससे ग्रामीणों की जिंदगी नर्क बन गयी है। गांधीपुरा में ट्रस्ट के पूर्व पदाधिकारी मंगलाराम टाक की टेक्सटाइल इकाई से लंबे समय से रासायनिक प्रदूषित पानी लूणी नदी में डाला जा रहा है। गांधीपुरा में संचालित इकाइया भी सीधे ही लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी डाल रही है। बिठूजा में एचारटीएस प्लांट से सीधे ही लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी डाला जा रहा है। उपखंड प्रसाशन भी केवल छोटे संचालको के खिलाफ औपचारिक कार्यवाही कर रीत का रायता निभा रहा है। पूर्व में बिठूजा में उपखंड अधिकारी ने जनवरी माह में स्वयं बिठूजा में लूणी नदी में मोटर से प्रदूषित पानी डालने की घटनाये आँखों से देखी थी पर कोई कार्यवाही नहीं की। एनजीटी के निर्देशो पर बिठूजा, गांधीपुरा में अभी तक सभी इकाइयों में फ्लो मीटर भी नहीं लगाए गए है बावजूद इसके इकाइयां का सञ्चालन शुरू है जो एनजीटी के आदेशो की अवहेलना है।।समिति द्वारा पिछले एक वर्ष से रासायनिक प्रदुषण के रोकथाम की मांग प्रसाशन से की जा रही है पर प्रसाशन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। ऐसे में मज़बूरी में हमें सक्षम न्यायलय में शरण लेनी पड़ेगी।
-बालोतरा
प्रदुषण निवारण एवं पर्यावरण सरक्षण समिति ने उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन देकर रासायनिक प्रदुषण दस मांग की है ! ज्ञापन बताया कि बालोतरा के रिको औद्योगिक क्षेत्र में रासायनिक प्रदुषण की समस्या नासूर बन गयी है। रिको औद्योगिक क्षेत्र में संचालित टेक्सटाइल इकाइया खुले में रासायनिक प्रदूषित पानी बहा रही है। चतुर्थ चरण में रात्रि के समय प्रदूषित पानी व् स्लज डालने का सिलसिला थम नहीं रहा है। ट्रस्ट द्वारा रात्रि में गार्ड लगाये जाने के बाद स्लज व् प्रदूषित पानी डाले जाने की घटनाए बढ़ गई है। बालोतरा ट्रस्ट द्वारा संचालित एचारटीएस प्लांट से लूणी नदी में सीधा ही रासायनिक प्रदूषित पानी डाला जा रहा है। जेरला रोड पर संचालित टेक्सटाइल इकाइयां बिना अनुमति के संचालित हो रही है। जेरला रोड पर संचालित इकाइयां नगर परिषद् के नालो में प्रदूषित पानी बहा रही है जो नालो में बहकर जेरला गांव में पहुच रहा है। जेरला में रासायनिक प्रदूषित पानी के तालाब बन गए है जिससे ग्रामीणों की जिंदगी नर्क बन गयी है। गांधीपुरा में ट्रस्ट के पूर्व पदाधिकारी मंगलाराम टाक की टेक्सटाइल इकाई से लंबे समय से रासायनिक प्रदूषित पानी लूणी नदी में डाला जा रहा है। गांधीपुरा में संचालित इकाइया भी सीधे ही लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी डाल रही है। बिठूजा में एचारटीएस प्लांट से सीधे ही लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी डाला जा रहा है। उपखंड प्रसाशन भी केवल छोटे संचालको के खिलाफ औपचारिक कार्यवाही कर रीत का रायता निभा रहा है। पूर्व में बिठूजा में उपखंड अधिकारी ने जनवरी माह में स्वयं बिठूजा में लूणी नदी में मोटर से प्रदूषित पानी डालने की घटनाये आँखों से देखी थी पर कोई कार्यवाही नहीं की। एनजीटी के निर्देशो पर बिठूजा, गांधीपुरा में अभी तक सभी इकाइयों में फ्लो मीटर भी नहीं लगाए गए है बावजूद इसके इकाइयां का सञ्चालन शुरू है जो एनजीटी के आदेशो की अवहेलना है।।समिति द्वारा पिछले एक वर्ष से रासायनिक प्रदुषण के रोकथाम की मांग प्रसाशन से की जा रही है पर प्रसाशन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। ऐसे में मज़बूरी में हमें सक्षम न्यायलय में शरण लेनी पड़ेगी।
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