देश के लिये रेल्वे के साथ काम करते शहीद होने वालो के लिये की हक की मांग,
तिलवाडा के कानाराम सांई ने रेल्वे महाप्रबंधक को दिया पत्र
बालोतरा
ओमप्रकाश सोनी
सन 1965 में भारत ओर पाकिस्तान के बीच युद्ध के समय बाड़ेमर जिले के अनेक लोगो ने राष्ट्रिय आव्हान पर सेना की मदद के लिये सेवाए दी थी। साथ ही युद्ध के समय रेल्वे की मदद के लिये भी अनेक युवाओ नें रेल्वे के कार्मिको से साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेनीक की तरह काम किया था। उस समय पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में रेल्वे की मदद कर रहै तिलवाड़ा गांव के खीमराज सांई भी शहीद हो गये थे। खीमराज सांई के भाई कानाराम सांई ने रेलवे के महा प्रबंधक अनिल सिंघल को बालोतरा में ज्ञापन देकर युद्ध में रेल्वे की मदद करने के दोरान प्राणो को त्यागने वाले लोगो के परिजनो को रेल्वे में नौकरी देने की मांग की है। कानाराम ने बताया कि ऐसे नागरिको की शहादत को रेल्वे ने भुला दिया है। साथ ही सरकार भी देश की सेवा करने के दौरान प्राणो को न्यौछावर करने वाले आम लोगो की शहादत का सिला देने में कोई रूची नही दिखा रही है।
तिलवाडा के कानाराम सांई ने रेल्वे महाप्रबंधक को दिया पत्र
बालोतरा
ओमप्रकाश सोनी
सन 1965 में भारत ओर पाकिस्तान के बीच युद्ध के समय बाड़ेमर जिले के अनेक लोगो ने राष्ट्रिय आव्हान पर सेना की मदद के लिये सेवाए दी थी। साथ ही युद्ध के समय रेल्वे की मदद के लिये भी अनेक युवाओ नें रेल्वे के कार्मिको से साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेनीक की तरह काम किया था। उस समय पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में रेल्वे की मदद कर रहै तिलवाड़ा गांव के खीमराज सांई भी शहीद हो गये थे। खीमराज सांई के भाई कानाराम सांई ने रेलवे के महा प्रबंधक अनिल सिंघल को बालोतरा में ज्ञापन देकर युद्ध में रेल्वे की मदद करने के दोरान प्राणो को त्यागने वाले लोगो के परिजनो को रेल्वे में नौकरी देने की मांग की है। कानाराम ने बताया कि ऐसे नागरिको की शहादत को रेल्वे ने भुला दिया है। साथ ही सरकार भी देश की सेवा करने के दौरान प्राणो को न्यौछावर करने वाले आम लोगो की शहादत का सिला देने में कोई रूची नही दिखा रही है।
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