टेक्सटाइल उद्योग को खेड़ में भूमि आवंटन पर जताई आपत्ति
बालोतरा
प्रदुषण निवारण एवम् पर्यावरण संरक्षण समिति , खेड़ ग्राम पंचायत, तिलवाड़ा ग्राम पंचायत व् नमक उत्पादक संघ ने उद्योग विभाग के आयुक्त को बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योग को खेड़ ग्राम पंचायत में आवंटित की जा रही 264 बीघा भूमि के आवंटन पर आपत्ति दर्ज करवाई है। उद्योग विभाग को प्रेक्षित पत्र में बताया गया कि वाटर पॉल्युशन कंट्रोल एन्ड रिचर्स फाउंडेशन ट्रस्ट बालोतरा द्वारा इस जमीन में पौधरोपण करने की बात बताकर जमीन को लेने की कवायद की जा रही है। पूर्व में ट्रस्ट ने इसी प्रकार से पौधरोपण करने के नाम पर जसोल सरहद में किसानो से बड़ी तादाद में जमीन ली थी। लेकिन उक्त जमीन में ट्रस्ट ने पोधे लगाने की बजाय उस जमीन में रासायनिक प्रदूषित पानी का तालाब बना दिया है। उस प्रदूषित पानी के तालाब से माहोल में रासायनिक प्रदुषण घातक स्तर पर पहुच गया है। खेड़ में आवंटित की जा रही जमीन में भी ट्रस्ट द्वारा प्रदूषित पानी के तालाब बना दिए जायेंगे जिससे खेड़ के ग्रामीणों का जीना मुहाल हो जायेगा। खेड़ गांव पहले से ही रासायनिक प्रदुषण की समस्या से जुंझ रहा है। अब इस जमीन में रासायनिक प्रदूषित पानी का तालाब बनने से हालात खराब हो जायेंगे। साथ ही प्रस्तावित भूमि पर पिछले 20 वर्षो से भी अधिक समय से भूमिहीन कास्तकार खेती कर पेट पाल रहे है। गैर खातेदारी का नियमन करवाने के लिए उक्त भूमि में खेती करने वाले किसानो के वाद भी सक्षम न्यायलय में विचाराधीन है। अत इस जमीन को ट्रस्ट को प्रदूषित पानी के तालाब बनाने के लिए देना किसानो के हितो पर कुठाराघाट होगा। साथ ही प्रस्तावित भूमि पचपदरा में संचालित होने वाली नमक की खानो का केचमेंट एरिया है। नमक के इस केचमेंट एरिया में प्रदूषित पानी भरा जाने पर नमक की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ेगा और नमक उद्योग नष्ट हो जायेगा। समिति ने उक्त भूमि के सम्बन्ध में राजस्व में लंबित वाद की जानकारी लेकर उक्त जमीन का आवंटन जन हित में निरस्त करवाकर किसानो को राहत दिलाने की मांग की है।
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बालोतरा
प्रदुषण निवारण एवम् पर्यावरण संरक्षण समिति , खेड़ ग्राम पंचायत, तिलवाड़ा ग्राम पंचायत व् नमक उत्पादक संघ ने उद्योग विभाग के आयुक्त को बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योग को खेड़ ग्राम पंचायत में आवंटित की जा रही 264 बीघा भूमि के आवंटन पर आपत्ति दर्ज करवाई है। उद्योग विभाग को प्रेक्षित पत्र में बताया गया कि वाटर पॉल्युशन कंट्रोल एन्ड रिचर्स फाउंडेशन ट्रस्ट बालोतरा द्वारा इस जमीन में पौधरोपण करने की बात बताकर जमीन को लेने की कवायद की जा रही है। पूर्व में ट्रस्ट ने इसी प्रकार से पौधरोपण करने के नाम पर जसोल सरहद में किसानो से बड़ी तादाद में जमीन ली थी। लेकिन उक्त जमीन में ट्रस्ट ने पोधे लगाने की बजाय उस जमीन में रासायनिक प्रदूषित पानी का तालाब बना दिया है। उस प्रदूषित पानी के तालाब से माहोल में रासायनिक प्रदुषण घातक स्तर पर पहुच गया है। खेड़ में आवंटित की जा रही जमीन में भी ट्रस्ट द्वारा प्रदूषित पानी के तालाब बना दिए जायेंगे जिससे खेड़ के ग्रामीणों का जीना मुहाल हो जायेगा। खेड़ गांव पहले से ही रासायनिक प्रदुषण की समस्या से जुंझ रहा है। अब इस जमीन में रासायनिक प्रदूषित पानी का तालाब बनने से हालात खराब हो जायेंगे। साथ ही प्रस्तावित भूमि पर पिछले 20 वर्षो से भी अधिक समय से भूमिहीन कास्तकार खेती कर पेट पाल रहे है। गैर खातेदारी का नियमन करवाने के लिए उक्त भूमि में खेती करने वाले किसानो के वाद भी सक्षम न्यायलय में विचाराधीन है। अत इस जमीन को ट्रस्ट को प्रदूषित पानी के तालाब बनाने के लिए देना किसानो के हितो पर कुठाराघाट होगा। साथ ही प्रस्तावित भूमि पचपदरा में संचालित होने वाली नमक की खानो का केचमेंट एरिया है। नमक के इस केचमेंट एरिया में प्रदूषित पानी भरा जाने पर नमक की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ेगा और नमक उद्योग नष्ट हो जायेगा। समिति ने उक्त भूमि के सम्बन्ध में राजस्व में लंबित वाद की जानकारी लेकर उक्त जमीन का आवंटन जन हित में निरस्त करवाकर किसानो को राहत दिलाने की मांग की है।
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