दिव्य प्रवचन का आयोजन
बालोतरा
श्री राणी भटियाणी मंदिर जसोल में मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्री मददेवी भागवत कथा के ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन संतों के दिव्य प्रवचन व सम्मान का विशेष आयोजन किया गया ।
इस दिन सिरे मंदिर जालोर के मठाधीश 1008 श्री गंगानाथ , जोधपुर के स्थित रामदेव मंदिर पीठ के महामंडलेश्वर 1008 सैनाचार्य श्री अचलानन्द गिरी , जसोल स्थित नर्बदेश्वर महादेव मठ के महंत 1008 श्री संध्यापुरी , संत श्री आनंदनाथ (सिरे मंदिर जालोर) , महंत श्री अमरनाथ मेवानगर आदि का विधिवत परंपरानुसार श्री राणी भटियाणी ट्रस्ट जसोल के अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल , उपाध्यक्ष रावल विक्रम सिंह सिणधरी, ट्रस्टी रावत त्रिभुवन सिंह बाड़मेर , सचिव ठा. गजेंद्र सिंह जसोल , कुं. हरीशचन्द्र सिंह जसोल , ठा. विशन सिंह मेवानगर , ठा. शभँवर सिंह वरिया , ठा. गणपत सिंह सिमालिया , ठा. भैरू सिंह टापरा , ठा. शोभ सिंह असाड़ा , ठा. चन्दन सिंह बुड़ीवाड़ा , सूरजभान सिंह दाखां ने किया ।
जोधपुर महारानी श्रीमति हेमलता राज्ये ने विशेष रूप से पधार कर कार्यक्रम की शौभा बढ़ाई जिनका स्वागत जसोल राणीसा श्रीमति यदुनंदिनी कुमारी ने गुलदस्ता एवं श्रीफल प्रदान कर किया ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिरे मंदिर जालोर के मठाधीश 1008 श्री गंगानाथ ने आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि मनुष्य पुण्य कर्म करे और सदमार्ग पर चले ।
सैनाचार्य 1008 श्री अचलानन्द गिरी ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य को आचरण एवं खान - पान से शुद्ध होना चाहिए , जिससे उसकी बुद्धि निर्मल एवं शुद्ध होगी और मनुष्य भगवत भजन की ओर अग्रसर हो सकेगा । भगवान श्री चरण ही मुक्ति का साधन है ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जोधपुर महारानी श्रीमति हेमलता राज्ये ने कहा कि धार्मिक कथाए , मंदिर आदि हमारे जीवन को उत्कृष्ट बनाने एवं सुखमय जीवन जीने के अनिवार्य तत्व है इसलिए कथा एवं संतों के प्रवचनों को जीवन में धरण करना चाहिए ।
सबका आभार प्रकट करते हुए श्री राणी भटियाणी ट्रस्ट जसोल के अध्यक्ष रावल किशन सिंह ने कहा कि मनुष्य जीवन अनमोल है और इस जीवन में प्रभु का भजन आवश्यक है । कम आयु में पुण्य कार्य करने चाहिये वरना मनुष्य जीवन निरर्थक है ।
कार्यक्रम को सिणधरी रावल विक्रम सिंह , बाड़मेर त्रिभुवन सिंह ने भी संबोधित किया ।
इस कार्यक्रम मे गणपत बांठिया , मोहनलाल खंडेलवाल , मुल्तान माली , आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।
पांचवें दिन कथा में व्यासपीठ से अभिषेक जोशी ने भगवान श्री कृष्ण कि बाल लीलाओं का वर्णन किया । भगवान श्री कृष्ण एवं रुकमनी विवाह का भव्य आयोजन हुआ ।
कथा आरती में सोहनलाल राठी , अरुण कुमार भूतड़ा, राम रतन भट्टर, भँवर लाल राठी ,जोगराज सेवग, देवेंद्र कुमार माली व शाम की आरती माली समाज जसोल व बलोतरा ने की ।
बालोतरा
श्री राणी भटियाणी मंदिर जसोल में मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्री मददेवी भागवत कथा के ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन संतों के दिव्य प्रवचन व सम्मान का विशेष आयोजन किया गया ।
इस दिन सिरे मंदिर जालोर के मठाधीश 1008 श्री गंगानाथ , जोधपुर के स्थित रामदेव मंदिर पीठ के महामंडलेश्वर 1008 सैनाचार्य श्री अचलानन्द गिरी , जसोल स्थित नर्बदेश्वर महादेव मठ के महंत 1008 श्री संध्यापुरी , संत श्री आनंदनाथ (सिरे मंदिर जालोर) , महंत श्री अमरनाथ मेवानगर आदि का विधिवत परंपरानुसार श्री राणी भटियाणी ट्रस्ट जसोल के अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल , उपाध्यक्ष रावल विक्रम सिंह सिणधरी, ट्रस्टी रावत त्रिभुवन सिंह बाड़मेर , सचिव ठा. गजेंद्र सिंह जसोल , कुं. हरीशचन्द्र सिंह जसोल , ठा. विशन सिंह मेवानगर , ठा. शभँवर सिंह वरिया , ठा. गणपत सिंह सिमालिया , ठा. भैरू सिंह टापरा , ठा. शोभ सिंह असाड़ा , ठा. चन्दन सिंह बुड़ीवाड़ा , सूरजभान सिंह दाखां ने किया ।
जोधपुर महारानी श्रीमति हेमलता राज्ये ने विशेष रूप से पधार कर कार्यक्रम की शौभा बढ़ाई जिनका स्वागत जसोल राणीसा श्रीमति यदुनंदिनी कुमारी ने गुलदस्ता एवं श्रीफल प्रदान कर किया ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिरे मंदिर जालोर के मठाधीश 1008 श्री गंगानाथ ने आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि मनुष्य पुण्य कर्म करे और सदमार्ग पर चले ।
सैनाचार्य 1008 श्री अचलानन्द गिरी ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य को आचरण एवं खान - पान से शुद्ध होना चाहिए , जिससे उसकी बुद्धि निर्मल एवं शुद्ध होगी और मनुष्य भगवत भजन की ओर अग्रसर हो सकेगा । भगवान श्री चरण ही मुक्ति का साधन है ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जोधपुर महारानी श्रीमति हेमलता राज्ये ने कहा कि धार्मिक कथाए , मंदिर आदि हमारे जीवन को उत्कृष्ट बनाने एवं सुखमय जीवन जीने के अनिवार्य तत्व है इसलिए कथा एवं संतों के प्रवचनों को जीवन में धरण करना चाहिए ।
सबका आभार प्रकट करते हुए श्री राणी भटियाणी ट्रस्ट जसोल के अध्यक्ष रावल किशन सिंह ने कहा कि मनुष्य जीवन अनमोल है और इस जीवन में प्रभु का भजन आवश्यक है । कम आयु में पुण्य कार्य करने चाहिये वरना मनुष्य जीवन निरर्थक है ।
कार्यक्रम को सिणधरी रावल विक्रम सिंह , बाड़मेर त्रिभुवन सिंह ने भी संबोधित किया ।
इस कार्यक्रम मे गणपत बांठिया , मोहनलाल खंडेलवाल , मुल्तान माली , आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।
पांचवें दिन कथा में व्यासपीठ से अभिषेक जोशी ने भगवान श्री कृष्ण कि बाल लीलाओं का वर्णन किया । भगवान श्री कृष्ण एवं रुकमनी विवाह का भव्य आयोजन हुआ ।
कथा आरती में सोहनलाल राठी , अरुण कुमार भूतड़ा, राम रतन भट्टर, भँवर लाल राठी ,जोगराज सेवग, देवेंद्र कुमार माली व शाम की आरती माली समाज जसोल व बलोतरा ने की ।
No comments:
Post a Comment