लूणी नदी में तीन मीटर से कई गुना अधिक बजरी खनन
ग्रामीणों ने रौष व्याप्त, खनन विभाग मूक दर्शक
बालोतरा
उपखंड के बिठुजा गावं में लुणी नदी में बजरी के खनन की लीज प्राप्त करने वाले ठेकेदार द्वारा खनन के मानको को ताक पर रखकर खनन कर रहा है जिससे नदी के प्राकृतिक स्वरूप को नुकसान हो रहा है। बिठुजा के ग्रामीणो ने आज बिठुजा मे खनन का काम रूकवाया ओर ट्रको में भरकर जाने वाली बजरी को रूकवा दिया। बाद में ग्रामीणो ने ठेकदार द्वारा खनन के मानको को ताक पर रखकर खनन किये जाने की जानकारी उपखंड अधिकारी को दी पर काफी समय के बाद भी कोई अधिकारी मोके पर नही आया जिस पर पर ग्रामीणो ने प्रसाशन इस कार्य प्रणाली के प्रती रौष जताया। बाद में ग्रामीणों ने प्रदुषण निवारण एवम् पर्यावरण संरक्षण समिति को जानकारी दी जिस पर समिति अध्यक्ष तुलसाराम चौधरी व् अन्य सदस्य मोके पर पहुचे। समिति को लोगो ने बताया कि नदी में तीन मीटर के स्थान पर पांच से दस मीटर तक बजरी का खनन हो रहा है जो खनन के मानको की अवहेलना है। साथ ही ठेकेदार द्वारा जेसीबी मशीनों से खनन किया जा रहा है जबकि नदी में जेसीबी से खनन पर हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है। लोगो ने बताया कि ठेकदार द्वारा ट्रको में क्षमता से अधिक बजरी भरवाई जा रही है। खनन के साथ ठेकेदार द्वारा लुणी नदी में उगे बबुल आदि भी नष्ट कर रहा है साथ ही लीज की शर्तो के अनुसार नदी में पेड़ आदि भी नही लगाये जा रहै है। ठेकेदार रात के समय नदी में से ग्रोवल का भी खनन कर रहा है जो कि बिल्कुल अवैध है। ग्रामीणो ने बताया कि नदी में गहराई तक खनन होने से नदी में पानी को रोकने की क्षमता खत्म हो रही है जिससे खेती खराब हो रही है ओर किसान बेराजगार हो रहै है। ग्रामीणो ने लुणी में बजरी का अमानक खनन बंद करवाने की मांग की है। ग्रामीणों ने तीन दिनों में खनन के हालातो में सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ग्रामीणों ने लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी डाले जाने भी विरोध जताया और लूणी नदी में किसी भी प्रकार के प्रदुषण को डाले जाने पर रोक लगाने की मांग की।
इनका कहना है-
नदी में अंधाधुन खनन से नदी का तल बर्बाद हो रहा है जिससे नदी में पानी को रोकने की क्षमता नष्ट हो रही है जो किसानो के लिए चिन्ता का विषय है।
हीराराम चोधरी, अध्यक्ष, दुग्ध उत्पादक समिति डेरी, बिठूजा।
बिठूजा में बजरी खनन में खनन के मानको की पालना नहीं हो रही है जिसकी जानकारी प्रसाशन को देने के बाद में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसान परेशान है।
तगाराम मेगवाल, पूर्व जिला परिषद् सदस्य।
मेने अनेक बार खनन विभाग को नदी में गहराई तक खनन होने, ग्रेवल खनन होने की लिखित जानकारी दी पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
नारायण मेगवाल, निवासी, बिठूजा।
उपखंड के बिठुजा गावं में लुणी नदी में बजरी के खनन की लीज प्राप्त करने वाले ठेकेदार द्वारा खनन के मानको को ताक पर रखकर खनन कर रहा है जिससे नदी के प्राकृतिक स्वरूप को नुकसान हो रहा है। बिठुजा के ग्रामीणो ने आज बिठुजा मे खनन का काम रूकवाया ओर ट्रको में भरकर जाने वाली बजरी को रूकवा दिया। बाद में ग्रामीणो ने ठेकदार द्वारा खनन के मानको को ताक पर रखकर खनन किये जाने की जानकारी उपखंड अधिकारी को दी पर काफी समय के बाद भी कोई अधिकारी मोके पर नही आया जिस पर पर ग्रामीणो ने प्रसाशन इस कार्य प्रणाली के प्रती रौष जताया। बाद में ग्रामीणों ने प्रदुषण निवारण एवम् पर्यावरण संरक्षण समिति को जानकारी दी जिस पर समिति अध्यक्ष तुलसाराम चौधरी व् अन्य सदस्य मोके पर पहुचे। समिति को लोगो ने बताया कि नदी में तीन मीटर के स्थान पर पांच से दस मीटर तक बजरी का खनन हो रहा है जो खनन के मानको की अवहेलना है। साथ ही ठेकेदार द्वारा जेसीबी मशीनों से खनन किया जा रहा है जबकि नदी में जेसीबी से खनन पर हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है। लोगो ने बताया कि ठेकदार द्वारा ट्रको में क्षमता से अधिक बजरी भरवाई जा रही है। खनन के साथ ठेकेदार द्वारा लुणी नदी में उगे बबुल आदि भी नष्ट कर रहा है साथ ही लीज की शर्तो के अनुसार नदी में पेड़ आदि भी नही लगाये जा रहै है। ठेकेदार रात के समय नदी में से ग्रोवल का भी खनन कर रहा है जो कि बिल्कुल अवैध है। ग्रामीणो ने बताया कि नदी में गहराई तक खनन होने से नदी में पानी को रोकने की क्षमता खत्म हो रही है जिससे खेती खराब हो रही है ओर किसान बेराजगार हो रहै है। ग्रामीणो ने लुणी में बजरी का अमानक खनन बंद करवाने की मांग की है। ग्रामीणों ने तीन दिनों में खनन के हालातो में सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ग्रामीणों ने लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी डाले जाने भी विरोध जताया और लूणी नदी में किसी भी प्रकार के प्रदुषण को डाले जाने पर रोक लगाने की मांग की।
इनका कहना है-
नदी में अंधाधुन खनन से नदी का तल बर्बाद हो रहा है जिससे नदी में पानी को रोकने की क्षमता नष्ट हो रही है जो किसानो के लिए चिन्ता का विषय है।
हीराराम चोधरी, अध्यक्ष, दुग्ध उत्पादक समिति डेरी, बिठूजा।
बिठूजा में बजरी खनन में खनन के मानको की पालना नहीं हो रही है जिसकी जानकारी प्रसाशन को देने के बाद में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसान परेशान है।
तगाराम मेगवाल, पूर्व जिला परिषद् सदस्य।
मेने अनेक बार खनन विभाग को नदी में गहराई तक खनन होने, ग्रेवल खनन होने की लिखित जानकारी दी पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
नारायण मेगवाल, निवासी, बिठूजा।
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