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Sunday, January 15, 2017

राष्ट्रीय हरित हरित अधिकरण एनजीटी के निर्देशो की नहीं हो रही पालना


बिठूजा औद्योगिक इकाइयों से लूणी नदी में डाला रासायनिक प्रदूषित पानी,
> बिठूजा के ग्रामीणों ने जताया आक्रोश,
>
> बालोतरा
> बिठूजा में संचालित टेक्सटाइल इकाइयों के अब एनजीटी के निर्देशो की कोई तवज्जो नहीं रह गयी है। बिठूजा में आज भी एनजीटी के निर्देशो की कतई पालना नहीं हो रही है। लूणी नदी में आज सीईटीपी प्लांट की पाइप लाइनों की सफाई की आड़ में बड़ी तादाद में प्रदूषित पानी डाले जाने का मुद्दा बढ़ गया और बिठूजा के ग्रामीणों में मोके पर पहुच कर प्रदुषण निवारण एवम् पर्यावरण संरक्षण समिति को जानकारी दी। ग्रामीणों की जानकारी पर समिति अध्यक्ष तुलसाराम चौधरी  व् पदाधिकारी बिठूजा पहुचे। ग्रामीणों  दूदाराम माली, लालाराम प्रजापत, केवल प्रजापत , दूध डेरी अध्यक्ष हीराराम चौधरी, जेठाराम माली, डायाराम प्रजापत, पूर्व जिला परिषद् सदस्य तगाराम मेगवाल,हड़मान सिंह राजपुरोहित, भेराराम मेगवाल, आम्बसिंह पुरोहित, सुरेश मेगवाल आदि ने उपखंड अधिकारी पीएल जाट को मोके पर बुलाया। उपखंड अधिकारी ने लूणी नदी में डाले गए रासायनिक प्रदूषित पानी का जायजा लिया। बिठूजा में किसी प्रकार के एनजीटी के आदेशो की पालना नहीं मिलने पर उपखंड अधिकारी ने इकाई संचालको को जमकर लताड़ पिलाई। लूणी नदी के किनारे संचालित सभी टेक्सटाइल इकाइयों से लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी जाता मिला। किसी भी इकाई में फ्लो मीटर या इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगा हुआ नहीं पाया गया। टेक्सटाइल इकाइयों के अंदर ही रासायनिक प्रदूषित पानी के तालाब भरे मिले। उपखंड अधिकारी ने रासायनिक प्रदुषण फेलाने व् एनजीटी के निर्देशो की पालना नहीं करने वाली इकाइयों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है।
> उपखंड अधिकारी को प्रदुषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी नहीं कर रहे सहयोग-
> बालोतरा में प्रदुषण नियंत्रण मंडल में लंबे समय से जमे कुछ भ्रष्ट अधिकारीयो को उपखंड अधिकारी पीएल जाट द्वारा टेक्सटाइल इकाइयों के खिलाफ की जा रही कड़ी कार्यवाही रास नहीं आ रही है। इस कारण उपखंड अधिकारी द्वारा कार्यवाही के लिए प्रदुषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियो को मोके पर बुलाने पर प्रदुषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी बहानेबाजी करते नजर आते है।
इन इकाइयो से लूणी नदी में जाता मिला प्रदूषित पानी-
जाँच के दौरान पार्श्वनाथ टेक्सटाइल इकाई में मोटर पम्प लगाकर लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी छोड़ा जा रहा था साथ ही एक ही परिसर में तीन अलग अलग इकाइयों संचालित हो रही थी जिसमे 40 जिगर चल रहे थे नियमानुसार तीन एनओसी पर केवल 24 जिगर चल सकते है। उपखंड अधिकारी के पूछने पर इकाई मालिक ने गुमराह करने का प्रयास किया। यहाँ एक इकाई बिना प्रदुषण नियंत्रण मंडल की अनुमति के संचालित हो रही थी। 
गुमनाराम जाट की इकाई व् यूनिवर्सल अशोक राठी, विमल स्कोप, चौधरी वाशिंग, खुमाराम जाट व् चेनाराम जाट की इकाई में एनजीटी के पांच आदेशो में से एक भी आदेश की पालना नहीं मिली। चेनाराम की इकाई के पीछे आज भी रसायनिक प्रदुषण पानी से भरा तालाब मौजूद था।
इनका कहना है-
1 बिठूजा में संचालित टेक्सटाइल इकाइयां सीधे ही लूणी नदी में रासायनिक प्रदूषित पानी नदी में डाल रही है जो हमारे खेतो को बंजर कर रहा है। खेती को बचाने के लिए किसान बड़ा जान आंदोलन करेंगे।
लालाराम प्रजापत, बिठूजा।
2
बिठूजा में रासायनिक प्रदुषण के कारण खेती नष्ट हो रही है और पशुओ पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। रासायनिक प्रदुषण से पशुओ में बाँझ पन हो रहा है।
हीराराम चौधरी, अध्यक्ष बिठूजा दूध उत्पादक संघ।
3
बिठूजा में टेक्सटाइल उद्योग में एनजीटी के आदेशो की पालना नहीं हो रही है और प्रदुषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी ग्रामीणों की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है।
तगाराम मेगवाल, पूर्व जिला परिषद् सदस्य।

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