अस्पाल के पालने में नवजात को मिली ममता
नाहटा अस्पताल के पालने में मिली नवजात
बालोतरा
कुछ समय पूर्व जिले के चोहटन व् समदड़ी में नवजात को कड़कड़ाती ठण्ड में खुले में डालने के मामले सामने आये थे। उसके बाद पुलिस द्वारा ऐसे मामलो को रोकने के लिए अपनाई गयी सख्ती का असर आज देखने को मिला। राजकीय नाहटा अस्पताल के बाहर लगे पालना गृह में रविवार की रात को एक नवजात बालिका को आश्रय मिला। देर रात करीब एक बजे नाहटा अस्पताल के बाहर बने पालना गृह से किलकारी गूंजी तो समस्त स्टाफ पालना गृह की और दौड़ पड़े। पालना गृह में एक नवजात रोटी हुई मिली। नाहटा अस्पताल के स्टाफ ने तुरंत बालिका का बेबी नर्सरी लाया और उसका स्वास्थय परिक्षण कर जरुरी इलाज किया। अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कमल मूंदड़ा ने नवजात को जरुरी इलाज दिया। नवजात पर अस्पताल के समस्त कार्मिको ने लाड़ व् प्यार की झड़ी लगा दी। बाद में सोमवार को नवजात को जोधपुर के पालना गृह में भेज दिया गया।
काम आई अस्पताल की सार्थक पहल-
राजकीय नाहटा अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बलराज सिंह ने पहल कर अस्पताल के बाहर पालना गृह स्थापित करवाया है। इस पालना गृह में कोई भी अनचाहे नवजात को छोड़ सकता है। डॉक्टर बलराज सिंह की पहल से एक नवजात को जीवन मिल गया।
नाहटा अस्पताल के पालने में मिली नवजात
बालोतरा
कुछ समय पूर्व जिले के चोहटन व् समदड़ी में नवजात को कड़कड़ाती ठण्ड में खुले में डालने के मामले सामने आये थे। उसके बाद पुलिस द्वारा ऐसे मामलो को रोकने के लिए अपनाई गयी सख्ती का असर आज देखने को मिला। राजकीय नाहटा अस्पताल के बाहर लगे पालना गृह में रविवार की रात को एक नवजात बालिका को आश्रय मिला। देर रात करीब एक बजे नाहटा अस्पताल के बाहर बने पालना गृह से किलकारी गूंजी तो समस्त स्टाफ पालना गृह की और दौड़ पड़े। पालना गृह में एक नवजात रोटी हुई मिली। नाहटा अस्पताल के स्टाफ ने तुरंत बालिका का बेबी नर्सरी लाया और उसका स्वास्थय परिक्षण कर जरुरी इलाज किया। अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कमल मूंदड़ा ने नवजात को जरुरी इलाज दिया। नवजात पर अस्पताल के समस्त कार्मिको ने लाड़ व् प्यार की झड़ी लगा दी। बाद में सोमवार को नवजात को जोधपुर के पालना गृह में भेज दिया गया।
काम आई अस्पताल की सार्थक पहल-
राजकीय नाहटा अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बलराज सिंह ने पहल कर अस्पताल के बाहर पालना गृह स्थापित करवाया है। इस पालना गृह में कोई भी अनचाहे नवजात को छोड़ सकता है। डॉक्टर बलराज सिंह की पहल से एक नवजात को जीवन मिल गया।
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