बालोतरा न्यूज ट्रैक और दैनिक तरूण राजस्थान ने अस्पताल में लापरवाहीं को लेकर चेताया था
जसोल। कस्बे में शनिवार को ईलाज के दौरान एक मासूम बच्चे की जान चली गई। बच्चे की मौत के बार परिजनों व ग्रामीणों ने बच्चे के शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाने की मांग को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया और देर शाम तक लारपरवाह डॉक्टर को एपीओं करने की मांग पर अड़े रहे। मामले की जानकारी मिलने पर दो घंटे बाद पुलिस थानाधिकारी सुखराम विश्रोई मय जाब्ता मौके पर पहुंचे और हालात को संभालने की कोशिश की लेकिन परिजन डॉक्टर को एपीओं करने की मांग पर हीं अड़े रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह महेश पुत्र चंपालाल जाति प्रजापत निवासी जसोल उम्र 10 को लेकर उसके परिजन अस्पताल आए थे। इस दौरान डॉक्टर खेताराम ने मासूम को देखकर पर्ची पर इंजेक्शन और दवाईयां लिखी। इंजेक्शन लगाने के बाद मासूम की तबीयत बिगड़ गई और उसने अस्पताल में हीं दम तोड़ दिया।
दैनिक तरूण राजस्थान और बालोतरा न्यूज ट्रैक ने किया था आगाह
गौरतलब है कि जसोल के सरकारी अस्पताल में लापरवाहीं के शिकायतें पहले भी आ चुकी है और इसकों लेकर पहले भी परेशान मरीजों व ग्रामीणों ने हंगामा किया था लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत दैनिक तरूण राजस्थान और बालोतरा न्यूज ट्रैक को भी बताई थी तो हमने जिम्मेदार मीडिया होने के नाते उस खबर को दिनांक 28 नवंबर 2014 को ‘ग्रामीणों ने लगाया डॉक्टरों पर लापरवाहीं का आरोप’ नामक शीर्षक से इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मीडिया में खबर आने के व ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद भी प्रशासन नहीं चेता और अब एक मासूम को अपनी जान गंवानी पड़ी।
मौके पर नहीं पहुंचे जिम्मेदार अधिकारी
अस्पताल में मासूम की मौत के बाद करीब दो घंटे तक कोई भी प्रशासनिक जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा एवं परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे। बाद में मामला बिगड़ता देख जिम्मेदार अधिकारी व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुनिल कुमार बिष्ठ मौके पर पहुंचे और समझाईश की।
निचे दिए गए लिंक इज क्लिक कर देखे 28 नवंबर की पूरी खबर
http://balotranewstrack.blogspot.in/2014/11/blog-post_1.html
जसोल। कस्बे में शनिवार को ईलाज के दौरान एक मासूम बच्चे की जान चली गई। बच्चे की मौत के बार परिजनों व ग्रामीणों ने बच्चे के शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाने की मांग को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया और देर शाम तक लारपरवाह डॉक्टर को एपीओं करने की मांग पर अड़े रहे। मामले की जानकारी मिलने पर दो घंटे बाद पुलिस थानाधिकारी सुखराम विश्रोई मय जाब्ता मौके पर पहुंचे और हालात को संभालने की कोशिश की लेकिन परिजन डॉक्टर को एपीओं करने की मांग पर हीं अड़े रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह महेश पुत्र चंपालाल जाति प्रजापत निवासी जसोल उम्र 10 को लेकर उसके परिजन अस्पताल आए थे। इस दौरान डॉक्टर खेताराम ने मासूम को देखकर पर्ची पर इंजेक्शन और दवाईयां लिखी। इंजेक्शन लगाने के बाद मासूम की तबीयत बिगड़ गई और उसने अस्पताल में हीं दम तोड़ दिया।
दैनिक तरूण राजस्थान और बालोतरा न्यूज ट्रैक ने किया था आगाह
गौरतलब है कि जसोल के सरकारी अस्पताल में लापरवाहीं के शिकायतें पहले भी आ चुकी है और इसकों लेकर पहले भी परेशान मरीजों व ग्रामीणों ने हंगामा किया था लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत दैनिक तरूण राजस्थान और बालोतरा न्यूज ट्रैक को भी बताई थी तो हमने जिम्मेदार मीडिया होने के नाते उस खबर को दिनांक 28 नवंबर 2014 को ‘ग्रामीणों ने लगाया डॉक्टरों पर लापरवाहीं का आरोप’ नामक शीर्षक से इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मीडिया में खबर आने के व ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद भी प्रशासन नहीं चेता और अब एक मासूम को अपनी जान गंवानी पड़ी।
मौके पर नहीं पहुंचे जिम्मेदार अधिकारी
अस्पताल में मासूम की मौत के बाद करीब दो घंटे तक कोई भी प्रशासनिक जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा एवं परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे। बाद में मामला बिगड़ता देख जिम्मेदार अधिकारी व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुनिल कुमार बिष्ठ मौके पर पहुंचे और समझाईश की।
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