महेसाणा (गुजरात)। महेसाणा के ७७ वर्षीय रामचरण इंदौरा ने जीवन के एकाकीपन से जूझने के लिए पुनर्विवाह किया। उनकी दूसरी जीवनसंगिनी बनीं ५५ वर्षीय सुमित्रादेवी। इंदौरा की इस 'दूसरी पारी' की शुरुआत के साथ ही पिता-पुत्रों के रिश्तों के समीकरण बदल गए। बाप-बेटे साढ़ू बन गए हैं। नई मां के साथ वह बहू-बेटों के साथ ही रहते हैं। पिता का विवाह भी बड़े बेटे ने करवाया वो भी अपनी परित्यकता बड़ी साली के साथ।हालांकि इस संबंध के लिए रजामंदी देने में सुमित्रादेवी ने लंबा वक्त लिया। सुमित्रादेवी अब अपनी छोटी बहन की सास भी बन गई हैं।
कैसे जीऊंगा, यह पता है:
इंदौरापरिवार की नई मां घर के बड़े बेटे से पांच साल छोटी हैं। रामचरण कहते हैं कि यह फैसला अचरजभरा जरूर है, किंतु हमारे घर की वास्तविकता भी है। खैर, मैं कितना जीऊंगा पता नहीं, लेकिन ये जरूर पता है कि कैसे जीऊंगा। उम्र के इस पड़ाव में पुत्रवधुओं के सहारे जीवनपूर्ण करने के बजाय जीवनसंगिनी के साथ अंतिम समय बिताने के विचार ने मुझे पुनर्विवाह के लिए प्रेरित किया।
पहले था विरोध बाद में बेटे ने तलाशा:
सेवानिवृत्त रेलकर्मी रामचरणभाई के चार बेटे हैं। विधुर होने पर उन्होंने विवाह का प्रस्ताव घर में रखा तो चारों बेटों ने एक सुर में विरोध किया। बाद में बेटे ही पिता के लिए जीवन साथी की तलाश में लगे। बड़े बेटे चंद्रप्रकाश ने अपनी साली के साथ पिता की शादी करवाई। पेशे से वकील निरंजनभाई इंदौरा पिता रामचरणभाई के साथ महेसाणा में रहते हैं। बड़े बेटे ने कहा, आज सुमित्रादेवी हम चारों भाइयों की मां हैं। हम उनका सम्मान करते हैं।
सौजन्य दैनिक भास्कर
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(फोटो: विवाह के बाद रामचरण इंदौरा और उनकी दूसरी जीवनसंगिनी सुमित्रादेवी ) |
कैसे जीऊंगा, यह पता है:
इंदौरापरिवार की नई मां घर के बड़े बेटे से पांच साल छोटी हैं। रामचरण कहते हैं कि यह फैसला अचरजभरा जरूर है, किंतु हमारे घर की वास्तविकता भी है। खैर, मैं कितना जीऊंगा पता नहीं, लेकिन ये जरूर पता है कि कैसे जीऊंगा। उम्र के इस पड़ाव में पुत्रवधुओं के सहारे जीवनपूर्ण करने के बजाय जीवनसंगिनी के साथ अंतिम समय बिताने के विचार ने मुझे पुनर्विवाह के लिए प्रेरित किया।
पहले था विरोध बाद में बेटे ने तलाशा:
सेवानिवृत्त रेलकर्मी रामचरणभाई के चार बेटे हैं। विधुर होने पर उन्होंने विवाह का प्रस्ताव घर में रखा तो चारों बेटों ने एक सुर में विरोध किया। बाद में बेटे ही पिता के लिए जीवन साथी की तलाश में लगे। बड़े बेटे चंद्रप्रकाश ने अपनी साली के साथ पिता की शादी करवाई। पेशे से वकील निरंजनभाई इंदौरा पिता रामचरणभाई के साथ महेसाणा में रहते हैं। बड़े बेटे ने कहा, आज सुमित्रादेवी हम चारों भाइयों की मां हैं। हम उनका सम्मान करते हैं।
सौजन्य दैनिक भास्कर
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