कारखानों में उपलब्ध नही है सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध,हादसों के बाद भी सबक नही लेते है उद्यमी
बालोतरा। रिकों औद्योगिक क्षेत्र के तृतीय चरण स्थित एक कारखाने में ईटीपी संचालन कंपनी के दो श्रमिकों की प्लांट के कीचड में दब घुटने से मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस नें मौके पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया। सोमवार शाम करीब 5 बजे औद्योगिक क्षेत्र के मिलन मिल्स कारखाने में लगे ईटीपी (निजी ट्रीटमेंट प्लांट) की निर्माध एवं संचालन करने वाली जीरों डिस्चार्ज टेक्नोलोजी कोयम्बतूर कर्नाटक कंपनी के अधीन संचालन के लिए लगे श्रमिक ईटीपी प्लांट को साफ करने के लिए उपर लगे कीचड टैंक पर गए। जहां एक श्रमिक अंदर उतरा जिसका दम घूटकर तडपते देख उसके साथ खडा एक अन्य श्रमिक उसे बचाने के लिए अंदर उतरा। दोनो का ही दम घूटने से मौके पर ही मौत हो गई। आसपास खडे श्रमिको ने तत्काल उन्हें बाहर निकाला। तब तक इनका दम टूट चूका था। इसकी सूचना पुलिस को देकर दोनो श्रमिको को अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित किया। इसी कारखाने में ईटीपी पर कार्यरत श्रमिक से पुछताछ करने पर एक मृतक की शिनाख्त मनोजपाल 21 वर्ष पुत्र तेजपालसिंह निवासी ओरई जिला जालोन उतरप्रदेश के रूप में की गई। जबकि दूसरे मृतक की समाचार लिखे जाने तक शिनाख्त नही हो पाई। इस घटना की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी सुखाराम विश्नोई मय दल मौके पर पहुंचे तथा सूर्यास्त होने से शवों को मोर्चरी में रखवाया।
हादसो के बाद भी नही सबक---
औद्योगिक क्षेत्र के कारखानो में इस तरह की करीब आधा दर्जन घटनाओं में आधा दर्जन से ज्यादा युवा श्रमिक अपनी जान गंवा चुके है। लेकिन कारखाना संचालको के पास व कारखानों में बने कीचड टैंकरों की सफाई के दौरान सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त व उपकरण आज तक कहीं देखने को नजर नही आए। ऐसे ही हालात कारखानों में आगजनी के दौरान सुरक्षा के लिए आवश्यक आग बुझाने के गैस सिलेण्डरों व सुरक्षा कवच एवं अन्य संसाधन नहीं देखने को मिलते है। करोडो के कारोबारी सुरक्षा को लेकर कतई सजग नही होंने से हादसों में श्रमिको को मौत के मुंह में धकेला जाता है।
बालोतरा। रिकों औद्योगिक क्षेत्र के तृतीय चरण स्थित एक कारखाने में ईटीपी संचालन कंपनी के दो श्रमिकों की प्लांट के कीचड में दब घुटने से मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस नें मौके पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया। सोमवार शाम करीब 5 बजे औद्योगिक क्षेत्र के मिलन मिल्स कारखाने में लगे ईटीपी (निजी ट्रीटमेंट प्लांट) की निर्माध एवं संचालन करने वाली जीरों डिस्चार्ज टेक्नोलोजी कोयम्बतूर कर्नाटक कंपनी के अधीन संचालन के लिए लगे श्रमिक ईटीपी प्लांट को साफ करने के लिए उपर लगे कीचड टैंक पर गए। जहां एक श्रमिक अंदर उतरा जिसका दम घूटकर तडपते देख उसके साथ खडा एक अन्य श्रमिक उसे बचाने के लिए अंदर उतरा। दोनो का ही दम घूटने से मौके पर ही मौत हो गई। आसपास खडे श्रमिको ने तत्काल उन्हें बाहर निकाला। तब तक इनका दम टूट चूका था। इसकी सूचना पुलिस को देकर दोनो श्रमिको को अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित किया। इसी कारखाने में ईटीपी पर कार्यरत श्रमिक से पुछताछ करने पर एक मृतक की शिनाख्त मनोजपाल 21 वर्ष पुत्र तेजपालसिंह निवासी ओरई जिला जालोन उतरप्रदेश के रूप में की गई। जबकि दूसरे मृतक की समाचार लिखे जाने तक शिनाख्त नही हो पाई। इस घटना की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी सुखाराम विश्नोई मय दल मौके पर पहुंचे तथा सूर्यास्त होने से शवों को मोर्चरी में रखवाया।
हादसो के बाद भी नही सबक---
औद्योगिक क्षेत्र के कारखानो में इस तरह की करीब आधा दर्जन घटनाओं में आधा दर्जन से ज्यादा युवा श्रमिक अपनी जान गंवा चुके है। लेकिन कारखाना संचालको के पास व कारखानों में बने कीचड टैंकरों की सफाई के दौरान सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त व उपकरण आज तक कहीं देखने को नजर नही आए। ऐसे ही हालात कारखानों में आगजनी के दौरान सुरक्षा के लिए आवश्यक आग बुझाने के गैस सिलेण्डरों व सुरक्षा कवच एवं अन्य संसाधन नहीं देखने को मिलते है। करोडो के कारोबारी सुरक्षा को लेकर कतई सजग नही होंने से हादसों में श्रमिको को मौत के मुंह में धकेला जाता है।
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