बालोतरा। विश्व विख्यात नाकोड़ा तीर्थ पर वार्षिक पौष दशमी के मेले का शुभारंभ गुरुवार सुबह 10.45 बजे ध्वजारोहण के साथ होगा। मुख्य अतिथि बाड़मेर सभापति लूणकरण बोथरा व अध्यक्ष अमृतलाल जैन ने विधिवत रूप से किया। नाकोड़ातीर्थ पर पौष दशमी मेला अ_म तप का आयोजन 16 से 18 दिसंबर तक किया जाएगा। मेले के साथ अ_म तप का भी आयोजन रखा गया है। नाकोड़ा तीर्थ के अध्यक्ष अमृतलाल जैन ने बताया कि अ_म तपस्या के लिए भारत के विभिन्न स्थलों से करीब 1200 आराधक रहे हैं, जो निरंतर तीन दिवसीय उपवास कर विधि विधान के साथ तपाराधना करेंगे। जैन ने बताया कि तपस्वियों का धारणा 15 दिसंबर को उत्तर पारणा 19 को होगा। इसके अलावा भगवान पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक महोत्सव पर 17 को ध्वजा, वरघोड़ा आदि विभिन्न कार्यक्रम का आयोजित किए जाएंगे। रात 9 बजे हर वर्ष की भांति संघ सभा विशेष संगीत संध्या का आयोजन होगा।
संगीत संध्या के दौरान इंदौर के लवेश बुरड़ संगीत की मधुर प्रस्तुतियां देंगे। वहीं नाकोड़ा तीर्थ पर कलात्मक समोवसरण मंदिर का कार्य भी हो रहा है, जिसका प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव 2 फरवरी 2015 को होगा। महोत्सव के तहत 17 दिसंबर को सवेरे 11 बजे विभिन्न चढ़ावे बोले जाएंगे। कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर विभिन्न तरह की व्यवस्थाएं की जा रही है। तीर्थ परिसर को विभिन्न आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मेले के दौरान निश्रा राष्ट्रसंत आचार्य पदमसागरसूरीश्वर महाराज गच्छाधिपति आचार्य जिन कैलाशसागरसूरीश्वर महाराज की रहेगी। इनके साथ नूतन आचार्य देवेंद्रसागरसूरीश्वर महाराज, विवेकसागरसूरीश्वर महाराज, हेमचंद्रसागरसूरीश्वर महाराज विमलसागरसूरीश्वर महाराज का सान्निध्य भी प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि मेले को लेकर 17 दिसंबर की नवकारसी तथा 16 18 दिसंबर की प्रसादी तथा अ_म तपस्या के धारणा एवं पारणे का लाभ मंजुलाबेन पारसमल निवासी तखतगढ़ हाल मुंबई ने लिया है।
संगीत संध्या के दौरान इंदौर के लवेश बुरड़ संगीत की मधुर प्रस्तुतियां देंगे। वहीं नाकोड़ा तीर्थ पर कलात्मक समोवसरण मंदिर का कार्य भी हो रहा है, जिसका प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव 2 फरवरी 2015 को होगा। महोत्सव के तहत 17 दिसंबर को सवेरे 11 बजे विभिन्न चढ़ावे बोले जाएंगे। कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर विभिन्न तरह की व्यवस्थाएं की जा रही है। तीर्थ परिसर को विभिन्न आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मेले के दौरान निश्रा राष्ट्रसंत आचार्य पदमसागरसूरीश्वर महाराज गच्छाधिपति आचार्य जिन कैलाशसागरसूरीश्वर महाराज की रहेगी। इनके साथ नूतन आचार्य देवेंद्रसागरसूरीश्वर महाराज, विवेकसागरसूरीश्वर महाराज, हेमचंद्रसागरसूरीश्वर महाराज विमलसागरसूरीश्वर महाराज का सान्निध्य भी प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि मेले को लेकर 17 दिसंबर की नवकारसी तथा 16 18 दिसंबर की प्रसादी तथा अ_म तपस्या के धारणा एवं पारणे का लाभ मंजुलाबेन पारसमल निवासी तखतगढ़ हाल मुंबई ने लिया है।
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