जसोल। स्थानीय श्रीयादे मन्दिर के पास, अरिहन्त नगर में समस्त ग्रामवासियों की ओर से आयोजित की जा रही भागवत कथा के दूसरे दिन बाल साध्वी प्रेम बाईसा के मुखारबिंद राम जी रो नाम म्हानें मीठो घणों लागे भजन के साथ प्रारम्भ हुई जिसमें सुखदेव जी महाराज के और राजा प्रेक्षित के जन्म की कथा का वर्णन किया गया। जिसके दौरान बताया कि बच्चे की प्रथम गुरू माँ होती है और मानव जीवन का आधार सत्संग होता है जिस प्रकार भूख मिटाने के लिए भोजन स्वयं को करना पड़ता है ठीक उसी प्रकार आत्मा की शांति के लिए भजन स्वयं को करना पड़ता है। मुक्ति का मार्ग ही सत्संग है। दु:ख को सहन करने वाला मनुष्य हमेशा बड़ा होता है। सुख-दुख तो संसार का नियम है सुख के बाद दु:ख आता है व दु:ख के बाद सुख आता है जैसे रात्रि के बाद दिन होता है।
आत्मघाती व्यक्ति ही महापापी होता ळे और ऐसा करने वाला मनुष्य नरक में प्रवेश करता है कथा के दौरान घेवरचंद गहलोत, मोहनलाल प्रजापत, चम्पालाल पालीवाल, रामेश्वरलाल भूतड़ा, नरपत सोलंकी, देवेन्द्र दवे, धर्माराम घांची, विरेन्द्र माली, सहित सहित ग्रामवासी उपस्थित थे। झांकी रही आकर्षण का केन्द्र- दूसरे दिन कथा के दौरान सुखदेव जी महाराज व राजा प्रेक्षित के जन्म पर आधारित झांकी आकर्षण का केन्द्र बनी तथा शिव पार्वती व नारद मुनि की झांकी से श्रावक भाव-विभोर हो गए।
प्रभात फेरी निकाली -
कथा स्थल से महंत विरमनाथ जी महाराज व प्रेम बाईसा के सानिध्य में प्रभात फेरी निकाली गई जो श्रीयादे मन्दिर से होती हुई शनिदेव भगवान मन्दिर तक पहुँची। जिसमें संकीर्तन करते हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
आत्मघाती व्यक्ति ही महापापी होता ळे और ऐसा करने वाला मनुष्य नरक में प्रवेश करता है कथा के दौरान घेवरचंद गहलोत, मोहनलाल प्रजापत, चम्पालाल पालीवाल, रामेश्वरलाल भूतड़ा, नरपत सोलंकी, देवेन्द्र दवे, धर्माराम घांची, विरेन्द्र माली, सहित सहित ग्रामवासी उपस्थित थे। झांकी रही आकर्षण का केन्द्र- दूसरे दिन कथा के दौरान सुखदेव जी महाराज व राजा प्रेक्षित के जन्म पर आधारित झांकी आकर्षण का केन्द्र बनी तथा शिव पार्वती व नारद मुनि की झांकी से श्रावक भाव-विभोर हो गए।
प्रभात फेरी निकाली -
कथा स्थल से महंत विरमनाथ जी महाराज व प्रेम बाईसा के सानिध्य में प्रभात फेरी निकाली गई जो श्रीयादे मन्दिर से होती हुई शनिदेव भगवान मन्दिर तक पहुँची। जिसमें संकीर्तन करते हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
जीवन परिचय क्या है
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