हिसार। बरवाला के विवादित संत रामपाल के आश्रम को लेकर एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। रामपाल की गिरफ्तारी के बाद बुधवार देर रात जब पुलिस ने आश्रम की तलाशी ली तो उसके होश उड़ गए।
तलाशी के दौरान पुलिस ने महिला शौचालयों से कंडोम, खूफिया कैमरे, नशीली दवाएं, जहरीली गैसें और भारी तादाद में अश्लील साहित्य बरामद किया है। एक प्रमुख हिन्दी समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक आश्रम में महिलाओं पर कैमरे से नजर रखी जाती थी। आश्रम के मुख्य द्वार के साथ बने महिला शौचालय के बाहर लगे कैमरे का मुंह भी अंदर की तरफ किया गया था। शौचालय में पुलिस को कंडोम भी मिले हैं। बताया जाता है ये नजारा देखकर वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। रामपाल की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने लाउडस्पीकर के जरिए लोगों से बाहर निकलने को कहा तो कोई भी बाहर नहीं निकला। पुलिस ने गेट पर जाकर जांच की। कोई भी गेट नहीं खुला। उसक बाद दरवाजे के बाहर बने महिला शौचालय की जांच शुरू की तो वहां जो पुलिस ने देखा उसने पुलिस के होश उड़ा दिए।
कमांडो करते थे महिलाओं से रेप
पुलिस सूत्रों के अनुसार बुधवार को आश्रम से बाहर आई महिलाओं ने भी चौकाने वाले खुलासे किए हैं। महिलाओं का कहना था कि रामपाल के कमांडो उनसे दुराचार करते थे।विरोध करने पर कई दिनों तक पहनने को कपड़ा तक नहीं दिया जाता था। ऎसी जगह रखते थे कि किसी तक भी उनकी आवाज नहींपहुंच पाती थी। आश्रम से बाहर आए समर्थकों ने बताया कि उन्हें एक एक टाइम भोजन दिया जाता था। बच्चों के लिए दूध भी नहीं था। जब खाना और दूध मांगते थे तो उन्हें दुत्कार मिलती थी। ऎसे में जैसे-तैसे आश्रम में रहकर आजाद होने की दुआ करते थे। वहीं दूसरी ओर सूत्र १२ एकड़ में फैले रामपाल के आश्रम को अवैध बताते हैं। सूत्रों का कहना है कि रामपाल का आश्रम कैसे खड़ा हो गया। ये आज तक कोई समझ नहीं पाया। आश्रम के कागज खंगाले गए तो तब इसके अवैध होने का पता चला। अवैध रूप से तैयार हुआ ये आश्रम अब पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है।
सतलोक आश्रम में बंद महिलाओं ने बताई आपबीती
हिसार। आश्रम से बाहर आई महिलाएं फफक पड़ीं। उनके चेहरों पर सूजन और चोटों के निशान देख साफ लग रहा था कि उन्हें किन हालात में बंधक बनाकर रोका गया था। बाहर आए लोगों को हरियाणा रोडवेज की बसों से हिसार रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया।
महिलाओं-बच्चों को किया था अलग
हमसे कहा गया था कि आश्रम में सत्संग है। वहां परमात्मा के दर्शन होंगे और प्रसाद में पैसे मिलेंगे। हम परिवार के साथ आ गए। तीन दिन पहले हमारे बच्चों और महिलाओं को अलग कर दिया गया। सामान भी जमा करवा लिया।
(स्टेशन पर बिहार निवासी रामेहर, रामदीन, मुकदीराम और अर्जुन पांडे ने जैसा बताया)
सारा पैसा ले लिया, किराया तक नहीं
हमारे पास अपने घर तक जाने के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं है। दो-दो हजार रूपए लेकर आए थे। वो तो ५ नवंबर को आश्रम में प्रवेश के समय ही जमा करा लिए गए थे। सोने की अंगूठी, चेन और महिलाओं के जेवर भी जमा हैं।
(आश्रम से बाहर आए मप्र के अनिल जैन, विक्रम सिंह और राधारमन ने जैसा बताया)
प्रसाद खाया, फिर कुछ नहीं मालूम
हमें प्रसाद दिया था। उसे खाने के थोड़ी ही देर बाद नशा हो गया था। इसके बाद हमें कुछ नहीं मालूम कि हमारे साथ क्या किया जा रहा है। प्रसाद ऎसा होता है कि उससे दिमागी संतुलन ही बिगड़ जाता है।
(बीकानेर के चिरंजी, बिरमो, जयपुर की रोशनी व उदयपुर की राजबाला ने बताया)
बिजली-पानी बंद, डर में गुजारे दो दिन
पुलिस कार्रवाई शुरू होने के बाद आश्रम में बिजली-पानी बंद कर दिया। राशन भी कम होने लगा था। दो दिन डर-डर के गुजारे। पुलिस के इस ऎलान के बाद बाहर निकले कि हमें सुरक्षित पहुंचाया जाएगा।
(जैसा बुधवार को घर पहुंचे बाड़मेर जिले के राठौड़न निवासी काछबाराम ने बताया)
तलाशी के दौरान पुलिस ने महिला शौचालयों से कंडोम, खूफिया कैमरे, नशीली दवाएं, जहरीली गैसें और भारी तादाद में अश्लील साहित्य बरामद किया है। एक प्रमुख हिन्दी समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक आश्रम में महिलाओं पर कैमरे से नजर रखी जाती थी। आश्रम के मुख्य द्वार के साथ बने महिला शौचालय के बाहर लगे कैमरे का मुंह भी अंदर की तरफ किया गया था। शौचालय में पुलिस को कंडोम भी मिले हैं। बताया जाता है ये नजारा देखकर वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। रामपाल की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने लाउडस्पीकर के जरिए लोगों से बाहर निकलने को कहा तो कोई भी बाहर नहीं निकला। पुलिस ने गेट पर जाकर जांच की। कोई भी गेट नहीं खुला। उसक बाद दरवाजे के बाहर बने महिला शौचालय की जांच शुरू की तो वहां जो पुलिस ने देखा उसने पुलिस के होश उड़ा दिए।
कमांडो करते थे महिलाओं से रेप
पुलिस सूत्रों के अनुसार बुधवार को आश्रम से बाहर आई महिलाओं ने भी चौकाने वाले खुलासे किए हैं। महिलाओं का कहना था कि रामपाल के कमांडो उनसे दुराचार करते थे।विरोध करने पर कई दिनों तक पहनने को कपड़ा तक नहीं दिया जाता था। ऎसी जगह रखते थे कि किसी तक भी उनकी आवाज नहींपहुंच पाती थी। आश्रम से बाहर आए समर्थकों ने बताया कि उन्हें एक एक टाइम भोजन दिया जाता था। बच्चों के लिए दूध भी नहीं था। जब खाना और दूध मांगते थे तो उन्हें दुत्कार मिलती थी। ऎसे में जैसे-तैसे आश्रम में रहकर आजाद होने की दुआ करते थे। वहीं दूसरी ओर सूत्र १२ एकड़ में फैले रामपाल के आश्रम को अवैध बताते हैं। सूत्रों का कहना है कि रामपाल का आश्रम कैसे खड़ा हो गया। ये आज तक कोई समझ नहीं पाया। आश्रम के कागज खंगाले गए तो तब इसके अवैध होने का पता चला। अवैध रूप से तैयार हुआ ये आश्रम अब पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है।
सतलोक आश्रम में बंद महिलाओं ने बताई आपबीती
हिसार। आश्रम से बाहर आई महिलाएं फफक पड़ीं। उनके चेहरों पर सूजन और चोटों के निशान देख साफ लग रहा था कि उन्हें किन हालात में बंधक बनाकर रोका गया था। बाहर आए लोगों को हरियाणा रोडवेज की बसों से हिसार रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया।
महिलाओं-बच्चों को किया था अलग
हमसे कहा गया था कि आश्रम में सत्संग है। वहां परमात्मा के दर्शन होंगे और प्रसाद में पैसे मिलेंगे। हम परिवार के साथ आ गए। तीन दिन पहले हमारे बच्चों और महिलाओं को अलग कर दिया गया। सामान भी जमा करवा लिया।
(स्टेशन पर बिहार निवासी रामेहर, रामदीन, मुकदीराम और अर्जुन पांडे ने जैसा बताया)
सारा पैसा ले लिया, किराया तक नहीं
हमारे पास अपने घर तक जाने के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं है। दो-दो हजार रूपए लेकर आए थे। वो तो ५ नवंबर को आश्रम में प्रवेश के समय ही जमा करा लिए गए थे। सोने की अंगूठी, चेन और महिलाओं के जेवर भी जमा हैं।
(आश्रम से बाहर आए मप्र के अनिल जैन, विक्रम सिंह और राधारमन ने जैसा बताया)
प्रसाद खाया, फिर कुछ नहीं मालूम
हमें प्रसाद दिया था। उसे खाने के थोड़ी ही देर बाद नशा हो गया था। इसके बाद हमें कुछ नहीं मालूम कि हमारे साथ क्या किया जा रहा है। प्रसाद ऎसा होता है कि उससे दिमागी संतुलन ही बिगड़ जाता है।
(बीकानेर के चिरंजी, बिरमो, जयपुर की रोशनी व उदयपुर की राजबाला ने बताया)
बिजली-पानी बंद, डर में गुजारे दो दिन
पुलिस कार्रवाई शुरू होने के बाद आश्रम में बिजली-पानी बंद कर दिया। राशन भी कम होने लगा था। दो दिन डर-डर के गुजारे। पुलिस के इस ऎलान के बाद बाहर निकले कि हमें सुरक्षित पहुंचाया जाएगा।
(जैसा बुधवार को घर पहुंचे बाड़मेर जिले के राठौड़न निवासी काछबाराम ने बताया)
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