शहीद सम्मान यात्रा
तीन शहीदों तथा एक दिव्यांग के आश्रित को मिला सरकारी सेवा का सम्बल
दो विद्यालयों का नामकरण भी शहीदों के नाम से
जयपुर,
21 जून। राज्य सरकार द्वारा झुंझुनू जिले के तीन शहीदों तथा एक स्थाई
दिव्यांग के आश्रित को दो माह की अवधि में नौकरी देकर शहीद के परिजनों के
प्रति सम्मान प्रकट किया गया है। इसके साथ ही जिले में दो विद्यालयों का
नामकरण शहीदों के नाम से किया गया है। उन्होेंने बताया कि शहीदों के गांव
में उनकी मूर्तियां लगाने का काम भामाशाहों के सहयोग से किया जायेगा।
सैनिक
कल्याण सहलाकार समिति के अध्यक्ष श्री प्रेम सिंह बाजौर झुंझुनू जिले में
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर देश में पहली बार संचालित
शहीद सम्मान यात्रा के दौरान शहीदों के घर-घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात
कर शहीदों को श्रृद्धांजलि देने के साथ-साथ उनके परिवार के सुख-दुःख भी
बांट रहे हैं। राज्य सरकार का संकल्प है कि देश के लिए अपना सर्वस्व
न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करने के साथ ही उनके
परिजनों को भी सहयोग और सम्बल दिया जायेगा।
श्री
बाजौर ने बताया कि शहीद सम्मान यात्रा के प्रथम चरण में जब वे अप्रैल माह
में झुंझुनू जिले की चार पंचायत समिति में शहीदों के घर-घर गए थे, तब इन
शहीद परिवारों के आश्रितों ने नौकरी की मांग की थी। उन्होंने बताया कि
ढीलसर गांव के शहीद भंवरलाल के लड़के जोगेन्द्र को, ढिगाल गांव के शहीद अजय
सिंह की वीरांगना मीना को, हमीनपुर के शहीद महेन्द्र सिंह की वीरांगना
सुमित्रा को और क्यामसर के स्थाई रूप से दिव्यांग नायक ईकराज नवी के लड़के
मोहम्मद बिलाल को राज्य सरकार की नौकरी लगाकर बहुत बड़ा संबल प्रदान किया
है।
इसी प्रकार शहीद सम्मान यात्रा के प्रथम चरण
के दौरान बसेरा की ढाणी के शहीद महेन्द्र सिंह के परिजनों ने सोनासर के
विद्यालय का नाम शहीद के नाम करने तथा मिठवास के शहीद संतपाल सिंह के
परिजनों ने गांव के विद्यालय का नामकरण शहीद के नाम पर करने की मांग रखी
थी, जिसको राज्य सरकार द्वारा पूरा कर दिया गया है। इसी प्रकार वीरांगना
श्रीमती बनारसी देवी को भी वन रैंक वन पेंशन के एरियर का भुगतान कर दिया
गया है।
उन्होंने कहा कि वे झुंझुनू जिले के 500
के लगभग शहीदों के घर-घर जाकर उनकी समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं और प्रथम
चरण की अधिकतर समस्याओं का समाधान प्रक्रियाधीन है। वे दूसरे चरण की शहीद
सम्मान यात्रा के दूसरे दिन चिड़ावा एवं सूरजगढ़ पंचायत समिति के 12 गांवों
के 15 शहीदों के गांवों में वहां आयोजित सम्मान समारोह में ग्रामीणों को
सम्बोधित कर रहे थे।
सैनिक कल्याण सलाहाकर
समिति के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में 1600 के लगभग शहीद हैं, जिनमें से
अधिकांश की मूर्तियां नहीं लगी हुई हैं। इन सभी शहीदों की मूर्तियां लगवाने
का काम वे भामाशाहों के सहयोग से करेंगे। इन मूर्ति स्थलों की चार दीवारी
का निर्माण क्षेत्रीय विधायकों के विधायक कोटे से करवाए जाने का प्रयास
करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस गांव में शहीद है, वह गांव भी धन्य है और उनके
माता-पिता भी धन्य हैं, जिन्होंने अपने लाडले को देश की सीमा पर अपने
प्राणों की आहूति देने के लिए भेजा। जवानों ने देश की सीमा पर जो कुर्बानी
दी है, उसको कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने जिले की भाटीवाड एवं टौंक
छिलरी गांव के शहीदों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के लोग आज भी उन्हें
देवता के रूप में पूजते हैं। उन्होंने शहीदों को गांव ही नहीं बल्कि जिले,
प्रदेश एवं देश का गौरव बताते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने की सलाह भी
दी। जिन गांवों में शहीदों की मूर्तियां नहीं बनी हुई हैं, उनके परिजनों से
कहा कि वे इन मूिर्तयों की स्थापना करवाने की पहल करें।
इन कार्यक्रमों में चिड़ावा पंचायत समिति प्रधान श्री कैलाश मेघवाल, सूरजगढ़
प्रधान श्री सुभाष पूनियां और श्री विश्म्भर पूनियां ने मुख्यमंत्री को
ऎसी अनूठी पहल के कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री बाजौर
ने देश में ऎसे पहले कार्यक्रम की शुरूआत झुंझुनू जिले से की है, जो हमारे
लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि श्री बाजौर पहले राज्य मंत्री है, जो
शहीदों के घर-घर जाकर उनकी समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं। तिगियास गांव
में गौरव सैनिक सज्जन सिंह पूनियां ने मांग की कि राज्य स्तर पर गौरव
सैनानियों के बकाया मामलों के निपटारे के लिए जो न्यायालय खोला गया है।
उसमें न्यायाधीश की नियुक्ति शीघ्र करवाएं, ताकि गौरव सैनिकों की समस्याओं
का समाधान जल्द हो सके।
इन कार्यक्रमों के दौरान
लाम्बा में मनीराम, बुडानियां में देवकरण और ढंढारिया में सुबेदार
नत्थुराम की मूर्तियों पर श्री प्रेमसिंह बाजौर ने माला चढ़ाकर
श्रृंद्धाजंलि अर्पित की। वहीं मालीगांव के श्री भागीरथ सिंह एवं सुबेदार
श्री जयिंसंह, अलीपुर के श्री रामजीलाल, बाघपुरा के श्री हरफूल सिंह,
तिगियास के श्री मेहरचंद, ढंढार के श्री कुम्भाराम, कुल्हरियों का बास के
श्री बजरंग लाल, रायला के श्री चंदगीराम, पिलानी के मेजर प्रदीप शर्मा व
गुलाब देवी, पांथरिया के श्री चन्द्रभान, धींधवा के श्री रामस्वरूप व श्री
धर्मपाल सिंह की वीरांगनाओं का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
श्री
बाजौर अगले 11 दिन में चिड़ावा, सूरजगढ़, बुहाना एवं खेतड़ी पंचायत समितियों
के 150 गांवों के 225 शहीदों के घर-घर जाकर उनकी समस्याओं से रूबरू होंगे
तथा शहीदों की वीरांगनाओं का शाल ओढ़ाकर सम्मान भी करेंगे। इस दौरान जहां
शहीद की मूर्तियां बनी हुई हैं उन मूर्तियों पर वे माला चढ़ाकर उन्हें राज्य
सरकार की ओर से श्रंद्धाजलि भी अर्पित करेंगे।
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