वृक्ष कुन्जों व
स्मृति वनों में स्थानीय प्रजातियों के छायादार पौधे लगाये जायें
- वन मंत्री
जयपुर,
आगामी वर्षा ऋतु में प्रस्तावित वृक्षारोपण से पूर्व मुख्य मंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों, विभिन्न योजनाओं विशेषकर नाबार्ड, कैम्पा, आयोजना एवं मनरेगा के अन्तर्गत किये जाने वाले वृक्षारोपण, वृक्ष कुंज, शहरी वनीकरण की तैयारियों की राज्य स्तर पर समीक्षा किये जाने हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक(हॉफ) राजस्थान जयपुर श्री ए0के0 गोयल की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आज अरण्य भवन में आयोजित की गयी।
श्री गोयल ने संभागीय मुख्य वन संरक्षकों के साथ बैठक कर प्रदेश की पौधशालाओं की स्थिति, पौधारोपण की तैयारी, बजट घोषणाओं त्रिपुरा सुन्दरी, बाड़मेर हिली, सुंघामाता, शाहबाद किला तथा भरखमात में स्मृति वनों की स्थापना की प्रगति व अन्य धोषणाओं की प्रगति आदि विषयों की समीक्षा की व इनके तत्काल क्रियान्वयन के निर्देश दिये।
बैठक को वन मंत्री श्री गजेन्द्र सिहं खींवसर ने भी सम्बोधित किया व अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्षा ऋतु के दौरान 940 वृक्ष कुन्जों व 69 स्मृति वनों की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रजातियों के छायादार पौधे विशेषकर बड़, पीपल, नीम, जामुन व सिरस आदि के छायादार पौधे लगाये जायें। उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री जल स्वावलम्बन के तहत 15 हजार से अधिक जल संरक्षण कार्य करवाये जा रहे हैं।
बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री ए0के0 गोयल ने बताया कि मुख्य मंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत लगभग 60 लाख पौधे रोपण का कार्य किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वर्षा ऋतु के दौरान 940 वृक्ष कुन्जों व स्मृति वनों की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रजातियों के छायादार पौधे लगाये जायें।
उन्होंने वन मंत्री को अवगत कराया कि इस वर्षाकाल में वन विभाग विभिन्न जिलों में 33 हजार 348 हैक्टेयर भूमि में विभिन्न योजनाओं के तहत वृक्षारोपण करेगा। इसके तहत विभिन्न प्रजातियों के एक करोड़ पौधे रोपित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग की विभिन्न पौधशालाओं में वर्षाकाल में वितरण हेतु 3 करोड़ 7 लाख पौधे उपलबध हैं जिनका वितरण एक जुलाई से शुरू होगा। ----
जयपुर,
आगामी वर्षा ऋतु में प्रस्तावित वृक्षारोपण से पूर्व मुख्य मंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों, विभिन्न योजनाओं विशेषकर नाबार्ड, कैम्पा, आयोजना एवं मनरेगा के अन्तर्गत किये जाने वाले वृक्षारोपण, वृक्ष कुंज, शहरी वनीकरण की तैयारियों की राज्य स्तर पर समीक्षा किये जाने हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक(हॉफ) राजस्थान जयपुर श्री ए0के0 गोयल की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आज अरण्य भवन में आयोजित की गयी।
श्री गोयल ने संभागीय मुख्य वन संरक्षकों के साथ बैठक कर प्रदेश की पौधशालाओं की स्थिति, पौधारोपण की तैयारी, बजट घोषणाओं त्रिपुरा सुन्दरी, बाड़मेर हिली, सुंघामाता, शाहबाद किला तथा भरखमात में स्मृति वनों की स्थापना की प्रगति व अन्य धोषणाओं की प्रगति आदि विषयों की समीक्षा की व इनके तत्काल क्रियान्वयन के निर्देश दिये।
बैठक को वन मंत्री श्री गजेन्द्र सिहं खींवसर ने भी सम्बोधित किया व अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्षा ऋतु के दौरान 940 वृक्ष कुन्जों व 69 स्मृति वनों की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रजातियों के छायादार पौधे विशेषकर बड़, पीपल, नीम, जामुन व सिरस आदि के छायादार पौधे लगाये जायें। उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री जल स्वावलम्बन के तहत 15 हजार से अधिक जल संरक्षण कार्य करवाये जा रहे हैं।
बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री ए0के0 गोयल ने बताया कि मुख्य मंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत लगभग 60 लाख पौधे रोपण का कार्य किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वर्षा ऋतु के दौरान 940 वृक्ष कुन्जों व स्मृति वनों की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रजातियों के छायादार पौधे लगाये जायें।
उन्होंने वन मंत्री को अवगत कराया कि इस वर्षाकाल में वन विभाग विभिन्न जिलों में 33 हजार 348 हैक्टेयर भूमि में विभिन्न योजनाओं के तहत वृक्षारोपण करेगा। इसके तहत विभिन्न प्रजातियों के एक करोड़ पौधे रोपित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग की विभिन्न पौधशालाओं में वर्षाकाल में वितरण हेतु 3 करोड़ 7 लाख पौधे उपलबध हैं जिनका वितरण एक जुलाई से शुरू होगा। ----
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