Followers

Friday, April 4, 2014

पैम्पलेट-पोस्टर पर मुद्रक का नाम न होने पर होगी प्रेस जब्त

लोक सभा चुनाव 2014
बाड़मेर। जिले में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रिटिंग प्रेस मालिकों द्वारा पैम्पलेट व पोस्टर के प्रकाशन के दौरान उन पर मुद्रक का नाम नहीं होने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसके तहत प्रिटिंग प्रेस की जब्तगी, जर्माना, कारावास आदि शामिल है।
जिला मजिस्ट्रेट तथा जिला निर्वाचन अधिकारी भानुप्रकाष एटूरू ने लोकसभा चुनाव-2014 के दौरान पैम्पलेटों एवं पोस्टरों आदि के मुद्रण पर नियंत्रण संबंधी दिशा निर्देश दिए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोकसभा आम चुनाव संपन्न कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इसके अनुसार बाड़मेर जिले में 17 अप्रेल को मतदान होगा और निर्वाचन प्रक्रिया 17 मई तक पूर्ण होगी। लोकसभा आम चुनाव के सिलसिले में विभिन्न राजनैतिक दलों, अभ्यार्थियों, उनके समर्थकों, कार्यकर्ताओं, व्यक्तियों, संगठनों द्वारा पेम्पलेट, पोस्टर, विज्ञापन, हैण्डबिल आदि के प्रकाशित कराने के लिए मुद्रित करवाया जाना संभावित है, जो किसी राजनैतिक दल एवं अभ्यर्थी के पक्ष में या विपक्ष में चुनाव अभियान को प्रोत्साहित करने वाले हो सकते है।
उन्होंने बताया कि ऐसे पेम्पलेटो, पोस्टरों आदि के मुद्रण पर नियंत्रण के संबंध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की 1951 की धारा 127-क के प्रावधानों पर ध्यान देना आवश्यक है। इसमें कोई भी व्यक्ति किसी ऐसे निर्वाचन पेम्पलेट या पोस्टरों को प्रकाशित या मुद्रित नहीं करेगा अथवा नहीं करवाएगा, जिसके मुख पर उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता नही दिया गया हो। कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचक पेम्पलेट या पोस्टर का मुद्रण तब तक नहीं करेगा या करवाएगा जब तक कि उसके प्रकाशन के पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों द्वारा जिनको वह व्यक्तिगत रूप से जानता हो, सत्यापित कर दो प्रतियों में उसके मुद्रक को नहीं दे दी जाती। किसी दस्तावेज की प्रतियों की संख्या बढाने के लिए हाथ द्वारा नकल करने को छोड़कर कोई भी प्रक्रिया को मुद्रक समझा जाएगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के प्रावधानों एवं निर्देशानुसार यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि मुद्रित प्रत्येक निर्वाचक पेम्पलेट, पोस्टर या ऐसी अन्य सामग्री पर मुद्रकीय हाशिये में उसके मुद्रक एवं प्रकाशको के नाम एवं पते स्पष्ट रूप से अंकित किए जाए। इसके साथ निर्धारित प्रपत्र में प्रकाशक के हस्ताक्षरित घोषणा पत्र होगा और ऐसे दो व्यक्तियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा जो प्रकाशक को व्यक्तिगत रूप से जानते हो। प्रकाशक की घोषणा और मुद्रित सामग्री की चार प्रतियंा उसके मुद्रित किए जाने के तीन दिनों के भीतर जिला मजिस्ट्रेट को प्रेषित करना आवश्यक होगा।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का किसी भी प्रकार से उल्लघंन या अतिक्रमण किए जाने पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी जिसमें मुद्रणालयों के अनुज्ञापत्र को समाप्त कर जब्तगी किए जाने की कार्यवाही के शामिल होने के साथ ही कारावास एवं जुर्माना का प्रावधान है। कारावास छः माह तक तथा जुर्माना दो हजार रूपये तक बढ़ाया जा सकता है या दोनों सहित दण्डनीय भी हो सकता है।

No comments:

Post a Comment

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

सर्व समाज ने दिया ज्ञापन

हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार को लेकर सर्व समाज द्वारा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन बालोतरा वफ्फ बिल के विरोध की आड़ में सुनिश्चित योजना...