थार की धार (भगाराम पंवार)
बालोतरा। भाजपा से बागी निर्दलीय उम्मीदवार जसवंतसिंह जसोल की रैलीया व उनके समर्थकों का जोश हालियां दिनों में देखने को मिल रहा है जिससे भाजपा को सीधे तौर पर नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है। जसवंतसिंह के निर्दलीय ताल ठोकने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस सीट को अपनी मूछ का सवाल दिया है तो इधर कांग्रेस ने भी कर्नल सोनाराम चौधरी को सब सिखाने का मन बना दिया है।
इस चुनाव में मतदाताओं के साथ दोनों हीं मुख्य पार्टियों के कार्यकर्ता जो भाजपा के उम्मीदवार कर्नल सोनाराम को मात देने के लिए एड़ी से चोटी जितना जोर लगा रहे है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान से जसवंतसिंह जसोल के समर्थन में फतवें जारी हो रहे है। इन चुनावों में भाजपा के कद्दावार व कांग्रेस के कद्दावर नेताओं कर्नल सोनाराम की नारागजी के चलते ये चुनावों में ‘जीसा’ को समर्थन देने की बात कर रहे है। एक तरफ तो कई कांग्रेसी व भाजपाई नेता दबी जुबान में लोगों से मारवाड़ी में कह रहे है कि ‘थाने जचे तो म्हारी पार्टी ने वोट जरूर दिजों नहीं तो पर जीसा ऊ मत चूकजों ’।
कांग्रेस व भाजपा के नाराज चल रहे कार्यकर्ता व लोगों के तो जुबान पर यहीं बोल चल रहे है। अब रहीं बात चुनावी मैदान की तो जसवंतसिंह अब भी कर्नल पर भारी पड़ रहे है। इसलिए तो मुख्यमंत्री ने बाड़मेर जिले में जातिगत व प्रदेश नेताओं के साथ नरेंद्र मोदी तक की सभा भी उनके गृह क्षेत्र बालोतरा में करवाई। फिर भी वसुंधरा राजे भरोसा नहीं हो रहा है कि कर्नल जितेंगे या नहीं।
इधर कांग्रेस में भी छन-छन कर आ रहीं खबरों के अनुसार जसवंतसिंह को समर्थन करने के लिए राहुल गांधी की जनसभा को निरस्त किया गया है। अब ये हाल है बाड़मेर सीट का अब आप अनुमान लगा सकते है बाड़मेर की सीट भाजपा के मुसीबत, जसवंतसिंह के लिए प्रतिष्ठा, तो कांग्रेस के लिए मात्र उम्मीद हीं लग रहीं है। हालांकी जसवंतसिंह को जातिगत मतदाताओं का भी समर्थन मिल रहा है, सरहदी इलाकों में अच्छा प्रभाव देखा जा रहा है। इधर नरेंद्र मोदी की रैली के बाद भी जसवंतसिंह जसोल भाजपा पर भारी पड़ रहे है तो भाजपा में इसको लेकर चिंता सता रहीं है।
बालोतरा। भाजपा से बागी निर्दलीय उम्मीदवार जसवंतसिंह जसोल की रैलीया व उनके समर्थकों का जोश हालियां दिनों में देखने को मिल रहा है जिससे भाजपा को सीधे तौर पर नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है। जसवंतसिंह के निर्दलीय ताल ठोकने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस सीट को अपनी मूछ का सवाल दिया है तो इधर कांग्रेस ने भी कर्नल सोनाराम चौधरी को सब सिखाने का मन बना दिया है।
इस चुनाव में मतदाताओं के साथ दोनों हीं मुख्य पार्टियों के कार्यकर्ता जो भाजपा के उम्मीदवार कर्नल सोनाराम को मात देने के लिए एड़ी से चोटी जितना जोर लगा रहे है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान से जसवंतसिंह जसोल के समर्थन में फतवें जारी हो रहे है। इन चुनावों में भाजपा के कद्दावार व कांग्रेस के कद्दावर नेताओं कर्नल सोनाराम की नारागजी के चलते ये चुनावों में ‘जीसा’ को समर्थन देने की बात कर रहे है। एक तरफ तो कई कांग्रेसी व भाजपाई नेता दबी जुबान में लोगों से मारवाड़ी में कह रहे है कि ‘थाने जचे तो म्हारी पार्टी ने वोट जरूर दिजों नहीं तो पर जीसा ऊ मत चूकजों ’।
कांग्रेस व भाजपा के नाराज चल रहे कार्यकर्ता व लोगों के तो जुबान पर यहीं बोल चल रहे है। अब रहीं बात चुनावी मैदान की तो जसवंतसिंह अब भी कर्नल पर भारी पड़ रहे है। इसलिए तो मुख्यमंत्री ने बाड़मेर जिले में जातिगत व प्रदेश नेताओं के साथ नरेंद्र मोदी तक की सभा भी उनके गृह क्षेत्र बालोतरा में करवाई। फिर भी वसुंधरा राजे भरोसा नहीं हो रहा है कि कर्नल जितेंगे या नहीं।
इधर कांग्रेस में भी छन-छन कर आ रहीं खबरों के अनुसार जसवंतसिंह को समर्थन करने के लिए राहुल गांधी की जनसभा को निरस्त किया गया है। अब ये हाल है बाड़मेर सीट का अब आप अनुमान लगा सकते है बाड़मेर की सीट भाजपा के मुसीबत, जसवंतसिंह के लिए प्रतिष्ठा, तो कांग्रेस के लिए मात्र उम्मीद हीं लग रहीं है। हालांकी जसवंतसिंह को जातिगत मतदाताओं का भी समर्थन मिल रहा है, सरहदी इलाकों में अच्छा प्रभाव देखा जा रहा है। इधर नरेंद्र मोदी की रैली के बाद भी जसवंतसिंह जसोल भाजपा पर भारी पड़ रहे है तो भाजपा में इसको लेकर चिंता सता रहीं है।
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