मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान जल संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा
जयपुर,
सामान्य प्रशासन मंत्री एवं अजेमर जिले के प्रभारी श्री हेम सिंह
भडाना ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की मंशा एवं जल संरक्षण
के प्रति सोच से चलाए गए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में अपार जन
सहयोग मिल रहा है। यह अभियान जल संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित
होगा।
श्री भडाना बुधवार को अजमेर जिले के किशनगढ़ पंचायत समिति के रूपनगढ़ ग्राम पंचायत
मुख्यालय
पर अटल सेवा केन्द्र में आयोजित मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के
द्वितीय चरण के भामाशाह सम्मान एवं समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस मौके पर किशनगढ़ विधायक श्री भागीरथ चौधरी, जिला प्रभारी सचिव तथा नगरीय
विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री मुकेश शर्मा एवं जिला
कलक्टर श्री गौरव गोयल भी उपस्थित थे।
प्रभारी
मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में जल का संरक्षण बहुत जरूरी है। इसके लिए
समस्त स्त्रोतों को जीवित रखना तथा खेत का पानी खेत में तथा गांव का पानी
गांव में रखने की सोच के साथ हमें इस क्षेत्र में भागीदारी से काम करना
होगा। उन्होंने कहा कि यह कार्य सरकार का कार्यक्रम नहीं है। वरन् यह आम
जनता का अभियान है। इसमें सभी साझेदारी से पूर्ण सहयोग दें। उन्होंने कहा
कि अभियान के प्रथम चरण में बहुत ही अच्छा काम हुआ है तथा जल संरक्षण के
क्षेत्र में एक इतिहास रचा गया है। मुख्यमंत्री श्रीमती राजे स्वयं इस
अभियान की समीक्षा कर रही है तथा हाल ही पूरे प्रदेश के जिला कलक्टरों को
भी अभियान के संबंध में दिशा निर्देश दिए। पूरे प्रदेश में आगामी 9 जून तक
जल स्वावलम्बन सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक जिले
में प्रभारी मंत्री स्वयं जाकर कार्यों का निरीक्षण कर रहे है तथा पूर्ण
हुए कार्यों का लोकार्पण भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में वर्षा सीमित होती है इस सीमित जल का संचय
करके उपयोग करने में हमारी परम्परागत पद्धतियां कारगार रही है। कुएं और
बावड़िया बनाना भारतीय संस्क्ृति में धर्म का काम माना गया है। इसी को आगे
बढ़ाते हुए इस अभियान में कुओं, बावड़ियों, खड़ीन, फॉर्म पोण्ड एवं नाड़ी के
माध्यम से वर्षा जल को भूमि में सम्माहित करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस अभियान के साथ प्रत्येक प्रदेशवासी का हित जुड़ा होने से सबने बढ़चढ़कर
हिस्सा लिया। जल प्रकृति के द्वारा दिया गया एक महत्वपूर्ण उपहार है।
उन्होंने आह्वान किया कि जल स्वसवलम्बन अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक
व्यक्ति को गम्भीरता के साथ सहयोग करना चाहिए। यह अभियान भविष्य के प्रति
दूरदर्शी सोच रखते हुए आरम्भ किया गया है। भामाशाहों के द्वारा जल, जंगल
एवं जमीन से जुड़े इस अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। उनके
योगदान का मूल्य नहीं आंका जा सकता।
जिला प्रभारी मंत्री एवं सचिव ने किया कार्यो का निरीक्षण एवं लोकार्पण
जिले के प्रभारी मंत्री एवं सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री श्री हेमसिंह
भडाना तथा जिला प्रभारी सचिव एवं नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख
शासन सचिव श्री मुकेश शर्मा ने बुधवार को किशनगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में
चल रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण के कार्यो का
निरीक्षण किया तथा मौके पर ही पूर्ण हो चुके कार्यो का लोकार्पण भी किया।
प्रभारी मंत्री एवं प्रभारी सचिव ने बुधवार को किशनगढ़ पंचायत समिति के
खातोली ग्राम पंचायत के टोकडा ग्राम में श्रवण, सरदार, लक्ष्मण/सुवा
गुर्जर के खेत पर फार्म पॉण्ड, नायकों की नाडी पर खडीन कार्य, परकोलेशन
टेंक 1 तथा ग्राम पंचायत सुरसुरा के ग्राम मोरडी में मोरडी चारागाह में
परकोलेशन टेंक निर्माण का निरीक्षण व लोकार्पण किया । उन्होंने समस्त
कार्यो पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इन कार्यो के आसपास अधिक से अधिक
पेड़ लगाये जायें। उन्होंने कार्यो पर उपस्थित ग्रामवासियों एवं लाभार्थियों
से चर्चा की तो ग्राम वासियों ने बहुत सराहना की। अरांई पंचायत समिति की
कालानाड़ा ग्राम पंचायत स्थित राजकीय विद्यालयों में मुख्यमंत्री जल
स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत निर्मित रूफटॉप डब्ल्यूएचएस का लोकार्पण
किया।
ग्रामवासियों ने जताया मुख्यमंत्री जी का आभार
जिला प्रभारी मंत्री श्री हेमसिंह भडाना द्वारा जब बुधवार को मुख्यमंत्री
जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यो का निरीक्षण किया जा रहा था तो मौके पर ही
ग्रामीणों ने प्रभारी मंत्री को मुख्यमंत्रीजी एवं सरकार के प्रति आभार
प्रकट किया।
ग्राम खातोली में नाईको की नाड़ी
कार्य के निरीक्षण के दौरान ग्रामीण अजराव सिंह एवं सतार खान ने
मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया तथा बताया कि इस नाड़ी के निर्माण से हमें
काफी फायदा मिलेगी। इस क्षेत्र में पानी की समस्या का समाधान होगा। सरकार
जगह जगह ऎसे बहुत अच्छे कार्य करवा रही है। इस क्षेत्र में किसी समय में
पर्याप्त भू-जल उपलब्ध था धीरे-धीरे जल स्तर नीचे जाने से किसानों की
आमदानी कम हुई। इन जल सरंचनाओं के बनने से भू-जल का स्तर में वृद्धि होगी।
ग्रामीणों की आमदानी में बढ़ोतरी होगी।
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