विश्व पर्यावरण दिवस
पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने की जिम्मेदारी हम सबकी
-वन एवं
पर्यावरण मंत्री
जयपुर, 3 जून । वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री गजेन्द्र सिहं खींवसर ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, उद्योगों से होने वाला वायु व जल प्रदुषण, शहरों से निकलने वाला अपशिष्ट अपनी पृथ्वी, वायु व जल स्त्रोतों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हमने बढ़ते प्रदूषण पर समय रहते लगाम न लगाई तो हमारी आने वाली पीढ़ियों को अनेक प्रकार के स्वास्थ्य संबधी गम्भीर दुष्परिणामों का सामना करना पड़ेगा । श्री खींवसर शनिवार को शासन सचिवालय में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में पर्यावरण विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में पर्यावरण के बारे में आम जन में जागरूकता लाने हेतु आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दे रहे थे । उन्होंने कहा कि राज्य के प्रदूषण नियतर््ांण मण्डल द्वारा आम जन को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए जयपुर में 6 किलो मीटर लम्बी ’’रन फॉर मैराथन’’ 5 जून को आयोजित की जायेगी ।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु इस वर्ष घोषित थीम ’’कनेक्िंटग पीपुल विद् नेचर’’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम समूचा विश्व मनाता है क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण की मानव जीवन के अस्तित्व के साथ-साथ प्रत्येक जीव के लिये एक अह्म भूमिका है ।
पर्यावरण से जुड़े 3 अवार्ड दिये जाएंगेंः
वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मैराथन के मौके पर पर्यावरण संरक्षण हेतु 3 श्रेणी में पुरस्कार दिये जाएंगे । पहली श्रेणी में एक स्वंयसेवी संस्था जो काले हिरणों के बचाव व उनकी देखरेख हेतु कार्य करती है को एवं दूसरी श्रेणी में प्रदेश का कोई निगम/नगर परिषद् या नगर पालिका जो पर्यावरण संरक्षण व सफाई की दिशा में अच्छा कार्य कर रही है व तीसरी श्रेणी में पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य करने वाले व्यक्ति को सम्मानित किया जायेगा ।
प्रदेश में पानी व ऊर्जा की बचत पर मंथन हेतु 6 से 8 जून तक ग्रीन बिल्डिंग पर होगी कार्यशाला
ग्लोबल वार्मिगं के खतरों से होने वाले नुकसान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी व ऊर्जा की बचत हेतु बहुआयामी कदम उठाने की जरूरत है इसके मद्दे नजर राज्य प्रदूषण नियतर््ांण मण्डल द्वारा 6 से 8 जून तक सीआईआई-जीबी के सहयोग से एक कार्यशाला आयोजित होगी । इस कार्यशाला में प्रदेश में ऎसे भवनों, कार्यालयों के निर्माण करने पर मंथन होगा जिनसे पानी व उर्जा की बचत के साथ-साथ इनके निर्माण में काम में आने वाली सामग्री व संसाधनों का कम से कम अपशिष्ट निकले व इनका पुनः उपयोग हो सके ।
प्रदेश में 80 वर्ग किलो मीटर वन क्षेत्र बढ़ा
श्री खींवसर ने कहा कि वन विभाग के कर्मियों के परिश्रम व सजगता से प्रदेश के कुल वन क्षेत्र में 80 वर्ग किलो मीटर का ईजाफा हुआ है ।
प्रदेश में प्रतिवर्ष वृक्षारोपण के पश्चात्त पौधे जीवित रहने की कम संख्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिये गए है कि जिस किसी भी अधिकारी-कर्मचारी की लापरवाही से पोैधों की सर्वाईवल 80 प्रतिशत से कम रहेगी उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी । उन्होंने कहा कि प्रदेश में वन क्षेत्र में कहॉं अवैध खनन हो रहा है, कहॉं जंगल से पेड़ आदि काटने की घटना हो रही है इस पर निगरानी के लिये जीपीएस एवं सेटेलाईट से वन क्षेत्र की निगरानी के लिये विशेषज्ञों से परामर्श कर कदम उठाये पाएगें व जहॉं गड़बड़ी पाई जायेगी वहॉं संबधित की जिम्मेदारी तय की जायेगी । साथ ही अवैध खनन रोकने हेतु भी सख्त कदम उठाये जायेगें ।
झालाना वन क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्हाेंने कहा कि इस क्षेत्र में जानवर व इन्सान के बीच संघर्ष न हो इस हेतु 23 वर्ग किलो मीटर झालाना वन क्षेत्र को कवर करने हेतु 10 फीट उंची दीवार बनाई जायेगी व दीवार के ऊपर फैंसिगं करवाई जायेगी । जयपुर शहर के बीच 3 हिस्सों में बंटे इस जगंल को बचाने का वचन दोहराते हुए उन्हेांने कहा कि वे घाट की घूनी व दिल्ली बाईपास रोड के उपर विदेशों की तर्ज पर ओवरपास की मंजूरी लेने हेतु आगामी दिनों में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी से मुलाकात करेगें ताकि वन्य जीव सुगमता से इस खूबसूरत वन्य क्षेत्र में स्वछन्द रूप से विचरण कर सकें ।
उन्हेांने कहा कि राज्य प़क्षी गोड़ावण के संरक्षण हेतु प्रभावी प्रयास किये जायेगें ताकि इनका कुनबा बढ़ सके
जयपुर, 3 जून । वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री गजेन्द्र सिहं खींवसर ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, उद्योगों से होने वाला वायु व जल प्रदुषण, शहरों से निकलने वाला अपशिष्ट अपनी पृथ्वी, वायु व जल स्त्रोतों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हमने बढ़ते प्रदूषण पर समय रहते लगाम न लगाई तो हमारी आने वाली पीढ़ियों को अनेक प्रकार के स्वास्थ्य संबधी गम्भीर दुष्परिणामों का सामना करना पड़ेगा । श्री खींवसर शनिवार को शासन सचिवालय में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में पर्यावरण विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में पर्यावरण के बारे में आम जन में जागरूकता लाने हेतु आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दे रहे थे । उन्होंने कहा कि राज्य के प्रदूषण नियतर््ांण मण्डल द्वारा आम जन को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए जयपुर में 6 किलो मीटर लम्बी ’’रन फॉर मैराथन’’ 5 जून को आयोजित की जायेगी ।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु इस वर्ष घोषित थीम ’’कनेक्िंटग पीपुल विद् नेचर’’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम समूचा विश्व मनाता है क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण की मानव जीवन के अस्तित्व के साथ-साथ प्रत्येक जीव के लिये एक अह्म भूमिका है ।
पर्यावरण से जुड़े 3 अवार्ड दिये जाएंगेंः
वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मैराथन के मौके पर पर्यावरण संरक्षण हेतु 3 श्रेणी में पुरस्कार दिये जाएंगे । पहली श्रेणी में एक स्वंयसेवी संस्था जो काले हिरणों के बचाव व उनकी देखरेख हेतु कार्य करती है को एवं दूसरी श्रेणी में प्रदेश का कोई निगम/नगर परिषद् या नगर पालिका जो पर्यावरण संरक्षण व सफाई की दिशा में अच्छा कार्य कर रही है व तीसरी श्रेणी में पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य करने वाले व्यक्ति को सम्मानित किया जायेगा ।
प्रदेश में पानी व ऊर्जा की बचत पर मंथन हेतु 6 से 8 जून तक ग्रीन बिल्डिंग पर होगी कार्यशाला
ग्लोबल वार्मिगं के खतरों से होने वाले नुकसान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी व ऊर्जा की बचत हेतु बहुआयामी कदम उठाने की जरूरत है इसके मद्दे नजर राज्य प्रदूषण नियतर््ांण मण्डल द्वारा 6 से 8 जून तक सीआईआई-जीबी के सहयोग से एक कार्यशाला आयोजित होगी । इस कार्यशाला में प्रदेश में ऎसे भवनों, कार्यालयों के निर्माण करने पर मंथन होगा जिनसे पानी व उर्जा की बचत के साथ-साथ इनके निर्माण में काम में आने वाली सामग्री व संसाधनों का कम से कम अपशिष्ट निकले व इनका पुनः उपयोग हो सके ।
प्रदेश में 80 वर्ग किलो मीटर वन क्षेत्र बढ़ा
श्री खींवसर ने कहा कि वन विभाग के कर्मियों के परिश्रम व सजगता से प्रदेश के कुल वन क्षेत्र में 80 वर्ग किलो मीटर का ईजाफा हुआ है ।
प्रदेश में प्रतिवर्ष वृक्षारोपण के पश्चात्त पौधे जीवित रहने की कम संख्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिये गए है कि जिस किसी भी अधिकारी-कर्मचारी की लापरवाही से पोैधों की सर्वाईवल 80 प्रतिशत से कम रहेगी उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी । उन्होंने कहा कि प्रदेश में वन क्षेत्र में कहॉं अवैध खनन हो रहा है, कहॉं जंगल से पेड़ आदि काटने की घटना हो रही है इस पर निगरानी के लिये जीपीएस एवं सेटेलाईट से वन क्षेत्र की निगरानी के लिये विशेषज्ञों से परामर्श कर कदम उठाये पाएगें व जहॉं गड़बड़ी पाई जायेगी वहॉं संबधित की जिम्मेदारी तय की जायेगी । साथ ही अवैध खनन रोकने हेतु भी सख्त कदम उठाये जायेगें ।
झालाना वन क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्हाेंने कहा कि इस क्षेत्र में जानवर व इन्सान के बीच संघर्ष न हो इस हेतु 23 वर्ग किलो मीटर झालाना वन क्षेत्र को कवर करने हेतु 10 फीट उंची दीवार बनाई जायेगी व दीवार के ऊपर फैंसिगं करवाई जायेगी । जयपुर शहर के बीच 3 हिस्सों में बंटे इस जगंल को बचाने का वचन दोहराते हुए उन्हेांने कहा कि वे घाट की घूनी व दिल्ली बाईपास रोड के उपर विदेशों की तर्ज पर ओवरपास की मंजूरी लेने हेतु आगामी दिनों में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी से मुलाकात करेगें ताकि वन्य जीव सुगमता से इस खूबसूरत वन्य क्षेत्र में स्वछन्द रूप से विचरण कर सकें ।
उन्हेांने कहा कि राज्य प़क्षी गोड़ावण के संरक्षण हेतु प्रभावी प्रयास किये जायेगें ताकि इनका कुनबा बढ़ सके
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