आखिर सरकार क्यों नही तय कर रही है रिफाइनरी का भविष्य
भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। थार के रेगिस्तान की पहचान भले ही पैट्रोलियम उत्पादन में भारत के अग्रणी क्षेत्र के रूप में होती है धोरों में उगलने वाला काला सोना पर खामौश क्यों है सरकार। कांग्रेस शासन में बाड़मेर जिले के पचपदरा के समीप स्वीकृत हुई रिफाइनरी स्थापना पर सत्ता परिवर्तन के एक वर्ष से अधिक समय गुजरने के बाद भी सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाने पर बाड़मेर की जनता और जिले का नाम भारत में प्रसिद्दि का स्वर्णिम सपना देखा जब रिफाइनरी के लगने के आसार हुए जनता की नई आशा जगी । कांग्रेस सरकार की कूटनिति के चलते रिफाइनरी को अंतिम समय अधरझूल कर बाड़मेर की जनता को गुमराह किया जिसका जवाब जनता ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में हाथों -हाथ दे दिया। दरअसल नए जोश के साथ सता में आई भाजपा सरकार के एक साल पूर्ण होने के बाद भी रिफाइनरी पर सकारात्मक सोच दिखाई है रिफाइनरी पर सरकात मूकदर्शक बनी देख जनता ने एक साल बाद हुए नगर निकाय और पंचायत चुनावों में बाड़मेर की जनता अपनी समझदारी दिखाकर काग्रेस का बोर्ड बनाकर केंद्र और राज्य के मंत्रियों को बाड़मेर की जनता ने अपनी ताकत दिखा दी। जनता का भाजपा की है उनके लिए सही चुनोती है।
बजट सत्र में मौन रहीं रिफाइनरी
बजट सत्र में बाड़मेर के युवा उम्मीदों के पंख लगाए बैठे थे ,आखिर सरकार का रुख बदलता नजर आया। बाड़मेर की जनता का मानना था कि शायद कुछ हो परन्तु केवल खानापूर्ति के सिवाय कुछ नजर नही आया। सरकार रिफायनरी के नाम पर बाड़मेर के पढ़े लिखे युवाओ को केवल वायदे ही दे रही है । जबकि अब तक तो कार्य शुरू हो जाना था जनता में चर्चा है की यह सरकार भी पूर्ववती कांग्रेस सरकार की भांति कार्यकाल के अन्तिम समय में ही चेतेगी क्या या आनन फानन में रिफाइनरी की कार्यवाही अधूरी सी चलाई जाएगी । यदि ऐसा होता है तो नि:संन्देह जनता पार्टियो के इस प्रकार के पैंथरों को समझने लगी है व इसका परिणाम भी आने वाले समय में जनता दे देगी इसमें कोई सन्देह नही है ;वैसे बायतु विधायक कैलाश चौधरी तो भी रीफायनरी पर सकारात्मक मुद्दे उठाते नजर आते है लेकिन सरकार सही कदम उठाने में ढिलाई बरत रही है। वर्तमान सरकार जनता से ऐसी आंख मिचौली कर गुमराह करने का प्रयास तो नही करेगी वहीं स्थानीय सांसद औऱ विधायको से आशा है की रिफाइनरी के लिए सकारात्मक सोच उठाएं और स्थानीय युवाओं को रोजगार पहुंचाए।
भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। थार के रेगिस्तान की पहचान भले ही पैट्रोलियम उत्पादन में भारत के अग्रणी क्षेत्र के रूप में होती है धोरों में उगलने वाला काला सोना पर खामौश क्यों है सरकार। कांग्रेस शासन में बाड़मेर जिले के पचपदरा के समीप स्वीकृत हुई रिफाइनरी स्थापना पर सत्ता परिवर्तन के एक वर्ष से अधिक समय गुजरने के बाद भी सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाने पर बाड़मेर की जनता और जिले का नाम भारत में प्रसिद्दि का स्वर्णिम सपना देखा जब रिफाइनरी के लगने के आसार हुए जनता की नई आशा जगी । कांग्रेस सरकार की कूटनिति के चलते रिफाइनरी को अंतिम समय अधरझूल कर बाड़मेर की जनता को गुमराह किया जिसका जवाब जनता ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में हाथों -हाथ दे दिया। दरअसल नए जोश के साथ सता में आई भाजपा सरकार के एक साल पूर्ण होने के बाद भी रिफाइनरी पर सकारात्मक सोच दिखाई है रिफाइनरी पर सरकात मूकदर्शक बनी देख जनता ने एक साल बाद हुए नगर निकाय और पंचायत चुनावों में बाड़मेर की जनता अपनी समझदारी दिखाकर काग्रेस का बोर्ड बनाकर केंद्र और राज्य के मंत्रियों को बाड़मेर की जनता ने अपनी ताकत दिखा दी। जनता का भाजपा की है उनके लिए सही चुनोती है।
बजट सत्र में मौन रहीं रिफाइनरी
बजट सत्र में बाड़मेर के युवा उम्मीदों के पंख लगाए बैठे थे ,आखिर सरकार का रुख बदलता नजर आया। बाड़मेर की जनता का मानना था कि शायद कुछ हो परन्तु केवल खानापूर्ति के सिवाय कुछ नजर नही आया। सरकार रिफायनरी के नाम पर बाड़मेर के पढ़े लिखे युवाओ को केवल वायदे ही दे रही है । जबकि अब तक तो कार्य शुरू हो जाना था जनता में चर्चा है की यह सरकार भी पूर्ववती कांग्रेस सरकार की भांति कार्यकाल के अन्तिम समय में ही चेतेगी क्या या आनन फानन में रिफाइनरी की कार्यवाही अधूरी सी चलाई जाएगी । यदि ऐसा होता है तो नि:संन्देह जनता पार्टियो के इस प्रकार के पैंथरों को समझने लगी है व इसका परिणाम भी आने वाले समय में जनता दे देगी इसमें कोई सन्देह नही है ;वैसे बायतु विधायक कैलाश चौधरी तो भी रीफायनरी पर सकारात्मक मुद्दे उठाते नजर आते है लेकिन सरकार सही कदम उठाने में ढिलाई बरत रही है। वर्तमान सरकार जनता से ऐसी आंख मिचौली कर गुमराह करने का प्रयास तो नही करेगी वहीं स्थानीय सांसद औऱ विधायको से आशा है की रिफाइनरी के लिए सकारात्मक सोच उठाएं और स्थानीय युवाओं को रोजगार पहुंचाए।
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