गारंटी पीरियड में बिखर जाती है सडक़े,गुणवत्ता पर सवालियां निशान
भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। औद्योगिक नगरी में सडक़ों की हालत दयनीय है जहां भी नजर दौड़ाओं वहां पर सडक़ें कम और गड्ढे ज्यादा दिखते है। सडक़ों में भ्रष्टाचार की बू साफ नजर आती हैं। सडक़ों के लिए नगर परिषद द्वारा होने वाले टेण्डर के पश्चात ठेकेदारों को टेण्डर दे दिए जाते है। सडक़ कैसी बन रहीं है उसकी गुणवत्ता एवं उसमें काम में लिए जाने वाले डामर,कंकरिट और सीसी रोड़ में काम में लिए जाने वाली कंकरिट और सीमेंट आदि की जांच भी करनी होती है लेकिन नगर परिषद के जिम्मेदार एईएन,जेईएन जानबूझकर मौके पर नहीं जाकर ठेकेदारों के मन मुताबिक जांच रिपोर्ट तैयार कर देते है।
मुद्दा हमारे शहर का
आज बालोतरा शहर की सडक़ें सबसे दयनीय हालत में है ठेकेदार जैसे तैसे सडक़ों को तैयार कर देते है,ऐसे में उन सडक़ों में भ्रष्टाचार की बू आना लाजमी है। आखिर क्यों बालोतरा शहर की सडक़े गांरटी पीरियड में उधड़ जाती है और तो और उनकी मरम्मत के लिए उसी जिम्मेदार ठेकेदार को कहने के बजाए नए टेण्डर जारी करके टूटी हुई सडक़ों की रिपेयरिंगव पेचवर्क करवाई जाती है। आम जन नगर परिषद व राजनेताओं के चारों और प्रतिदिन चक्कर लगाते रहते है लेकिन उन कच्ची बस्तियों में सडक़ तक नहीं बन पाती है ऐसा क्यों है हमारें सिस्टम में या तो नगर परिषद अपने अधिकारों से दूर भाग रहीं है या जिम्मेदार अधिकारी आयुक्त व सभापति इस और ध्यान नहीं देते है। हाल हीं में गांधीपुरा,माली समाज भवन के पास,हनवंत भवन के पीछे,जाह्नवी अस्पताल रोड़,नेहरू कॉलोनी,इंदिरा गांधी नगर,नया बस स्टेण्ड के पीछे,समदड़ी रोड़ आदि इलाकों में नई बनाई हुई सडक़े उधड़ गई है। हाल हीं में कई जगहों पर बनी हुई सीसी सडक़ों पर डामरीकरण कर दिया गया है। तो यह जनता का पैसा ऐसे क्यों व्यर्थ बहाया जा रहा है। कौन है इसका जिम्मेदार ठेकेदार या नगर परिषद के आला अधिकारी ऐसे में लोग तो अपने आपकों कोसते नजर आते है और कहते है कि बालोतरा का तो अब सिर्फ भगवान हीं मालिक है।
आखिर कौन सुध लेगा उधड़ी हुई सडक़ों की?
बालोतरा शहर में सबसे खराब हालत उधड़ी हुई सडक़ों की हैं। इस टूटी हुई सडक़ों से वाहन चालकों सहित राहगिरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे उनके वाहनों का मेंटेनेंस भी बढ़ गया है। शहर की नालियों के अवरोध हो जाने पर तो और भी हालात खराब हो जाते है ऐसे में पैदल राहगीर सडक़ों में बने गड्ढे में फिसलकर चोटिल तक हो जाते है।
ठेकेदारों को पाबंद करें नगर परिषद
सडक़ों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सभापति रतन खत्री व आयुक्त शिवपालसिंह राजपुरोहित को ठेकेदारों को पाबंद करना चाहिए और नई बनाई सडक़ों की रिपोर्ट मंगवाने के बाद उसकी जांच करवाने के पश्चात भुगतान करना चाहिए जिससे सडक़ों की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। जांच करने वाले अधिकारी जेईएन,ऐईएन व एक्सीईएन को सडक़ों की गुणवत्ता को लेकर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि शहर की सुंदरता में चार चांद लगे और सडक़े चमचमाती हुई नजर आए।
भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। औद्योगिक नगरी में सडक़ों की हालत दयनीय है जहां भी नजर दौड़ाओं वहां पर सडक़ें कम और गड्ढे ज्यादा दिखते है। सडक़ों में भ्रष्टाचार की बू साफ नजर आती हैं। सडक़ों के लिए नगर परिषद द्वारा होने वाले टेण्डर के पश्चात ठेकेदारों को टेण्डर दे दिए जाते है। सडक़ कैसी बन रहीं है उसकी गुणवत्ता एवं उसमें काम में लिए जाने वाले डामर,कंकरिट और सीसी रोड़ में काम में लिए जाने वाली कंकरिट और सीमेंट आदि की जांच भी करनी होती है लेकिन नगर परिषद के जिम्मेदार एईएन,जेईएन जानबूझकर मौके पर नहीं जाकर ठेकेदारों के मन मुताबिक जांच रिपोर्ट तैयार कर देते है।
मुद्दा हमारे शहर का
आज बालोतरा शहर की सडक़ें सबसे दयनीय हालत में है ठेकेदार जैसे तैसे सडक़ों को तैयार कर देते है,ऐसे में उन सडक़ों में भ्रष्टाचार की बू आना लाजमी है। आखिर क्यों बालोतरा शहर की सडक़े गांरटी पीरियड में उधड़ जाती है और तो और उनकी मरम्मत के लिए उसी जिम्मेदार ठेकेदार को कहने के बजाए नए टेण्डर जारी करके टूटी हुई सडक़ों की रिपेयरिंगव पेचवर्क करवाई जाती है। आम जन नगर परिषद व राजनेताओं के चारों और प्रतिदिन चक्कर लगाते रहते है लेकिन उन कच्ची बस्तियों में सडक़ तक नहीं बन पाती है ऐसा क्यों है हमारें सिस्टम में या तो नगर परिषद अपने अधिकारों से दूर भाग रहीं है या जिम्मेदार अधिकारी आयुक्त व सभापति इस और ध्यान नहीं देते है। हाल हीं में गांधीपुरा,माली समाज भवन के पास,हनवंत भवन के पीछे,जाह्नवी अस्पताल रोड़,नेहरू कॉलोनी,इंदिरा गांधी नगर,नया बस स्टेण्ड के पीछे,समदड़ी रोड़ आदि इलाकों में नई बनाई हुई सडक़े उधड़ गई है। हाल हीं में कई जगहों पर बनी हुई सीसी सडक़ों पर डामरीकरण कर दिया गया है। तो यह जनता का पैसा ऐसे क्यों व्यर्थ बहाया जा रहा है। कौन है इसका जिम्मेदार ठेकेदार या नगर परिषद के आला अधिकारी ऐसे में लोग तो अपने आपकों कोसते नजर आते है और कहते है कि बालोतरा का तो अब सिर्फ भगवान हीं मालिक है।
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नया बस स्टैण्ड के समीप उधड़ी सडक़। |
बालोतरा शहर में सबसे खराब हालत उधड़ी हुई सडक़ों की हैं। इस टूटी हुई सडक़ों से वाहन चालकों सहित राहगिरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे उनके वाहनों का मेंटेनेंस भी बढ़ गया है। शहर की नालियों के अवरोध हो जाने पर तो और भी हालात खराब हो जाते है ऐसे में पैदल राहगीर सडक़ों में बने गड्ढे में फिसलकर चोटिल तक हो जाते है।
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जाह्नवी अस्पताल रोड़ पर उधड़ी हुई सडक़। |
सडक़ों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सभापति रतन खत्री व आयुक्त शिवपालसिंह राजपुरोहित को ठेकेदारों को पाबंद करना चाहिए और नई बनाई सडक़ों की रिपोर्ट मंगवाने के बाद उसकी जांच करवाने के पश्चात भुगतान करना चाहिए जिससे सडक़ों की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। जांच करने वाले अधिकारी जेईएन,ऐईएन व एक्सीईएन को सडक़ों की गुणवत्ता को लेकर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि शहर की सुंदरता में चार चांद लगे और सडक़े चमचमाती हुई नजर आए।
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