मनमानी राशि वसूल कर चढ़ा देते है एक दूसरे का खून,मरीजों की जान पर संक्रमण का खतरा
भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। शहर के निजी अस्पतालों में खून का खौफनाक खेल बेरोकटोक के चल रहा है लेकिन उसे रोकने की जहमत कोई नहंी उठाता। औद्योगिक नगरी में करीबन एक दर्जन से ज्यादा निजी अस्पताल संचालित हो रहे है और उन सभी अस्पतालों में ब्लड़ बैंक का लाईसेंस नहीं है फिर वे ब्लड़ को ट्रांसप्लांट कर रहे है जो कि मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता हैं। शहर के राम कुटिया के पास,नाहटा अस्पताल रोड़,पचपदरा रोड़,खेड़ रोड़,अबुल कलाम स्कूल के पिछे,भगतसिंह सभा स्थल के पास आदि स्थानों पर संचालित हो रहै निजी हॉस्पीटलों में खून का ये खौफनाक खेल खुलेआम चल रहा है। शहर के एक मात्र सरकारी अस्पताल मेें हीं ब्लड़ बैंक की व्यवस्था है और निजी अस्पतालों में मरीजों को जरूरत पडऩे पर सरकारी ब्लड़ बैंक से हीं खून की व्यवस्था करवानी होती है। परंतु सरकारी प्रावधानों के अनुसार मरीज को सरकारी अस्पताल में हीं ब्लड़ उपलब्ध करवाया जाता है और उन्हे सरकारी अस्पताल में ब्लड़ चढ़ाया जा सकता है। लेकिन ये गैर कानूनी गोरखधंधा औद्योगिक नगरी में खुलेआम चल रहा है परंतु इसे रोकने वाला कोई नहीं है।
ब्लड़ ट्रांसप्लांट के लिए लेते हुए 1000 से 1500 रूपये
निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को खून की जरूरत पडऩे पर वे किसी दूसरे का ब्लड़ निकालकर चढ़ाते है और उसकी एवज में मरीजों से मनमाने ढ़ंग से वसूली भी करते है। निजी अस्पतालों के संचालक मरीजों से ब्लड़ चढ़ाने के नाम पर 1000 रूपये से 1500 रूपये तक लेते है।
संक्रमण और मरीज की जिंदगी पर खतरा
शहर के संचालित हो रहे है अस्पतालों में से किसी के भी पास ब्लड़ बैंक का कोई लाईसेंस नहीं है सभी अवैध रूप से ब्लड़ ट्रांसप्लांट कर रहे है। इस तरह से ब्लड़ ट्रांसप्लांट करने से मरीजों की जिंदगी पर बन आती है और संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। इस तरह के मामले पहले भी आ चुके है लेकिन निजी अस्पतालों के रसूख के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
ये है प्रावधान और नियम
निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग से जरूरत के हिसाब से ब्लड़ बैंक का अगल से लाईसेंस दिया जाता है और उसके अनुरूप सुविधाएं होनी चाहिए जिससे मरीज को ताजा ब्लड़ सरकारी मानकों के अनुरूप उपलब्ध हो सके। क्योकि उनके पास ब्लड़ को स्टोरज करने के लिए न तो फ्रीज की व्यवस्था होती है और नहीं पूरे संसाधन होने चाहिए इसके साथ सरकारी मान्यता प्राप्त पैथोलोजिस्ट और तकनीकि रूप से संपूर्ण संसाधन होने चाहिए। परंतु निजी अस्पतालों में नर्सिंग स्टॉफ जो कि ट्रैनिंग पर होते है या अन्य स्टॉफ जिसको कोई जानकारी नहीं होती है वे ब्लड़ ट्रांसप्लांट करते है जो मरीज के लिए घातक साबित हो सकता है। लेकिन शहर में संचालित हो रहे निजी अस्पतालों मेंं से किसी के भी पास ब्लड़ बैंक का लाईसेंस नहीं है जो साफ तौर पर गैर कानूनी है।
किसी के पास नहीं है लाईसेंस
शहर में संचालित निजी अस्पतालों में से किसी के भी पास ब्लड़ बैंक का कोई लाईसेंस नहीं है ये गैर कानूनी है इसके लिए कड़ी कार्यवाहीं होनी चाहिए।
डॉ बलराजसिंह पंवार पीएमओं नाहटा अस्पताल बालोतरा
निजी अस्पतालों का रिकॉर्ड हीं उपलब्ध नहीं है
मेरे पास निजी अस्पतालों का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है कि जिले में कितने निजी अस्पताल है ऐसे में हम कोई कार्यवाहीं नहीं कर सकते है। लेकिन जिन निजी अस्पतालों में ब्लड़ ट्रांसप्लांट किया जा रहा है ये मरीज की जिंदगी के लिए खतरनाक तो है कि और पूर्णतया गैर कानूनी भी है
डॉ फूसाराम विश्रोई,सीएमएचओं,बाड़मेर
भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। शहर के निजी अस्पतालों में खून का खौफनाक खेल बेरोकटोक के चल रहा है लेकिन उसे रोकने की जहमत कोई नहंी उठाता। औद्योगिक नगरी में करीबन एक दर्जन से ज्यादा निजी अस्पताल संचालित हो रहे है और उन सभी अस्पतालों में ब्लड़ बैंक का लाईसेंस नहीं है फिर वे ब्लड़ को ट्रांसप्लांट कर रहे है जो कि मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता हैं। शहर के राम कुटिया के पास,नाहटा अस्पताल रोड़,पचपदरा रोड़,खेड़ रोड़,अबुल कलाम स्कूल के पिछे,भगतसिंह सभा स्थल के पास आदि स्थानों पर संचालित हो रहै निजी हॉस्पीटलों में खून का ये खौफनाक खेल खुलेआम चल रहा है। शहर के एक मात्र सरकारी अस्पताल मेें हीं ब्लड़ बैंक की व्यवस्था है और निजी अस्पतालों में मरीजों को जरूरत पडऩे पर सरकारी ब्लड़ बैंक से हीं खून की व्यवस्था करवानी होती है। परंतु सरकारी प्रावधानों के अनुसार मरीज को सरकारी अस्पताल में हीं ब्लड़ उपलब्ध करवाया जाता है और उन्हे सरकारी अस्पताल में ब्लड़ चढ़ाया जा सकता है। लेकिन ये गैर कानूनी गोरखधंधा औद्योगिक नगरी में खुलेआम चल रहा है परंतु इसे रोकने वाला कोई नहीं है।
ब्लड़ ट्रांसप्लांट के लिए लेते हुए 1000 से 1500 रूपये
निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को खून की जरूरत पडऩे पर वे किसी दूसरे का ब्लड़ निकालकर चढ़ाते है और उसकी एवज में मरीजों से मनमाने ढ़ंग से वसूली भी करते है। निजी अस्पतालों के संचालक मरीजों से ब्लड़ चढ़ाने के नाम पर 1000 रूपये से 1500 रूपये तक लेते है।
संक्रमण और मरीज की जिंदगी पर खतरा
शहर के संचालित हो रहे है अस्पतालों में से किसी के भी पास ब्लड़ बैंक का कोई लाईसेंस नहीं है सभी अवैध रूप से ब्लड़ ट्रांसप्लांट कर रहे है। इस तरह से ब्लड़ ट्रांसप्लांट करने से मरीजों की जिंदगी पर बन आती है और संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। इस तरह के मामले पहले भी आ चुके है लेकिन निजी अस्पतालों के रसूख के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
ये है प्रावधान और नियम
निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग से जरूरत के हिसाब से ब्लड़ बैंक का अगल से लाईसेंस दिया जाता है और उसके अनुरूप सुविधाएं होनी चाहिए जिससे मरीज को ताजा ब्लड़ सरकारी मानकों के अनुरूप उपलब्ध हो सके। क्योकि उनके पास ब्लड़ को स्टोरज करने के लिए न तो फ्रीज की व्यवस्था होती है और नहीं पूरे संसाधन होने चाहिए इसके साथ सरकारी मान्यता प्राप्त पैथोलोजिस्ट और तकनीकि रूप से संपूर्ण संसाधन होने चाहिए। परंतु निजी अस्पतालों में नर्सिंग स्टॉफ जो कि ट्रैनिंग पर होते है या अन्य स्टॉफ जिसको कोई जानकारी नहीं होती है वे ब्लड़ ट्रांसप्लांट करते है जो मरीज के लिए घातक साबित हो सकता है। लेकिन शहर में संचालित हो रहे निजी अस्पतालों मेंं से किसी के भी पास ब्लड़ बैंक का लाईसेंस नहीं है जो साफ तौर पर गैर कानूनी है।
किसी के पास नहीं है लाईसेंस
शहर में संचालित निजी अस्पतालों में से किसी के भी पास ब्लड़ बैंक का कोई लाईसेंस नहीं है ये गैर कानूनी है इसके लिए कड़ी कार्यवाहीं होनी चाहिए।
डॉ बलराजसिंह पंवार पीएमओं नाहटा अस्पताल बालोतरा
निजी अस्पतालों का रिकॉर्ड हीं उपलब्ध नहीं है
मेरे पास निजी अस्पतालों का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है कि जिले में कितने निजी अस्पताल है ऐसे में हम कोई कार्यवाहीं नहीं कर सकते है। लेकिन जिन निजी अस्पतालों में ब्लड़ ट्रांसप्लांट किया जा रहा है ये मरीज की जिंदगी के लिए खतरनाक तो है कि और पूर्णतया गैर कानूनी भी है
डॉ फूसाराम विश्रोई,सीएमएचओं,बाड़मेर
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