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Friday, April 17, 2015

बाल विवाह की रोकथाम सम्बन्धित जागरूकता विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

बाडमेर।  श्रीमान् राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देषानुसार अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा के अबूझ सावों को दृश्टिगत रखते हुए आमजन में बाल विवाह की रोकथाम से सम्बन्धित जागरूकता हेतु विधिक साक्षरता का आयोजन किया गया। बाल विवाह निशेध षिविरों में सूश्री शैल कुमारी सोलंकी, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाडमेर, श्रीमती स्वाति परेवा, न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय, बाड़मेर, श्री षेर सिंह मीणा, सिविल न्यायाधीष एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाडमेर एवं सूश्री अनुराधा दाधीच, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीष एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाडमेर ने विषाला, भाड़खा ,उत्तरलाई, कवास, छितर का पार, कोसरिया व बायतु पणजी गा्रम में बाल विवाह के अपराध होने की विधिक जानकारी से गा्रमीणों को अवगत कराया। बाल विवाह निशेध के प्रति सामाजिक संवेदनषीलता उत्पन्न करने व ग्रामीणों को इसके दुश्परिणामों के प्रति जागरूक करने के लिए ताल्लुका विधिक सेवा समिति, बाड़मेर के बैनर तले उत्तरलाई, नागाणा व बायतु स्थित विभिन्न गाॅवों में बाल विवाह निशेध षिविरांे का आयोजन हुआ। बाड़मेर क्षेत्र के विषाला, भाड़खा ,उत्तरलाई, कवास, छीतर का पार, कोसरिया व बायतु पणजी गाॅवों में आयोजित षिविरों में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,  सूश्री शैल कुमारी सोलंकी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह करवाने वाले माता-पिता के साथ ही पंडित, हलवाई, टैंट मालिक सहित समारोह में किसी भी तरह से षिरकत करने वाले सभी लोगों को दोशी माना जाता है तथा ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही व सजा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसे बंद करने के लिए सामाजिक जागरूकता हेतु युवाओं को आगे आना होगा।
इसी प्रकार न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय, बाड़मेर, श्रीमती स्वाति परेवा ने कहा कि कानून में 21 वर्श के लड़के व 18 वर्श की लड़की की षादी का प्रावधान है, इससे कम उम्र में षादी करना कानूनी जुर्म है। श्री षेर सिंह मीणा, सिविल न्यायाधीष एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाडमेर ने आने वाली पीढी को स्वास्थ्य के लिहाज से सुखद और खुषहाली के लिए बाल विवाह नहीं करने हेतु आमजन व ग्रामीणों को षपथ दिलाई। सूश्री अनुराधा दाधीच, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीष एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाडमेर ने षिविरों में उपस्थित आमजन को संदेष दिया कि आप गाॅव-गाॅव, ढाणी-ढाणी, जन-जन तक बाल विवाह की रोकथाम के लिए आगे आये व इस कुप्रथा को समाज में से समाप्त करने में हिस्सेदारी निभायें। इस अवसर पर थानाधिकारी नागाणा व बायतु एवं ताल्लुका विधिक सेवा समिति के कनिश्ठ लिपिक श्री महेन्द्र सिंह राजपुरोहित व श्री महेष षर्मा तथा रमेष नाईक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व गाॅवों के मौजिज लोग भी उपस्थित रहें। थानाधिकारी नागाणा व बायतु ने अतिथियों का आभार प्रकट किया।

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