बाड़मेर। सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक 2015 और रोड़वेज के निजीकरण के विरोध में रोड़वेज कर्मचारी 30 अप्रैल को हड़ताल पर रहेंगे। इस कारण प्रदेश में करीब 5 हजार रोड़वेज बसें नही चल पायेगी। हालांकि सरकार की और से अभी इस हड़ताल को देखते हुए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की घोषणा नहीं की गई है। सरकार द्वारा यातायात की कोई व्यवस्था नहीं करने से आम जनता को भारी परेशानी उठानी पडे़गी।
इन बसों में प्रतिदिन करीब 11 लाख लोग सफर करते है। हड़ताल केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर की जा रही है। हड़ताल में रोड़वेज की एटक, भामसं, सीटू, इंटक यूनियन भी शामिल होगी। यूनियनों का कहना है कि जो विधेयक लाया जा रहा है, वह 8 लाख कर्मचारियों सहित लोेगों के हित के खिलाफ है।
इन बसों में प्रतिदिन करीब 11 लाख लोग सफर करते है। हड़ताल केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर की जा रही है। हड़ताल में रोड़वेज की एटक, भामसं, सीटू, इंटक यूनियन भी शामिल होगी। यूनियनों का कहना है कि जो विधेयक लाया जा रहा है, वह 8 लाख कर्मचारियों सहित लोेगों के हित के खिलाफ है।
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