बालोतरा। मुख्य न्यायाधिपति सुनील अम्बवानी मुख्य संरक्षक, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं माननीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय रस्तोगी ने आख तीज व पीपल पूर्णिमा पर बाल विवाहों के आयोजन की सम्भावनाओं के बीच समाज के सभी वर्गों से भावभरी अपील की है कि बाल विवाह से बालकों का विकास रूकता है, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में वृद्धि होती है। बाल वर-वधु परिवार व समाज पर बोझ बनते हैं। बाल विवाह किसी के हित में नहीं है अतः हम सबका दायित्व है कि बाल विवाह की जानकारी मिलते ही उसे रोकने के सामाजिक अभियान में भागीदार बनें। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने पूरे देश में बाल विवाह रोकने का अभियान चला रखा है। तुलनात्मक रूप से अधिक बाल विवाह वाले 16 जिलों में विशेष अभ्ज्ञियान के तौर पर मोबाईल वैन संचालित है जिनके माध्यम से गाॅव-गाॅव, ढाणी-ढाणी प्रशिक्षित व्यक्ति आम जन को बाल विवाह की बुराईयों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। शेष सभी जिलों में भी विधिक सेवा संस्थाओें के प्रतिनिधि, जिला प्रशासन जन प्रतिनिधिगण एवं स्वयं सेवी संगठन आपस में समन्वय करते हुये सघन कार्यक्रम आयोजित कर रहेे हैं।
हलवाई, टैंन्ट, बैंण्ड बाजा पंण्डित आदि को बाल विवाह में सहयोग नहीं करने के लिये पाबंद किया जा रहा है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों से लोगों को अवगत कराया जा रहा है। यह व्यवस्था की गई है कि बाल विवाह की जानकारी मिलते ही बाल विवाह निरोधक अधिकारी तथा स्थानीय थाना प्रभारी तुरंत बाल विवाह को रोकने के लिये सम्बन्ध्ति लोगोें को पाबंद करेंगे और आवश्यकता होने पर गिरफ्तार करेंगे। टोल फ्री हैल्प लाईन नम्बर 1098 पर बाल विवाह की सूचना आने पर भी तुरंत बाल विवाह रोके जाऐंगे और न्यायालस से स्थगन भी प्राप्त किया जायेगा। यदि फिर भी लुक छिप कर किसी ने बाल विवाह किया तो संज्ञेय एवं गैर जमानतीय अपराध के लिये मुकदमा दर्ज होगा। विवाह करने एवं कराने वाले सभी लोग गिरफ्तार होंगे, उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा और जेल की सजा भी हो सकेगी। ऐसा विवाह शून्य भी कराया जा सकेगा। राजस्थान राज्य विधिक सेवा पा्रधिकरण इस सामाजिक बुराई को रोकने के प्रति कृतसंकल्प हैं और सभी वर्गों के साथ सहयोग करने के लिये सदैव तत्पर हैं। समाज के सभी वर्गों सें अनुरोध है कि इस सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिये सामाजिक सोच बदलें और समाज के विकास में भगीदार बनें।
हलवाई, टैंन्ट, बैंण्ड बाजा पंण्डित आदि को बाल विवाह में सहयोग नहीं करने के लिये पाबंद किया जा रहा है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों से लोगों को अवगत कराया जा रहा है। यह व्यवस्था की गई है कि बाल विवाह की जानकारी मिलते ही बाल विवाह निरोधक अधिकारी तथा स्थानीय थाना प्रभारी तुरंत बाल विवाह को रोकने के लिये सम्बन्ध्ति लोगोें को पाबंद करेंगे और आवश्यकता होने पर गिरफ्तार करेंगे। टोल फ्री हैल्प लाईन नम्बर 1098 पर बाल विवाह की सूचना आने पर भी तुरंत बाल विवाह रोके जाऐंगे और न्यायालस से स्थगन भी प्राप्त किया जायेगा। यदि फिर भी लुक छिप कर किसी ने बाल विवाह किया तो संज्ञेय एवं गैर जमानतीय अपराध के लिये मुकदमा दर्ज होगा। विवाह करने एवं कराने वाले सभी लोग गिरफ्तार होंगे, उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा और जेल की सजा भी हो सकेगी। ऐसा विवाह शून्य भी कराया जा सकेगा। राजस्थान राज्य विधिक सेवा पा्रधिकरण इस सामाजिक बुराई को रोकने के प्रति कृतसंकल्प हैं और सभी वर्गों के साथ सहयोग करने के लिये सदैव तत्पर हैं। समाज के सभी वर्गों सें अनुरोध है कि इस सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिये सामाजिक सोच बदलें और समाज के विकास में भगीदार बनें।
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