आयकर व वाणिज्य विभाग जानबूझकर करते है अनदेखा
भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। औद्योगिक नगरी के नाम से विख्यात बालोतरा नगरी के कारखानों में कपड़े का उद्योग तेजी से बढ़ रहा है तो दूसरी और आयकर विभाग एवं वाणिज्य कर विभाग को उद्यमी उनकी आखों में धूल झोंककर टैक्स की चोरी खुलेआम कर रहे हैं। मार्च का महिना वित्तिय वर्ष का अंतिम वर्ष होता है तो इस महिने में विभाग सिर्फ अपना सालाना टारगेट पूरा करने के लिए बहीं खातों में जैसे तैसे कर राजस्व की पूर्ति करते है और फिर साल भर तक सोते रहते है। रिको ओद्योगिक क्षेत्र में करीबन एक हजार से ज्यादा कारखानें संचालित होते है एवं बालोतरा उपखंड के आस पास ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण खरीददारी के लिए बालोतरा में खरीददारी व देश विदेश के कोने-कोने से आते है। यहा के उद्यमियों ने ऐसा जाल बिछा रखा है कि आयकर विभाग व वाणिज्य कर विभाग को खुलेआम उनकी आखों में धूल झोंककर टैक्स की चोरी कर चूना लगा रहे है जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है। यहां मौजूद आयकर विभाग व वाणिज्य कर विभाग दोनों के आला अधिकारी भी यह सब जानते हुए भी जनबूझकर उन्हें अनदेखा कर रहे है। विश्वसनीय सूत्रो ने बताया की आयकर व वाणिज्य कर विभाग इन दोनों मुख्य विभागों के अधिकारीयों की मासिक बंधी होने के कारण वे कार्रवाई करने से कतराते है और यदा कदा शिकायतें बड़े लेवल पर पहुंचने के कारण जयपुर या जोधपुर के इन विभागों ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम भी दिया है और बड़ी मात्रा में टैक्स की चोरी भी पकड़ी गई है। इन कार्रवाई के दौरान यहा के अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी।
ऐसे करते है टैक्स की चोरी
बालोतरा में संचालित उद्योग के मालिक व संचालक सिर्फ दिखानें को एक फर्म रजिस्टर्ड करवाते है और सिर्फ इसका हीं टैक्स जमा करवाते है। फिर ये उद्यमी व संचालक उसी कारखानें में उस फर्म के अलावा तीन चार अलग-अलग नामों से फर्म खोल देते है। व्यापारी उन फर्जी नाम की फर्मों के माध्यम से अपना व्यापार चलाते है और लेन देन उसमें हीं करते है। जो रजिस्टर्ड फर्म होती है उसमें नाम मात्र का लेन देन करते है। वे सिर्फ एक हीं फर्म का टैक्स जमा करवाकर इतिश्री कर लेते है एवं फर्जी फर्मों में हुए लेन देन का हिसाब व्यापारी व उद्यमी डकार जाते है। इस प्रकार व्यापारी व उद्यमी आयकर विभाग व वाणिज्य कर विभाग की आखों में धूल झोंककर टैक्स की चोरी करते है। वहीं पचपदरा में रिफाईनरी प्रोजेक्ट के पारित होने के बाद तो बिल्डर भी कई जमीनों का सौदा खुले में कर रहे है बड़े बिल्डरों राजस्व को नुकसान पहुंचाने में अव्वल है और इन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रहीं है।
देश के सभी शहरों से माल होता है परिवहन
उपखंड का एक मात्र बड़ा बड़ा बाजार बालोतरा में हीं है यहा आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग खरीददारी को आते है। शहर में वाणिज्य कर विभाग अन्य व्यवसाय करने वाले व्यापारियों से मासिक बंधी लेकर अपनी इतिश्री कर देते है। यहा निजी बसों,सरकार बसें,ट्रांसपोर्ट व निजी वाहनों के माध्यम से जोधपुर,अहमदाबाद,पाली,बड़ोदा,सूरत,डीसा,धानेरा,मुंबई आदि बड़े शहरों से करोड़ों रूपये के माल की डिलीवरी होती है। इन वाहनों से बड़ी तादाद में कपड़ा,किराना,जूती,कच्चा कपड़ा,स्टील,गोली बिस्किट,व पान मसाला तक का परिवहन होता है। ये वाहन रात के अंधेरे में रवाना होते है और शहर में भोर होने से पहले प्रथम रेलवे क्रासिंग,क्षत्रियों का मोर्चा व नए बस स्टेंड पर माल की सप्लाई कर दी जाती है। सूत्रों ने बताया कि बाहर से आने वाला किसी भी प्रकार का माल बिना वैट व ओरिजिनल बिल के बगैर आता है और सुबह में इन विभागों की नींद खुलती नहीं है तब तक उक्त माल गंतव्य तक पहुंच जाता है। ऐसा करके व्यापारी खुलेआम इन विभागों को चूना लगा रहे है।
अधिकारी उवाच---
हम तो कार्रवाई करते है लेकिन कुछ व्यापारी फर्र्माें के माध्यम से गुमराह करते है तो शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे।
सी एल जीनगर,वाणिज्य कर अधिकारी,बालोतरा।
भगाराम पंवार (9887119003)
बालोतरा। औद्योगिक नगरी के नाम से विख्यात बालोतरा नगरी के कारखानों में कपड़े का उद्योग तेजी से बढ़ रहा है तो दूसरी और आयकर विभाग एवं वाणिज्य कर विभाग को उद्यमी उनकी आखों में धूल झोंककर टैक्स की चोरी खुलेआम कर रहे हैं। मार्च का महिना वित्तिय वर्ष का अंतिम वर्ष होता है तो इस महिने में विभाग सिर्फ अपना सालाना टारगेट पूरा करने के लिए बहीं खातों में जैसे तैसे कर राजस्व की पूर्ति करते है और फिर साल भर तक सोते रहते है। रिको ओद्योगिक क्षेत्र में करीबन एक हजार से ज्यादा कारखानें संचालित होते है एवं बालोतरा उपखंड के आस पास ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण खरीददारी के लिए बालोतरा में खरीददारी व देश विदेश के कोने-कोने से आते है। यहा के उद्यमियों ने ऐसा जाल बिछा रखा है कि आयकर विभाग व वाणिज्य कर विभाग को खुलेआम उनकी आखों में धूल झोंककर टैक्स की चोरी कर चूना लगा रहे है जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है। यहां मौजूद आयकर विभाग व वाणिज्य कर विभाग दोनों के आला अधिकारी भी यह सब जानते हुए भी जनबूझकर उन्हें अनदेखा कर रहे है। विश्वसनीय सूत्रो ने बताया की आयकर व वाणिज्य कर विभाग इन दोनों मुख्य विभागों के अधिकारीयों की मासिक बंधी होने के कारण वे कार्रवाई करने से कतराते है और यदा कदा शिकायतें बड़े लेवल पर पहुंचने के कारण जयपुर या जोधपुर के इन विभागों ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम भी दिया है और बड़ी मात्रा में टैक्स की चोरी भी पकड़ी गई है। इन कार्रवाई के दौरान यहा के अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी।
ऐसे करते है टैक्स की चोरी
बालोतरा में संचालित उद्योग के मालिक व संचालक सिर्फ दिखानें को एक फर्म रजिस्टर्ड करवाते है और सिर्फ इसका हीं टैक्स जमा करवाते है। फिर ये उद्यमी व संचालक उसी कारखानें में उस फर्म के अलावा तीन चार अलग-अलग नामों से फर्म खोल देते है। व्यापारी उन फर्जी नाम की फर्मों के माध्यम से अपना व्यापार चलाते है और लेन देन उसमें हीं करते है। जो रजिस्टर्ड फर्म होती है उसमें नाम मात्र का लेन देन करते है। वे सिर्फ एक हीं फर्म का टैक्स जमा करवाकर इतिश्री कर लेते है एवं फर्जी फर्मों में हुए लेन देन का हिसाब व्यापारी व उद्यमी डकार जाते है। इस प्रकार व्यापारी व उद्यमी आयकर विभाग व वाणिज्य कर विभाग की आखों में धूल झोंककर टैक्स की चोरी करते है। वहीं पचपदरा में रिफाईनरी प्रोजेक्ट के पारित होने के बाद तो बिल्डर भी कई जमीनों का सौदा खुले में कर रहे है बड़े बिल्डरों राजस्व को नुकसान पहुंचाने में अव्वल है और इन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रहीं है।
देश के सभी शहरों से माल होता है परिवहन
उपखंड का एक मात्र बड़ा बड़ा बाजार बालोतरा में हीं है यहा आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग खरीददारी को आते है। शहर में वाणिज्य कर विभाग अन्य व्यवसाय करने वाले व्यापारियों से मासिक बंधी लेकर अपनी इतिश्री कर देते है। यहा निजी बसों,सरकार बसें,ट्रांसपोर्ट व निजी वाहनों के माध्यम से जोधपुर,अहमदाबाद,पाली,बड़ोदा,सूरत,डीसा,धानेरा,मुंबई आदि बड़े शहरों से करोड़ों रूपये के माल की डिलीवरी होती है। इन वाहनों से बड़ी तादाद में कपड़ा,किराना,जूती,कच्चा कपड़ा,स्टील,गोली बिस्किट,व पान मसाला तक का परिवहन होता है। ये वाहन रात के अंधेरे में रवाना होते है और शहर में भोर होने से पहले प्रथम रेलवे क्रासिंग,क्षत्रियों का मोर्चा व नए बस स्टेंड पर माल की सप्लाई कर दी जाती है। सूत्रों ने बताया कि बाहर से आने वाला किसी भी प्रकार का माल बिना वैट व ओरिजिनल बिल के बगैर आता है और सुबह में इन विभागों की नींद खुलती नहीं है तब तक उक्त माल गंतव्य तक पहुंच जाता है। ऐसा करके व्यापारी खुलेआम इन विभागों को चूना लगा रहे है।
अधिकारी उवाच---
हम तो कार्रवाई करते है लेकिन कुछ व्यापारी फर्र्माें के माध्यम से गुमराह करते है तो शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे।
सी एल जीनगर,वाणिज्य कर अधिकारी,बालोतरा।
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