पहली बार बालिकाओं को ढूंढ़ा गया और बच्चों की सामूहिक ढूंढ़ में उमड़े लोग
बालोतरा। रंगों का पर्व होली उपखंड मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को परंपराओं व रिति रिवाज के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। निर्धारित मुहूर्त पर शहर के विभिन्न इलाकों में होलिका दहन किया गया । होलीका दहन के बाद शहर में देर रात तक लोग चंग की थाप पर फाल्गुनी गीत गाकर होली की मस्ती में झूमते रहें। गेरियें चंग लेकर रात्री घरों में नन्हें मुन्नों दूल्हों को ढूढऩे के लिए उनके घर पर चगं बजाकर बच्चों की लम्बी उम्र की कामना करने की रस्म अदा की गई। गांवो में होली के पर्व को लेकर खासा उत्साह देखा गया,ग्रामीण भी पूरी रात चंग बजाकर फाल्गुनी मस्ती में रंगे नजर आयें। गांवो में देर रात तक महिलाओं ने लूर लेकर फाल्गुनी गीतो पर रात भर थिरकती नजर आई। इसके बाद दूसरे दिन बुधवार को धुलंडी के दिन शहरवासी एक-दूसरे को गुलाल-अबीर लगाकर पर्व की बधाई दी। शहर व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रो में भी होली का पर्व धूमधाम से मनाकर एक दूसरे का मुंह मीठा करवाकर खुशहाली की कामना कर बधाई दी। कई समाजों में नौनिहालों की ढूंढ़ का भी आयोजन किया गया। राजस्थान की लोक कला गेर नृत्य का आगाज भी शहर व ग्रामीण क्षेत्रो में बुधवार रात्री से शुरू हो गया,गेरियें देर रात तक ढ़ोल थाली व चंग की थाप पर नाचते हुएं नजर आने शुरू हो गये। वहीं धुलंडी के दिन सभी शहरवासियों ने एक दूसरें को रंग,गुलाल व अबीर लगाकर होली खेली और एक दूसरें को बधाईयां दी।
माली समाज में सामूहिक ढूंढ़ोत्सव का आयोजन
परंपरानुसार पौराणिक रीति रिवाज के अनुसार होली पर नौनिहालों के ढूंढ़ोत्सव के आयोजन शहर में कई जगह किये गये। हालांकि ढूंढ़ोत्सव के आयोजन को लेकर ढूंढ़ वाले परिवार ने पहले से तैयारी कर ली थी। महिलाओं ने ढूंढ़ोत्सव आयोजन के लिए खरीदारी तथा रात्रि में सांझियां के आयोजन भी शुरू कर दिए थे। इसी तरह सोमवार को माली समाज भवन गांधीपुरा में सामूहिक ढ़ंढोत्सव के पश्चात सामूहिक भोजन व सभा का आयोजन किया गया। माली समाज द्वारा आयोजित सामूहिक ढूंढ़ोत्सव में लोगों ने बढ़चढक़र भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया। बालोतरा के माली समाज का ये सामूहिक ढंूढोत्सव का आयोजन पिछले कई वर्षो से होता आ रहा हैं।
शहर में पहली बार बालिकाओं को ढूंढ़ा गया
माली समाज के बुजुर्गों से प्रेरणा लेते हुए माली समाज शिक्षा जागृति संस्थान की और पहली बार बालिकाओं को ढूंढऩे का सराहनीय प्रयास किया गया। इसी कड़ी उपखंड अधिकारी उदयभानू चारण ने समाजसेवी चंपालाल सुंदेशा के घर पर बालिकाओं को ढूंढऩे के कार्यक्रम की शुरूआत की। उपखंड अधिकारी ने बालिकाओं को ढूंढऩे के कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि समाज की रूढिवादी परम्पराओं से आगे बढक़र किया जा रहा है शुभ कार्य और भी समाज के लोगों को प्रेरणा देगा। इस अवसर पर एसडीएम ने बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र व उपहार देकर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर समाजसेवी मोहनलाल गहलोत,चंपालाल सुंदेशा,श्रवण सुंदेशा,भरत गहलोत,सुभाष गहलोत,महेंद्र चौहान,भूपेश,नवनीत पंवार,नरेश पंवार,बलराम सहित माली समाज के मौजिज लोग उपस्थित थे।
शनि धाम में फूलों से खेली होली
रंगो के त्योहार पर श्री सूर्य मंडल की ओर शनि मंदिर पर भजनों की मधुर स्वर लहरियों के साथ फूलों की होली खेली गई। प्रवक्ता दौलत प्रजापत ने बताया कि इस दौरान अध्यक्ष नेमीचंद सोनी,मंडल सचिव हिरालाल प्रजापत,सुरेश सिंघल,सुनील बंसल,राजू भाई डागा,डॉ मदन गहलोत,ओमप्रकाश प्रजापत,हजारीमल माली,ओम भाटी,कमलेश,तुलसीदास सहित सभी सदस्यों ने फूलों की होली खेलकर होली की बधाईयां दी।
बालोतरा। रंगों का पर्व होली उपखंड मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को परंपराओं व रिति रिवाज के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। निर्धारित मुहूर्त पर शहर के विभिन्न इलाकों में होलिका दहन किया गया । होलीका दहन के बाद शहर में देर रात तक लोग चंग की थाप पर फाल्गुनी गीत गाकर होली की मस्ती में झूमते रहें। गेरियें चंग लेकर रात्री घरों में नन्हें मुन्नों दूल्हों को ढूढऩे के लिए उनके घर पर चगं बजाकर बच्चों की लम्बी उम्र की कामना करने की रस्म अदा की गई। गांवो में होली के पर्व को लेकर खासा उत्साह देखा गया,ग्रामीण भी पूरी रात चंग बजाकर फाल्गुनी मस्ती में रंगे नजर आयें। गांवो में देर रात तक महिलाओं ने लूर लेकर फाल्गुनी गीतो पर रात भर थिरकती नजर आई। इसके बाद दूसरे दिन बुधवार को धुलंडी के दिन शहरवासी एक-दूसरे को गुलाल-अबीर लगाकर पर्व की बधाई दी। शहर व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रो में भी होली का पर्व धूमधाम से मनाकर एक दूसरे का मुंह मीठा करवाकर खुशहाली की कामना कर बधाई दी। कई समाजों में नौनिहालों की ढूंढ़ का भी आयोजन किया गया। राजस्थान की लोक कला गेर नृत्य का आगाज भी शहर व ग्रामीण क्षेत्रो में बुधवार रात्री से शुरू हो गया,गेरियें देर रात तक ढ़ोल थाली व चंग की थाप पर नाचते हुएं नजर आने शुरू हो गये। वहीं धुलंडी के दिन सभी शहरवासियों ने एक दूसरें को रंग,गुलाल व अबीर लगाकर होली खेली और एक दूसरें को बधाईयां दी।
माली समाज में सामूहिक ढूंढ़ोत्सव का आयोजन
परंपरानुसार पौराणिक रीति रिवाज के अनुसार होली पर नौनिहालों के ढूंढ़ोत्सव के आयोजन शहर में कई जगह किये गये। हालांकि ढूंढ़ोत्सव के आयोजन को लेकर ढूंढ़ वाले परिवार ने पहले से तैयारी कर ली थी। महिलाओं ने ढूंढ़ोत्सव आयोजन के लिए खरीदारी तथा रात्रि में सांझियां के आयोजन भी शुरू कर दिए थे। इसी तरह सोमवार को माली समाज भवन गांधीपुरा में सामूहिक ढ़ंढोत्सव के पश्चात सामूहिक भोजन व सभा का आयोजन किया गया। माली समाज द्वारा आयोजित सामूहिक ढूंढ़ोत्सव में लोगों ने बढ़चढक़र भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया। बालोतरा के माली समाज का ये सामूहिक ढंूढोत्सव का आयोजन पिछले कई वर्षो से होता आ रहा हैं।
शहर में पहली बार बालिकाओं को ढूंढ़ा गया
माली समाज के बुजुर्गों से प्रेरणा लेते हुए माली समाज शिक्षा जागृति संस्थान की और पहली बार बालिकाओं को ढूंढऩे का सराहनीय प्रयास किया गया। इसी कड़ी उपखंड अधिकारी उदयभानू चारण ने समाजसेवी चंपालाल सुंदेशा के घर पर बालिकाओं को ढूंढऩे के कार्यक्रम की शुरूआत की। उपखंड अधिकारी ने बालिकाओं को ढूंढऩे के कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि समाज की रूढिवादी परम्पराओं से आगे बढक़र किया जा रहा है शुभ कार्य और भी समाज के लोगों को प्रेरणा देगा। इस अवसर पर एसडीएम ने बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र व उपहार देकर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर समाजसेवी मोहनलाल गहलोत,चंपालाल सुंदेशा,श्रवण सुंदेशा,भरत गहलोत,सुभाष गहलोत,महेंद्र चौहान,भूपेश,नवनीत पंवार,नरेश पंवार,बलराम सहित माली समाज के मौजिज लोग उपस्थित थे।
शनि धाम में फूलों से खेली होली
रंगो के त्योहार पर श्री सूर्य मंडल की ओर शनि मंदिर पर भजनों की मधुर स्वर लहरियों के साथ फूलों की होली खेली गई। प्रवक्ता दौलत प्रजापत ने बताया कि इस दौरान अध्यक्ष नेमीचंद सोनी,मंडल सचिव हिरालाल प्रजापत,सुरेश सिंघल,सुनील बंसल,राजू भाई डागा,डॉ मदन गहलोत,ओमप्रकाश प्रजापत,हजारीमल माली,ओम भाटी,कमलेश,तुलसीदास सहित सभी सदस्यों ने फूलों की होली खेलकर होली की बधाईयां दी।
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