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Monday, February 5, 2018

प्रभावशाली उद्यमियो की इकाइयों मे गोपनीय जांच की मांग

टेक्सटाइल उद्योगों मे एनओसी से ज्यादा मशीनरी संचालन की शिकायत
बालोतरा
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की चेयरपर्सन को   बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योगों मे माननीय एनजीटी के आदेशो की पालना करवाने व रासायनिक प्रदूषण की समुचित रोकथाम करवाने व एनओसी से ज्यादा मशीनरी संचालन करने वाली इकाइयों के खिलाफ प्रदूषण निवारण एवं पर्यावरण संरक्षण समिति ने शिकायत दी है। 
ज्ञापन मे बताया गया कि बालोतरा के टेक्सटाइल उद्योगों से निकलने वाले रासायनिक प्रदूषण के रोकथाम की सख्त जरूरत है। रीको औद्योगिक क्षेत्र सहित गांधिपुरा, बिठूजा, जसोल, जेरला रोड क्षेत्र मे संचालित टेक्सटाइल उद्योग से निकलने वाला घातक रासायनिक प्रदूषित पानी पर्यावरण को नष्ट करने के साथ ही आबोहवा मे जहर घोल रहा है ओर मरूगंगा मानी जाने वाली लूणी नदी को बर्बाद कर रहा है। सीईटीपी ट्रस्ट ने अपने स्तर अपने चहेते उद्यमियो को 106 इकाइयों को सीईटीपी प्लांट से जोड़ने की अनुमति दे दी है ओर इकाइयां का संचालन शुरू करवा दिया है पर अभी तक उन 106 इकाइयों के पास प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा संचालन की अनुमति नही है । समिति द्वारा पिछले एक वर्ष से उन 106 इकाइयों को बंद करवाने की मांग की जा रही है पर मंडल कोई सुनवाई नही कर रहा है। अतः इन 106 अवैध इकाइयों को तुरंत बंद करवाया जाये। रीको औद्योगिक क्षेत्र मे संचालित दीपक डाइंग e 69,  मधुर टेक्सटाइल मिल्सe 64 इकाइयों मे एनओसी से ज्यादा मशीनरी का संचालन मंडल के अधिकारी जगदीश चौधरी ने निरीक्षण मे पाया था। बाद मे अधिक मशीनरी को सिज भी किया था पर बाद मे इकाई संचालक ने सिज मशीनरी को खोल कर फिर कार्य शुरू कर दिया था। इसी प्रकार  सेंचुरी मिल्स,  निकेश टेक्सटाइल मिल्स e 223 a रीको ,हीरामणि टेक्सटाइल्स मिल्स e 236 रीको  इन इकाइयों मे एनओसी से चार गुना ज्यादा कार्य संचालन हो रहा है। इन इकाइयों का गोपनीय निरीक्षण कर क्षमता से अधिक कार्य कर एनजीटी के आदेश की अवहेलना करने वाली इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे।  समिति ने पूर्व मे वाशिंग यूनिट्स मे  वाटर रीयुज का एक फॉर्मूला सुझाव दिया था जिससे प्रतिदिन लाखो गेलन जल की बचत हो सकती है। उस फॉर्मूले के जल्द लागू करवाया जाय।  क्षेत्र मे ईटीपी आधरित इकाइयां जमकर प्रदूषण फेला रही है। उन इकाइयों के खिलाफ आपने सख्त कार्यवाही की बात कही थी लेकिन अभी तक ईटीपी इकाइयों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई है। ईटीपी इकाइयां आज भी खुले मे रासायनिक प्रदूषित पानी बहा रही है। ईटीपी इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये।।  स्लज निस्तारन इकाई रामकी  फेक्ट्री मे भी पूर्णत मानको का पालन नही हो रहा है। अवैज्ञानिक तरीके से निस्तारित की जा रही स्लजआबोहवा मे प्रदूषण व जमीन को बीमारी की सौगात दे रही है। अतः स्लज निस्तारण इकाई रामकी खेड़  गाव की भी सघन जांच करवाई जाये। रीको औद्योगिक क्षेत्र मे इकाइयों मे बॉयलर मे प्रतिबंधित कोयला उपयोग मे लिया जा रहा है। धुँआ निकलने वाली चिमनियों की ऊंचाई भी कम है ओर चिमनियों के ऊपर डस्ट क्लीनर भी नही लगे हुए है। ऐसे मे टेक्सटाइल इकाइयां हवा को भी दूषित कर रही है। धुए के साथ गिरने वाला कोयला लोगो की आंखो को बीमार कर रहा है। अतः चिमनियों की ऊंचाई को बढ़ाने के निर्देश दिए जाये।  सीईटीपी ट्रस्ट बालोतरा की प्रबोधन कमिटी मे कोई किसान नही है। अतः सीईटीपी प्रबोधन कमिटी मे हम किसानो को भी जोड़ा जाये। टेक्सटाइल उद्योग मे मंडल द्वारा दी गयी एनओसी से कई गुना अधिक मशीनरी का संचालन हो रहा है। अतः आप गोपनिया जांच दल का गठन कर समिति सदस्यों को साथ रखे तो समिति आपको उन सभी इकाइयों मे जांच करवा सकती है जिनमे मंडल की एनओसी से ज्यादा अवैध कार्य का संचालन हो रहा है। 
                

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