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Thursday, February 1, 2018

कलेक्टर साहब लुनी नदी तो बर्बाद हो गयी, अब जोजरी नदी को बर्बाद होने से रोको

बाड़मेर
खेड़, तिलवाड़ा जेरला  सहित आस पास के ग्रामीणों ने आज अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सीईटीपी ट्रस्ट बालोतरा द्वारा बिना अनुमति के खेड़ गाव मे प्रदूषित पानी का तालाब बनाकर एनजीटी के आदेश की अवहेलना करने बाबत अवगत करवाते हुए कार्यवाही की मांग की।
ज्ञापन मे ग्रामीणों ने बताया कि सीईटीपी ट्रस्ट की लापरवाही व हठधर्मिता के कारण मरूगंगा कही जाने वाली लूणी नदी टेक्सटाइल प्रदूषण से बर्बाद हो चुकी है। नदी मे प्रदूषण ने हजारो किसानो की रोजी रोटी को छिन लिया है। अब सीईटीपी ट्रस्ट की नजर लूणी नदी की सहायक नदी जोजरी पर है। जोजरी नदी की हद मे सीईटीपी ट्रस्ट ने अपनी खरीदी हुई खातेदारी भूमि मे प्रदूषण नियंत्रण मंडल व प्रसाशन की अनुमति के बिना अवैध रूप से प्रदूषित पानी का कच्चा तालाब बनाकर उसे एचारतीएस प्लांट का रूप देकर एनजीटी को धोखा देने का प्रयास किया जा रहा है। एनजीटी ने एचार्टीस का तल पूर्ण रूप से पक्का सीमेंट कंक्रीट का बनाने का आदेश दिया है पर खेड़ मे जोजरी नदी के किनारे बनाये गए एचार्टीएस प्लांट के फर्श को पक्का बनाये बिना ही उसमे पॉलीथिन बिछा दिया है। फर्श के पक्का नही होने के कारण एचआरटीइस प्लांट से रीसकर जोजरी नदी मे प्रदूषित पानी जा रहा है जो  एनजीटी के आदेश की अवहेलना है। यही जोजरी नदी आगे जाकर लूणी नदी मे मिलती है। सीईटीपी की हठधर्मिता के चलते फिर से लूणी नदी व जोजरी नदी रासायनिक प्रदूषण की चपेट मे है। नदी के किनारे स्तिथ दर्जनों गावो के किसानो व ग्रामीणों के हितो पर सीईटीपी ट्रस्ट बालोतरा कुठाराघात कर रहा है। खेड़ ग्राम पंचायत की सहमति नही होने के बावजूद भी सीईटीपी ट्रस्ट बालोतरा ने अवैध रूप से प्रदूषित पानि का तालाब बना दिया है। सरपंच संघ भी अनेक बार खेड़ मे जोजरी नदी मे एचार्टीएस प्लांट का निर्माण नही करने की मांग कर चुका है पर ट्रस्ट के प्रभावशाली होने के कारण प्रसाशन कोई कार्यवाही नही कर रहा है। खेड़ मे बनाये गये एचार्टीएस प्लांट के चारो ओर चारदीवारी भी नही बनाई गई है। ऐसे मे हादसे की आशंकाए भी बढ़ गई है। रीको औद्योगिक क्षेत्र मे संचालित टेक्सटाइल इकाइयों मे धुँआ निकलने के लिए लगाई गई चिमनियों की ऊंचाई भी मानक के अनुसार नही है। टेक्सटाइल इकाइयों मे प्रतिबंधित कोयला उपयोग किया जा रहा है। चिमनियों की ऊंचाई कम होने से कोयले की राख नीचे गिर रही है जो लोगो के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है। टेक्सटाइल इकाइयों से बालोतरा उपखंड की आबोहवा मे रासायनिक जहर घुल रहा है। बलोतरा मे वायु प्रदूषण के हालात भी बेकाबू हो रहे है।  किसान पिछले लंबे समय से उपखंड प्रसाशन व जिला प्रसाशन से रासायनिक प्रदूषण की रोकथाम के लिए दरख़्वास्त दे रहे है पर टेक्सटाइल इकाइयों के मालिको के प्रभावशाली होने के कारण किसानो की नही सुनी जा रही है।  किसानो की मांगो पर कोई कार्यवाही नही होने के कारण किसानो मे रोष व्याप्त है। अब यदि समय रहते शेत्रा मे रासायनिक प्रदूषण की रोकथाम नही हुई तो एकसप्ताह के बाद किसानो को धरना प्रदर्शन को मजबूर होना पड़ेगा। सीईटीपी प्रबोधन कमिटी मे राज्य सरकार ने किसानो व किसान संघठनो के प्रतिनिधियों को सदस्य बनाने का निर्णय दे रखा है पर कमिटी मे उद्यमियो ने किसी किसान को सदस्य नही बनाया है। अतः आप जल्द से जल्द प्रबोधन कमिटी मर किसानो को सदस्य लेने के लिए सीईटीपी को पाबंद करे।
उपखंड के बिठूजा गाव मे सक्षम अनुमति के लगातार अवैध रूप से कृषि कुओ से टेक्सटाइल उद्योगों को बेचने के लिए जलमफिया सक्रिय है। लोकायुक्त के अवैध जलदोहन पर रोक के आदेश की उपखंड प्रसाशन पालना नही करवा रहा है जिससे किसान दुखी है। अतः बिठूजा मे हो रहे अवैध जलदोहन को तुरंत रुकवाकर लोकायुक्त क निर्देशो की पालना सुनिश्चि करवाये।  सीईटीपी ट्रस्ट बालोतरा ने एनजीटी के आदेश की अवहेलना कर उद्यमियो से साठ गाठ कर अपने स्तर पर 106 इकाइयों को अवैध संचालन की अनुमति देदी है। इन 106 इकाइयों को अभी प्रदूषण नियंत्रन मंडल ने अनुमति नही दी है फिर भी इन 106 इकाइयों का संचालन जारी है जो एनजीटी के आदेश की अवहेलना है। इन 106 इकाइयों को तुरंत बंद करवाया जाये। अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश विश्नोई ने जांच करवाने का आश्वाशन दिया है।

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