सफलता की कहानी -- अनुदान पर लगाया ग्रीन हाऊस, अब कमा रहे हैं लाखों
जयपुर, 18 मई। कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी के नेतृत्व में मई, 2016 में प्रगतिशील किसानों का एक दल इजरायल में कृषि के नवाचारों को देखने गया था। इस दल में उनके साथ गए थे झालावाड़ जिले के धनवाड़ा गांव के प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश पाटीदार। बकौल ओमप्रकाश को वहां विश्व की उन्नत कृषि तकनीक से रूबरू होने का मौका मिला। उन्होंने वहां देखा कि बहुत कम पानी और जमीन में भी तकनीक का प्रयोग करके वहां के किसान रुपये लाखों कमा रहे हैं। ये वहां की ड्रिप और संरक्षित खेती से बड़े प्रभावित हुए। इन्होंने वहां से लौटते ही ग्रीन हाऊस के लिए आवेदन किया। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत इन्होंने अपने यहां 4 हजार वर्गमीटर का 70 फीसदी अनुदान पर ग्रीन हाऊस लगाया। इस ग्रीन हाऊस में पहले साल इन्होंने इसमें खीरे के फसल ली। ओमप्रकाश बताते हैं कि जब हम खुले खेत में खीरे की फसल लेते थे, तो लगभग 50 हजार रुपये का ही मुनाफा होता था, लेकिन आज उतनी ही जमीन में मुनाफा 10 गुना बढ़कर 5 लाख रुपये हो गया है। इन्होंने ग्रीन हाऊस के साथ अपने 10 बीघा खेत में मल्चिंग के साथ सब्जियां उगानी भी शुरू कर दी हैं। इस तकनीक से खेती करने पर इनका उत्पादन दोगुना हो गया है। ओमप्रकाश अभी अपने खेत पर बैंगन, मिर्ची, भिंडी की खेती कर रहे हैं। उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से इनकी खेती करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया और आज ये लाखों रुपये इसके माध्यम से कमा रहे हैं।
वरदान सिद्ध हुआ ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट
श्री ओमप्रकाश ने बताया कि नवम्बर, 2016 में जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजित ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट किसानों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है। उन्होंने बताया कि उन्हें यहां खेती की सामान्य जानकारी के साथ विशिष्ट जानकारी मिली। कृषि की ऎसी तकनीक से रूबरू होने का मौका मिला, जिसको अपनाने से किसानों की आय में आशातीत वृद्धि हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में वे अपने एमसीए डिग्री प्राप्त बेटे को लाए थे, जिसके बाद उनके बेटे ने नौकरी के बजाय खेती को अपना रोजगार बनाया। ---
जयपुर, 18 मई। कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी के नेतृत्व में मई, 2016 में प्रगतिशील किसानों का एक दल इजरायल में कृषि के नवाचारों को देखने गया था। इस दल में उनके साथ गए थे झालावाड़ जिले के धनवाड़ा गांव के प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश पाटीदार। बकौल ओमप्रकाश को वहां विश्व की उन्नत कृषि तकनीक से रूबरू होने का मौका मिला। उन्होंने वहां देखा कि बहुत कम पानी और जमीन में भी तकनीक का प्रयोग करके वहां के किसान रुपये लाखों कमा रहे हैं। ये वहां की ड्रिप और संरक्षित खेती से बड़े प्रभावित हुए। इन्होंने वहां से लौटते ही ग्रीन हाऊस के लिए आवेदन किया। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत इन्होंने अपने यहां 4 हजार वर्गमीटर का 70 फीसदी अनुदान पर ग्रीन हाऊस लगाया। इस ग्रीन हाऊस में पहले साल इन्होंने इसमें खीरे के फसल ली। ओमप्रकाश बताते हैं कि जब हम खुले खेत में खीरे की फसल लेते थे, तो लगभग 50 हजार रुपये का ही मुनाफा होता था, लेकिन आज उतनी ही जमीन में मुनाफा 10 गुना बढ़कर 5 लाख रुपये हो गया है। इन्होंने ग्रीन हाऊस के साथ अपने 10 बीघा खेत में मल्चिंग के साथ सब्जियां उगानी भी शुरू कर दी हैं। इस तकनीक से खेती करने पर इनका उत्पादन दोगुना हो गया है। ओमप्रकाश अभी अपने खेत पर बैंगन, मिर्ची, भिंडी की खेती कर रहे हैं। उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से इनकी खेती करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया और आज ये लाखों रुपये इसके माध्यम से कमा रहे हैं।
वरदान सिद्ध हुआ ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट
श्री ओमप्रकाश ने बताया कि नवम्बर, 2016 में जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजित ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट किसानों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है। उन्होंने बताया कि उन्हें यहां खेती की सामान्य जानकारी के साथ विशिष्ट जानकारी मिली। कृषि की ऎसी तकनीक से रूबरू होने का मौका मिला, जिसको अपनाने से किसानों की आय में आशातीत वृद्धि हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में वे अपने एमसीए डिग्री प्राप्त बेटे को लाए थे, जिसके बाद उनके बेटे ने नौकरी के बजाय खेती को अपना रोजगार बनाया। ---
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