उच्च तकनीकी शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजना के क्रियान्वयन को बनाएंगे और प्रभावी
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री
जयपुर,
19 मई। राज्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के
विद्यार्थियों के लिए मेडिकल सहित अन्य उच्च तकनीकी शिक्षा के लिए वर्तमान
में संचालित उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के क्रियान्वयन को और प्रभावी
बनाया जायेगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अरुण चतुर्वेदी ने
शुक्रवार को सचिवालय स्थित अपने कक्ष में आयोजित बैठक में इस संबंध में
निर्देश दिये।
अजा-जजा वर्ग के विद्यार्थियों को
मेडिकल की पढ़ाई के लिये वित्तीय सहायता देने से संबंधित बजट घोषणा की
क्रियान्विति के संबंध में आयोजित इस बैठक मेें सामाजिक न्याय एवं
अधिकारिता मंत्री ने अधिकारियों को कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के
विद्यार्थियों की संख्या एवं छात्रवृत्ति के रूप में देय राशि से संबंधित
आंकड़े एकत्रित किये जायें। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के
विद्यार्थियों को मेडिकल एवं अन्य उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने में
किसी प्रकार की वित्तीय परेशानी नहीं हो इसके लिए विभाग द्वारा चलाई जा रही
इस योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग कर विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति का
लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए।
उल्लेखनीय है कि
विभाग द्वारा वर्तमान में राज्य के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग
के बच्चे जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से कम है, उन्हें
एमबीबीएस करने के दौरान प्रतिवर्ष 2.95 लाख रुपये एवं पोस्ट ग्रेजुएशन करने
के दौरान 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जा रही है।
इस योजना के तहत अनिवार्य शुल्क एवं पाठ्यक्रम के अनुसार अनुरक्षण भत्ता भी
देय है।
बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अशोक जैन तथा निदेशक डॉ. समित शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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