साहब जल दोहन रोको
बालोतरा
निकटवर्ती
बिठूजा गांव के ग्रामीणों ने आज न्याय आपके द्वारा अभियान के शिविर में
उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर कृषि कुओ से हो रहे अंधाधुन जलदोहन को
रुकवाने की मांग की।
ग्रामीणों ने बताया कि सरकार
ने ग्रामीणों की मदद के लिए न्याय आपके द्वार अभियान शुरू किया है। पर यह
अभियान हम बिठूजा के किसानो व् ग्रामीणों के लिए बेमानी है। हमारी जमीने जल
माफिया खोखली कर रहे है तो रासायनिक प्रदुषण ने हमारे रोजगार को खत्म कर
दिया है। क्या हम किसानो को आज इस न्याय आपके द्वारा में न्याय मिलेगा।
हम
किसानो ने हमारी खेती के लिए पानी बचाने के लिए हमारे कृषि कुओ से
जलमाफियो द्वारा किये जा रहे अवैध जलदोहन को रुकवाने के लिए माननीय
लोकायुक्त महोदय की शरण ली। माननीय लोकायुक्त महोदय ने हमारी पीड़ा को
समझते हुए जल दोहन को रुकवाने के निर्देश आपको दिए। ज्ञापन में ग्रामीणों
ने आरोप लगाया कि एक बार जल माफियाओ की एक पाइप लाइन को आधा इंच काट कर
कृतव्य पूरा कर लिया क्योंकि आप पर सिक्को का दबाव आ चूका था। आज भी जल
माफिया हम किसानो को नीचा दिखाने के लिए माननीय लोकायुक्त महोदय के
निर्देशो की अवहेलना कर चौबीसो घंटे जल दोहन कर रहे है। खेद के साथ आपको
बताना पड़ रहा है कि आप के कारण हम किसानो के हिस्से का पानी टेक्सटाइल
उद्योग में बिक रहा है जिससे आप व् जलमाफिया घर भर रहे है। क्या आज इस
न्याय के नाम पर लगने वाले शिविर में हमें न्याय दे सकते है आप?
इसके
बाद रही सही कसर बिठूजा में संचालित टेक्सटाइल उद्योग ने पूरी कर दी है।
टेक्सटाइल इकाइयों से खुले में व् लूणी नदी में डाले जाने वाले रासायनिक
प्रदूषित पानी ने हमारे रोजगार के जरिये खेती को खत्म कर दिया है। हम किसान
लगातार प्रसाशन से लूणी नदी में रासायनिक प्रदुषण के रोकथाम की मांग कर
रहे है पर हम किसानो की आवाज आपको क्यों सुनाई देगी क्योंकि सिक्को की खनक
टेक्सटाइल उद्यमियो के पास है हमारे पास नहीं है। क्या हम किसानो के साथ
मरूगंगा लूणी नदी को आज न्याय मिलेगा ?क्या प्रसाशन वास्तव में अपने
दायित्वों को आज निभाएगा।यदि हा तो हम किसानो को जल दोहन रुकवाकर, लूणी नदी
में रासायनिक प्रदुषण की रोकथाम कर राहत दिलावे।
लूणी
नदी में खनन कर्ताओ ने अंधाधुन खन्न कर नदी का स्वरुप बिगाड़ दिया है।
ग्रामीणों ने नदी में अमानक खनन को बंद करवाकर नदी को राहत दिलाने की भी
मांग की। इस अवसर पर बड़ी तादाद में किसान व् ग्रामीणों मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment